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दल शिक्षण toli teaching |
दल शिक्षण टोली शिक्षण या सामुहिक शिक्षण
शिक्षण (Team Teaching) दल शिक्षण का अभिप्राय दो या दो से अधिक भिन्न-भिन्न या समान विषयों के अनुभवी शिक्षकों द्वारा शिक्षार्थियो के समक्ष प्रभावी शिक्षण करवाने से है। इस शिक्षण व्यूहरचना में किसी प्रकरण के एक-एक बिन्द को संबंधित विषय विशेषज्ञ अध्यापक के द्वारा शिक्षार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है तथा शिक्षार्थीयों की समस्याओं एवं शंकाओं का निवारण किया जाता है।
दल शिक्षण ऐतिहासिक परिदृश्य :
दल शिक्षण का विकास सर्वप्रथम 1957 में हरबर्टविश्वविद्यालय संयुक्त राज्य अमेरीका मे हुआ।
इस शिक्षण व्यूहरचना का सूत्रपात मॉनीटर पद्धति के रूप में 100 वर्ष पूर्व इंग्लैण्ड में हुआ। इंग्लैण्ड मे इसे लंका स्टार और बेल में प्रारंभ किया गया था। शिकांगो विश्वविद्यालय के फ्रांसिस चैन्ज द्वारा दल शिक्षण को प्रभावशाली बनाने के लिए प्रयोग किये गये। लोक्सिंगटन योजना 1957~64 में भी इस शिक्षण व्यूह रचना का प्रयोग किया गया। सन् 1960 तक इस व्यूहरचना का प्रयोग एवं प्रचलन ब्रिटेन मे होने लगा था।
• द्वितीय विश्वयुद्ध मे सेना के प्रशिक्षण हेतु भी इस व्यूहरचना का प्रयोग किया गया था।
दल शिक्षण के प्रकार:
आम सभालघु सभा
प्रशिक्षण प्रयोगशाला
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