Ratan Naval Tata रतन नवल टाटा श्रद्धांजलि: विशेष
टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का 9 अक्टूबर 2024 को देर रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। रतन टाटा 86 वर्ष के थे। पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा का दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 9 अक्टूबर की रात साढ़े 11 बजे निधन हो गया। रतन टाटा के निधन पर भारत ही नहीं विदेशों में भी शोक की लहर है क्योंकि रतन टाटा एक उद्योगपति के साथ साथ असाधारण व्यक्तित्व के धनी और करूणा के पूजारी थे। दान और मानव सेवा में रतन टाटा का नाम हमेशा अग्रणी रहेगा।
पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा
उद्योगपति रतन टाटा को वर्ष 2000 में भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। तथा साल 2008 में उन्हें दूसरा सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें महाराष्ट्र सरकार की तरफ से साल 2023 में उद्योग रत्न से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा रतन टाटा को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग लंबे समय से उठती रही है। हालांकि, अभी तक रतन टाटा को देश का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान नहीं मिला था।
सादगी और करूणा की मूरत थे रत्न टाटा
उद्योगपति रतन टाटा को दुनिया सादगीपूर्ण जीवन के लिए हमेशा याद करेगी ।रतन टाटा दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे, फिर भी वह कभी अरबपतियों की किसी सूची में नजर नहीं आए। उनके पास 30 से ज्यादा कंपनियां थीं जो छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैली थीं, इसके बावजूद वह एक सादगीपूर्ण जीवन जीते थे। रतन टाटा अपनी शालीनता और ईमानदारी के बूते एक अलग तरह की पहचान रखते थे।
टाटा समूह की स्थापना और इतिहास Establishment and history of Tata Group
टाटा कंपनी अपनी मजबूरी और गुणवत्ता के लिए हमेशा जानी जाती हैं जिसने भारत और दुनिया के लिए सूई से लेकर विभिन्न प्रकार के वाहनों और स्टील उद्योग की वस्तुएं निर्मित कर रही है। यह पहली बड़ी स्टील कंपनी है जो लग्जरी होटल देसी कंज्यूमर गुड्सश,एयरलाइंस, रेलवे इंजन, वाहन आदि के निर्माण की शुरुआत की थी । टाटा समूह की स्थापना की बात करें तो जमशेदजी टाटा ने 1868 में बिज़नेस की स्थापना की, थी जो अन्य सेक्टरों में ब्रांच करने से पहले कॉमर्स फर्म के रूप में शुरू हुई। 1907 में भारत का पहला एकीकृत स्टील प्लांट, टाटा स्टील बनाया गया। 1945 में टाटा मोटर्स की स्थापना हूई जो पहले टाटा इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी लिमिटेड के नाम से जाना जाता है। तत्पश्चात 1904–1938 जमशेदजी की मृत्यु के बाद, उनके बड़े बेटे दोराबजी टाटा 1904 मे इस समुह के अध्यक्ष बने। सर दोराबजी ने 1907 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को) की स्थापना की, जिसे अब टाटा स्टील के नाम से जाना जाता है।
कौन होगा टाटा समूह का उतराधिकारी Who will be the successor of Tata Group?
टाटा समूह के अधीन विभिन्न कम्पनियां और ट्रस्ट है जिस पर नियंत्रण और उतराधिकारी का सवाल सबसे बड़ा है। रतन टाटा के रिटायर होने के बाद, टाटा ग्रुप की कमान एन चंद्रशेखरन (Natarajan Chandrasekaran) के हाथों में है। उन्होंने 2017 में टाटा संस के चेयरमैन का पदभार संभाला था। एन चंद्रशेखरन इससे पहले टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं। अब रतन टाटा के निधन के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि इस
ग्रुप के उभरते सितारों में नोएल नवल टाटा (Noel Naval Tata) के तीन बच्चे - लिया, माया और नेविल शामिल हैं। ये सभी टाटा समूह में अपनी भूमिका निभा रहे हैं, इनमें से कोई इस समूह की बागडोर संभाल सकता है।रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ग्रुप का सम्भावित उत्तराधिकारी माना जा रहा है गौरतलब है कि रतन टाटा ने शादी नहीं की थी और उनकी कोई संतान नहीं है।
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