REET: रीट पाठ्यक्रम योग्यता एवं नया पेपर पैटर्न और पांच विकल्प ऐसे करें तैयारी Teacher main exam syllabus PDF Jagriti PathJagriti Path

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Sunday, October 13, 2024

REET: रीट पाठ्यक्रम योग्यता एवं नया पेपर पैटर्न और पांच विकल्प ऐसे करें तैयारी Teacher main exam syllabus PDF

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रीट शिक्षक भर्ती परीक्षा Reet teacher main exam 



राजस्थान में जनवरी-2025 के दूसरे सप्ताह में राजस्थान एलिजिबिलिटी एग्जाम फॉर टीचर्स (रीट) होगा। इस बार भी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड रीट का आयोजन करेगा। ऐसे में जो अभ्यर्थी रीट पास कर पाएंगे। उन्हें ही शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने का मौका मिल सकेगा।रीट को पास करने वाले अभ्यर्थी ग्रेड थर्ड टीचर्स भर्ती लेवल -1 और लेवल - 2 में अप्लाई कर सकेंगे। इस बार परीक्षा के पैटर्न में राजस्थान लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन बोर्ड की तर्ज पर बदलाव किए गए हैं।

ओएमआर शीट में मिलेंगे पांच ऑप्शन, जवाब नहीं देने पर होगी नेगेटिव मार्किंग 


इस बार अभ्यर्थियों को चार की जगह ओएमआर शीट में पांच ऑप्शन दिए जाएंगे। किसी सवाल के जवाब के लिए चार की जगह पांच विकल्प होंगे। ऐसे में अगर कोई अभ्यर्थी चारों विकल्प नहीं भरता है, तो उसे पांचवां विकल्प भरना होगा। ऐसा न करने पर निगेटिव मार्किंग होगी और नंबर कट जाएंगे। इसके साथ ही अगर किसी अभ्यर्थी ने 10 फीसदी से अधिक सवालों के जवाब में पांचों विकल्प में से एक भी नहीं चुना तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

अगर किसी अभ्यर्थी ने 10 सवालों तक आंसर शीट में कोई ऑप्शन नहीं भरा तो नेगेटिव मार्किंग होगी। अगर 10 से ज्यादा सवालों में पांचवां ऑप्शन नहीं भरा तो अभ्यर्थी को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। इस बार ओएमआर शीट पर अभ्यर्थी के रोल नंबर के साथ उसकी फोटो लगाने पर भी विचार हो रहा हैं। 

रीट के बाद होगी मुख्य शिक्षक भर्ती परीक्षा


तृतीय श्रेणी शिक्षण परीक्षा के लिए पात्र होने के लिए, उम्मीदवारों को पहले स्तर -1 और स्तर -2 परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। एक व्यक्ति जो दोनों स्तरों (कक्षा I से V और कक्षा VI से VIII) में पढ़ाना चाहता है, उसे दोनों परीक्षाएँ (पेपर I और पेपर II) देनी होंगी। रीट के बाद मुख्य परीक्षा का आयोजन होगा जो अभ्यर्थी बीएसटीसी/डीएलएड समकक्ष तथा बीएड कर चुके अभ्यर्थी तथा अंतिम वर्ष में अध्ययनरत अभ्यर्थी इस परीक्षा के लिए योग्य होंगे। इस परीक्षा को विभाग द्वारा निर्धारित केटेगरी वाइज अंकों जैसे 60% अंकों के साथ उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा से वे मुख्य परीक्षा के लिए एलिजिबल हो सके।

क्या है रीट


रीट का पूरा नाम Rajasthan Eligibility Examination for Teacher (REET)राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा है। जो राजस्थान में सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए आवश्यक पात्रता परीक्षा है। यह परीक्षा अजमेर के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के जरिए आयोजित की जाती है। रीट पास करने वाले उम्मीदवारों को राजस्थान शिक्षक पात्रता सर्टिफिकेट दिया जाता है। यह सर्टिफिकेट 3 साल के लिए मान्य होता है। ऐसे में 3 साल तक आयोजित होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा में रीट पास कर चुका उम्मीदवार आवेदन कर सकता है।


रीट के लिए योग्यता Eligibility for Reet 

रीट परीक्षा में बैठने के लिए योग्यता इस प्रकार है 

रीट लेवल 1 के लिए योग्यता 


•सीनियर सेकेंडरी (या इसके समकक्ष) न्यूनतम 50% अंकों के साथ और 2 वर्षीय डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed) के अंतिम वर्ष में हों या उत्तीर्ण हो चुके हों।

•सीनियर सेकेंडरी (या इसके समकक्ष) न्यूनतम 45% अंकों के साथ और एनसीटीई (मान्यता मानदंड और प्रक्रिया), विनियम, 2002 के अनुसार प्रारंभिक शिक्षा में 2 वर्षीय डिप्लोमा के अंतिम वर्ष में उत्तीर्ण या उपस्थित होना ।

•सीनियर सेकेंडरी (या इसके समकक्ष) न्यूनतम 50% अंकों के साथ और 4 वर्षीय बैचलर ऑफ एलीमेंट्री एजुकेशन (B.El.Ed) के अंतिम वर्ष में उत्तीर्ण या उपस्थित रहना।

•स्नातक या प्रारंभिक शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा के अंतिम वर्ष में उत्तीर्ण या अध्ययनरत 

•सीनियर सेकेंडरी (या इसके समकक्ष) न्यूनतम 50% अंकों के साथ और शिक्षा (विशेष शिक्षा) में 2 वर्षीय डिप्लोमा के अंतिम वर्ष में उत्तीर्ण या उपस्थित होना।


रीट लेवल 2 के योग्यता 


•प्रारंभिक शिक्षा में 2 वर्षीय डिप्लोमा में उत्तीर्ण या अन्तिम वर्ष में अध्ययनरत या स्नातक में उत्तीर्ण या अंतिम वर्ष में अध्ययनरत।

•न्यूनतम 50% अंकों के साथ स्नातक और शिक्षा में 1 वर्षीय स्नातक (बी.एड) में उत्तीर्ण या अंतिम या वर्ष में अध्ययनरत।

•न्यूनतम 45% अंकों के साथ स्नातक और एनसीटीई ( मान्यता मानदंड और प्रक्रिया) के अनुसार 1 वर्षीय बैचलर इन एजुकेशन (बी.एड) में उत्तीर्ण या अंतिम वर्ष में अध्ययनरत।

•सीनियर सेकेंडरी (या इसके समकक्ष) कम से कम 50% अंकों के साथ और 4 वर्षीय बैचलर इन एलीमेंट्री एजुकेशन (B.El.Ed) के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत या उत्तीर्ण।

•सीनियर सेकेंडरी (या इसके समकक्ष) न्यूनतम 50% अंकों के साथ और 4 वर्षीय B.A/B.Sc.Ed या B.A. Ed./B.Sc.Ed. के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत या उत्तीर्ण होना ।

•न्यूनतम 50% अंकों के साथ स्नातक और 1 वर्षीय बी.एड (स्पेशल एजुकेशन) में उत्तीर्ण या अध्ययनरत ।


रीट का पाठ्यक्रम Reet new syllabus



रीट सिलेबस (REET Syllabus) - लेवल-1 के लिए


बाल मनोविज्ञान एवं शिक्षा शास्त्र 



बाल विकास 

•वंशानुक्रम एवं वातावरण की भूमिका

•व्यक्तिगत विभिन्नताएँ 

•व्यक्तित्व 

•बुद्धि

•विविध अधिगमकर्ताओं की समझ

•अधिगम में आने वाली कठिनाइयॉ

•समायोजन की संकल्पना एवं तरीके, समायोजन में अध्यापक की भूमिका

•अधिगम का अर्थ एवं संकल्पना। अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक।

•अधिगम के सिद्धान्त एवं इनके निहितार्थ।

•बच्चे कैसे सीखते है। 

•अधिगम की प्रक्रियाएँ। 

•चिन्तन, कल्पना एवं तर्क

•अभिप्रेरणा व इसके अधिगम के लिए निहितार्थ।

•शिक्षण अधिगम की प्रक्रियाएँ

•राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा-2005 के संदर्भ में शिक्षण •अधिगम की व्यूह,रचना एवं विधियाँ।

•आकलन, मापन एवं मूल्यांकन का अर्थ एवं उद्देश्य, समग्र एवं सतत् मूल्यांकन, उपलब्धि परीक्षण का

निर्माण। 

सीखने के प्रतिफल

•क्रियात्मक अनुसन्धान

•शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 अध्यापकों की भूमिका एवं दायित्व।


रीट लेवन -1 भाषा - 1,2


रीट लेवल 1 में निम्नलिखित भाषा में से भाषा प्रथम और भाषा द्वितीय का चुनाव करना होता है जिससे भाषा प्रथम के अलावा एक अन्य भाषा को भाषा द्वितीय के रूप में चुनाव करना होता है जैसे भाषा प्रथम हिंदी तो भाषा द्वितीय संस्कृत, अंग्रेजी या अन्य।


1.संस्कृत

2.उर्दू

3.सिंधी

4.पंजाबी

5.गुजराती

6.अंग्रेज़ी

7.हिन्दी


भाषा 1 हिन्दी 


•एक अपठित गद्यांश में से निम्नलिखित व्याकरण संबंधी प्रश्न:

पर्यायवाची, विलोम, वाक्याशों के लिए एक शब्द, शब्दार्थ , शब्द शुद्धि।

•उपसर्ग

•प्रत्यय,

•संधि

•समास

•संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय। 

•एक अपठित गद्यांश में से निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रश्न:

रेखांकितशब्दों  का अर्थ स्पष्ट करना, वचन, काल, लिंग ज्ञात करना। दिए गए शब्दों का वचन काल और लिंग बदलना। 

•वाक्य रचना, वाक्य के अंग, वाक्य के प्रकार, पदबंध।

मुहावरे और लोकशक्तियाँ, विराम चिह्न।

•भाषा की शिक्षण विधि, भाषा शिक्षण के उपागम, भाषा दक्षता का विकास। 

•भाषायी कौशलों का विकास (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) 

•हिंदी भाषा शिक्षण में चुनौतियाँ, शिक्षण अधिगम सामग्री, •पाठय पुस्तक, बहुमाधयम एवं शिक्षण के अन्य संसाधन। 

•भाषा शिक्षण में मूल्यांकन, उपलब्धि परीक्षण का निर्माण समग्र एवं सतत् मूल्यांकन, उपचारात्मक शिक्षण। 


भाषा 2  हिंदी 


एक अपठित गद्यांश आधारित निम्नलिखित व्याकरण संबंधी प्रश्न :


•युग्म शब्द, वाक्याशों के लिए एक शब्द, उपसर्ग, प्रत्यय ।


•शुद्धि, ।


•संधि, समास, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, लिंग, वचन, काल, शब्द


• एक अपठित पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रश्न :-


•भाव सौंदर्य विचार सौंदर्य नाद सौंदर्य


•शिल्प सौंदर्य जीवन दृष्टि


• वाक्य रचना, वाक्य के अंग, वाक्य के भेद, पदबंध |


•मुहावरे, लोकोक्तियाँ, कारक चिह्न, अव्यय, विराम चिह्न ।


• भाषा शिक्षण विधि, भाषा शिक्षण के उपागम, भाषायी दक्षता का विकास । ,


• भाषायी कौशलों का विकास (सुनना, बोलना, पढ़ना लिखना) शिक्षण अधिगम सामग्री - पाठ्य पुस्तक, बहु-माध्यम एवं शिक्षण के अन्य संसाधन ।


• भाषा शिक्षण में मूल्यांकन, (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) उपलब्धि परीक्षण का निर्माण समग्र एवं सतत् मूल्यांकन । उपचारात्मक शिक्षण ।


भाषा 1  संस्कृत 


एकम् अपठितं गद्यांशम् आधारीकृत्य निम्नलिखित - व्याकरण - सम्बन्धिनः प्रश्नाः


• शब्दरूप-धातुरूप-कारक - विभक्ति - उपसर्ग - प्रत्यय - सन्धि- समास - सर्वनाम - विशेषण - अव्ययेषु प्रश्नाः- एकम् अपठितं गद्यांशम् राजस्थानस्य इतिहासं कलां संस्कृतिं चाधारीकृत्य निम्नलिखित - बिन्दुसम्बन्धिनः प्रश्ना:-


रेखांकितपदेषुक्रियापद - चयन - वचन - लकार - लिंग - सन्धि- समास - विशेष्य-विशेषणज्ञान- विलोमशब्द - प्रश्नाः ।


• लकारपरिवर्तन - प्रश्नाः (लट्-लङ्- लृट् - विधिलिङ्लकारेषु)


संख्याज्ञान- माहेश्वर - सूत्र - सम्बन्धिनः प्रश्नाः-


• संस्कृतानुवादः, वाच्यपरिवर्तनम् (लट्-लकारस्य) वाक्येषु - प्रश्ननिर्माणम्, अशुद्धिसंशोधनम्, संस्कृतसूक्तयः ।


(i) संस्कृतभाषा - शिक्षण - विधयः ।


(ii) संस्कृतभाषा - शिक्षण - सिद्धान्ताः ।


संस्कृतभाषाकौशलस्य विकासः, (श्रवणम्, सम्भाषणम्, पठनम्, लेखनम्)


• संस्कृताध्यापनस्य अधिगमसाधनानि, पाठ्यपुस्तकानि संप्रेषणस्य साधनानि ।


• संस्कृतभाषा - शिक्षणस्य मूल्यांकन - सम्बन्धिनः प्रश्नाः, मौखिक - लिखितप्रश्नानां उपचारात्मकशिक्षणम् ।

सततमूल्यांकनम्


भाषा 2  संस्कृत 


एकम् अपठितं गद्यांशम् आधारीकृत्य निम्नलिखित - व्याकरण - सम्बन्धिनः प्रश्नाः - शब्दरूप – धातुरूप - कारक - विभक्ति - उपसर्ग-प्रत्यय- सन्धि- समास - लकार - सर्वनाम - विशेष्य- विशेषण लिंग - अव्ययेषु प्रश्नाः । -


• एकम् अपठितं पद्यांशं वा श्लोकम् राजस्थानस्य इतिहासं कलां संस्कृतिं चाधारीकृत्य निम्नलिखित- बिन्दुसम्बन्धिनः व्याकरण प्रश्नाः -


•सन्धि- समास - कारक - प्रत्यय - छन्द - अलंकार - विशेष्य- विशेषण - लिंगसम्बन्धिनः प्रश्नाः ।


• संख्याज्ञान- समयज्ञान - माहेश्वरसूत्राणां सम्बन्धिनः प्रश्नाः ।


• संस्कृतानुवादः, स्वर - व्यंजन - उच्चारणस्थानानि, वाच्यपरिवर्तनम् (लट्लकार) अशुद्धिसंशोधनम्,


•संस्कृतसूक्तयः ।


• (i) संस्कृत भाषा - शिक्षण - विधयः ।


• (ii) संस्कृतभाषा - शिक्षण - सिद्धान्ताः ।


(iii) संस्कृत शिक्षणाभिरुचिप्रश्नाः ।


• संस्कृतभाषाकौशलस्य


विकासः, (श्रवणम्,


सम्भाषणम्,


पठनम्,


लेखनम्)


•संस्कृतशिक्षणे- अधिगमसाधनानि संस्कृतशिक्षणे संप्रेषणस्यसाधनानि,संस्कृतपाठ्यपुस्तकानि ।


• संस्कृतभाषाशिक्षणस्य मूल्यांकन - सम्बन्धिनः प्रश्नाः,


• मौखिक - लिखितप्रश्नानां प्रकाराः सततमूल्यांकनम् उपचारात्मक - शिक्षणम् ।


Language.1 English 


Unseen Prose Passage


Synonyms, Antonyms, Spellings, Word-formation, One Word Substitution


Unseen Prose Passage


Parts of Speech, Tenses, Determiners, Degrees of comparison


Framing Questions Including Wh-questions, Active and Passive Voice, Narration, Knowledge of English Sounds and Phonetic Symbols


Principles of Teaching English, Methods and Approaches to English Language Teaching


Development of Language Skills, Teaching Learning Materials: (Text booksMedia Materials and other Resources)


Comprehensive & Continuous Evaluation, Evaluation in English Language.


Language 2 English 



Unseen Prose Passage


Linking Devices, Subject-Verb Concord, Inferences


•Unseen Poem


Identification of Alliteration, Simile, Metaphor Personification, Assonance,


•Rhyme


•Modal Auxiliaries, Common Idioms and Phrases Literary Terms


•Elegy, Sonnet, Short Story, Drama


• Basic knowledge of English Sounds and symbols.


•Principles of Teaching English, Communicative Approach to English


•Language Teaching, Challenges of Teaching English: Difficulties in learning English (role of home language, multilingualism).


• Methods of Evaluation, Remedial Teaching



रीट सिलेबस  गणित लेवल 1 (REET Syllabus Mathematics  Level 1)



एक करोड़ तक की पूर्ण संख्याएँ, स्थानीय मान, तुलना, गणितीय मूल संक्रियाएँ -जोड़, बाकी, गुणा, भागय भारतीय मुद्रा।

•भिन्न की अवधारणा, उचित भिन्न, समान हर वाली उचित भिन्नों की तुलना, मिश्र भिन्नों, असमान हर वाली उचित भिन्नों की तुलना, भिन्नों की जोड़ बाकी, 

•अभाज्य एवं संयुक्त संख्याएँ, 

•अभाज्य गुणनखण्ड, 

•लघुत्तम समापवर्त्य, 

•महत्तम समापवर्तक।

•ऐकिक नियम

•औसत

•लाभ-हानि

•सरल ब्याज।

•समतल व वक्रतल, समतल व ठोस ज्यामितिय आकृतियाँ समतल ज्यामितीय आकृतियों की विशेषताएं बिन्दु, रेखा, किरण, रेखा खण्ड, कोण एवं उनके प्रकार। 

•लम्बाई, भार, धारिता, समय, क्षेत्रमापन एवं इनकी मानक इकाइयां एवं उनमें संबंध वर्गा कार तथा आयतकार वस्तुओं के पृष्ठ तल का क्षेत्रफल एवं परिमाप।

•गणित की प्रकृति एवं तर्क शक्ति, पाठ्यक्रम में गणित की महत्ता, गणित की भाषा, सामुदायिक गणित, आंकड़ों का प्रबंधन।



रीट लेवल 1 पर्यावरण अध्ययन का पाठ्यक्रम 


परिवार

•वस्त्र एवं आवास

•व्यवसाय

•हमारी सभ्यता, संस्कृ

•परिवहन और संचार

•अपने शरीर की देख-भाल

•सजीव जगत

•जल

•हमारी पृथ्वी व अंतरिक्ष

•पर्वतारोहण

•पर्या वरण अध्ययन के क्षेत्र एव संकल्पना

•पर्यावरणीय शिक्षा शास्त्र



रीट लेवल 2 के लिए पाठ्यक्रम


रीट लेवल 2 के लिए पाठ्यक्रम निम्नलिखित हैं।


रीट लेवल 2 विज्ञान विषय का पाठ्यक्रम 



सजीव एवं निर्जीव

•सूक्ष्म जीव

•सजीव

•मानव शरीर एवं स्वास्थ्य

•जंतु प्रजनन एवं किशोरावस्था

•यांत्रिकी

•ताप एवं ऊष्मा

•प्रकाश एवं ध्वनि

•विद्युत एवं चुंबकत्व

•विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

•सौर मण्डल

•पदार्थ की संरचना 

•रासायनिक पदार्थ 

•कृषि प्रबंधन

•विज्ञान की संरचना एवं प्रकृति

नवाचार 



रीट लेवल 2 गणित का पाठ्यक्रम  (REET Level 2 Syllabus 


घातांक 

•बीजीय व्यंजक 

•गुणनखंड 

•समीकरण 

•वर्ग और वर्गमूल 

•घन और घनमूल 

•ब्याज 

•अनुपात एवं समानुपात 

•प्रतिशतता, जन्म व् मृत्यु दर, जनसंख्या वृद्धि, ह्रास 

•रेखा तथा कोण, रेखा खण्ड, सरल एवं वक्र रेखाएं, कोणों के प्रकार 

•समतलीय आकृतियां 

•समतलीय आकृतियों का क्षेत्रफल एवं परिमाप 

•पृष्ठीय क्षेत्रफल तथा आयतन: घन घनाभ एवं लंबवृत्तीय बेलन 

•सांख्यिकी

एवं आयत लेखाचित्र, वृत्तीय ग्राफ (पाई चित्र) 

लेखाचित्र 

•प्रायिकता 

•गणित की प्रकृति एवं तर्क शक्ति

•पाठयक्रम में गणित की महत्ता

•गणित की भाषा

•सामुदायिक गणित

•मूल्यांकन

•उपचारात्मक शिक्षण

•शिक्षण की समस्याय



रीट स्तर -2 सामाजिक अध्ययन पाठ्यक्रम 


भारतीय सभ्यता, संस्कृति. एवं समाज

•मौर्य तथा गुप्त साम्राज्य एवं गुप्तोत्तर काल

•मध्यकाल एवं आधुनिक काल 

•भारतीय संविधान एवं लोकतंत्र 

•सरकार : गठन एवं कार्य 

•पृथ्वी एवं हमारा पर्यावरण

•भारत का भूगोल एवं संसाधन 

•राजस्थान का भूगोल एवं संसाधन

•राजस्थान का इतिहास 

•राजस्थान की कला व संस्कृति 

•शिक्षाशास्त्रीय मुद्दे-I 

•शिक्षाशास्त्रीय मुद्दे-II


रीट की तैयारी कैसे करें How to prepare Reet exam 2025

रीट की तैयारी में दो प्रकार के अभ्यर्थी है जिसमें कुछ अभ्यर्थी वह है जिनके पिछली बार रीट किल्यर नहीं हुआ तथा दूसरे अभ्यर्थी वह है जो पहली बार रीट की परीक्षा दे रहे हैं इसलिए दोनों केटेगरी के अभ्यर्थियों के लिए स्ट्रेटजी अलग-अलग होनी चाहिए। नये अभ्यर्थी जो आत्मविश्वास और पाठ्यक्रम को समझने के लिए कोचिंग कर रहे हैं। हालांकि अच्छी तैयारी में बिना कोचिंग के रीट पास की जा सकती है। इसके लिए बेहतरीन और प्रामाणिक (authentic) पुस्तकों और लर्निंग मेटेरियल का चयन बहुत जरूरी है। दूसरी तरफ शिक्षा मनोविज्ञान और शिक्षण विधियों के लिए कान्सैप्ट समझने की जरूरत है। नियमित माॅक टेस्ट तथा पुराने पेपर्स के पैटर्न को समझ कर अपनी पिछली कमजोरियों में सुधार करें। नवीन रीट के सिलेबस अपडेट के लिए समय-समय पर विभागीय वेबसाइट से अपडेट रहें विभाग द्वारा जारी सिलेबस और पेपर पैटर्न को समझ कर अपनी योजना बनाएं। REET के पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करते रहें क्योंकि इससे अभ्यर्थियों को परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार, कठिनाई स्तर और अंकन योजना जानने में मदद मिलेगी। अधिक से अधिक प्रश्न-पत्रों का अभ्यास करने से अभ्यर्थियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा तथा उनके समग्र प्रदर्शन में सुधार होगा। नोट्स बनाने से चीजों को याद रखने में आसानी होती है। रीट के सिलेबस को पढ़ते वक्त महत्वपूर्ण टॉपिक के लिए शोर्ट नोट्स बना लें इससे एग्जाम से कुछ समय पहले आप चीजें दोबारा याद कर सकेंगे। नोट्स रिवीजन करते वक्त भी आपकी काफी मदद करेंगे। अपनी पाठ्य सामग्री को महत्व दें अधिकतर पुस्तकों की सामग्री समान ही होती है इसलिए दूसरे अभ्यर्थियों को देखकर या उनके स्तर से तुलना करके अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं करें सभी अभ्यर्थियों की अपनी अपनी अलग कमजोरियां और क्षमताएं हैं। इसलिए अपने स्वयं की क्षमता और कमियों को मध्यनजर रखते हुए तैयारी की योजना अमल में लाए। सभी पढ़ें आत्मविश्वास रूचि और ईमानदारी से पढ़े क्योंकि आपके द्वारा पढ़ाई को दिया गया समय केवल आपके लिए महत्वपूर्ण है। तथ्यों को याद करने के साथ साथ किसी भी अवधारणा को समझने की कोशिश करें उसके कठिन शब्दों के अर्थ के बारे में समझना जरूरी है कभी कभी प्रश्न की भाषा समझने में कठिनाई होती है। इसलिए विषय वस्तु की भाषा समझ जरुरी है क्योंकि परीक्षक प्रश्न का निर्माण करते समय विभिन्न पहलुओं को मध्यनजर रखते हैं कभी कभी हम गहराई में अधिक पढ़ते हैं लेकिन प्रश्न उपरी शीर्षक से आ जाते हैं जिसमें हम दुविधा में पड़ जाते हैं क्योंकि मुख्य चीजों पर हम ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। इसलिए ऊपरी विषय वस्तु के साथ साथ प्रकरणों की गहराई में जाएं और समझें। सबसे महत्वपूर्ण बात किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए स्वस्थ मानसिकता तथा आत्मविश्वास जरूरी है। परीक्षा केन्द्र में पेपर देते समय तथा तैयारी के समय मानसिक संतुलन रखें,समय का ध्यान रखें तथा पूर्ण आत्मविश्वास तथा समर्पित भाव से परीक्षा की सम्पूर्ण गतिविधियों में स्वयं को शामिल रखें। असफलता या परिणाम के बारे में पहले ज्यादा नहीं सोचें क्योंकि परिणाम के लिए पहले आपकों धैर्य और ईमानदारी से मेहनत करनी जरूरी है। आप अपना शत प्रतिशत परीक्षा की तैयारी और तैयारी के शेड्यूल को दें। तनाव मुक्त रहकर अपने लक्ष्य पर केन्द्रित रहे सफलता जरूर मिलेगी। 


रीट के पेपर का पैटर्न Reet Paper Pattern

दोनों लेवल के प्रश्न पत्र का पैटर्न इस प्रकार है।

रीट परीक्षा प्रश्न पत्र पैटर्न लेवल 1


क्र.सं.

विषय

प्रश्न

अंक

1

बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र

30

30

2

गणित

30

30

3

पर्यावरण

30

30

4

भाषा 1

30

30

5

भाषा 2

30

30

 

योग

150

150


रीट परीक्षा प्रश्न पत्र पैटर्न लेवल 2 


क्र.सं.

विषय

प्रश्न

अंक

1

बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र

30

30

2

भाषा 1

30

30

3

भाषा 2

30

30

4

गणित एवं विज्ञान और सामाजिक विज्ञान अन्य सब्जेक्ट

60

60

 

योग

150

150


सैकेंड ग्रेंड या रीट किसकी करें तैयारी? सैकेंड ग्रेंड फर्स्ट पेपर से होगा रीट और मुख्य परीक्षा में फायदा 


बीएड डिग्री धारक और तथा बीएड और बीएसटीसी/ डीएलएड दोनों डिग्रीधारी इस  द्वंद्व में है कि वे रीट की तैयारी करें या सैकेंड ग्रेंड की कोचिंग के साथ सिर्फ सैकेंड ग्रेंड पर ज्यादा ध्यान दें तथा रीट के लिए स्वयं को डिस्टर्ब नहीं करें?

तो इसका सीधा सा जवाब है कि सबसे पहले शिक्षक पद पर किसी भी ग्रेंड पर सलेक्शन जरूरी है बाद में आप सैकेंड ग्रेंड और फर्स्ट ग्रेड की तैयारी कर के सलेक्शन करवा सकते हैं। 

इसलिए जो अभ्यर्थी सैकेंड ग्रेड की कोचिंग कर रहे हैं तथा अपने फर्स्ट पेपर की तैयारी के बाद सैकेंड पेपर की क्लास अटेंड कर रहे हैं उनके लिए रीट सुनहरा मौका है जिसमें वे रीट को किल्यर कर थर्ड ग्रेड मुख्य परीक्षा को बीच में तैयारी कर सलेक्शन करवा सकते हैं क्योंकि सैकेंड ग्रेड फर्स्ट पेपर का पाठ्यक्रम रीट और शिक्षक भर्ती मुख्य परीक्षा के लिए मददगार साबित होगा शिक्षा मनोविज्ञान, राजस्थान सामान्य ज्ञान,शिक्षण विधियां आदि फर्स्ट ग्रेड के प्रथम पेपर में तैयार कर रीट और मुख्य परीक्षा के लिए अपने भाग्य को आजमा सकते हैं। बीएड और बीए/बीएससी बीएड के अभ्यर्थी  पहले रीट परीक्षा पास कर आने वाली मुख्य परीक्षा में सैकेंड ग्रेड के साथ साथ तैयारी कर पहले थर्ड ग्रेड लेवल 2 शिक्षक बन सकते हैं। इसके पहले इन्हें रीट की तैयारी करनी होगी जिससे वे मुख्य परीक्षा के लिए पात्रता प्राप्त कर सकें उसके बाद तृतीय श्रेणी भर्ती की मुख्य परीक्षा के लिए अपने फर्स्ट पेपर के सिलेबस के साथ साथ इस मुख्य परीक्षा में अच्छे अंक लाने की कोशिश करें सफलता जरूर मिलेगी। हालांकि जो अभ्यर्थी इस विश्वास के साथ है कि सैकेंड ग्रेंड की तैयारी में अगर रीट और तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा का पाठ्यक्रम पढ़ेंगे तो आने वाली सैकेंड ग्रेड भर्ती में डिस्टर्ब होगा तो वो उनकी समझ है बाकि पदों के अनुसार तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में भी शिक्षक बनने का अच्छा अवसर है।


शिक्षक भर्ती मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम योग्यता एवं पेपर पैटर्न 
Teacher Recruitment Main Exam Syllabus Qualification and Paper Pattern

शिक्षक भर्ती मुख्य परीक्षा का पिछली परीक्षा के अनुसार अनुमानित पाठ्यक्रम इस प्रकार है। पाठ्यक्रम में बदलाव संभव है इसलिए विभाग द्वारा जारी सिलेबस के लिए विभागीय वेबसाइट सथा नोटिफिकेशन के लिए अपडेट रहिए।

TEACHER VECANCY: LEVEL-I Main Exam Syllabus शिक्षक भर्ती मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम पीडीएफ (pdf)


( अध्यापक : लेवल- प्रथम (मुख्य परीक्षा))


परीक्षा 300 अंकों की होगी।


परीक्षा के लिए एक प्रश्न-पत्र होगा।


प्रश्न-पत्र की समयावधि 02 घण्टे 30 मिनट होगी। प्रश्न-पत्र में कुल 150 प्रश्न होंगे। समस्त प्रश्न बहुविकल्पी होंगे। उत्तरों के मूल्यांकन में नकारात्मक अंकन होगा। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए उस विशिष्ट प्रश्न के लिए अंकों का एक तिहाई भाग काटा जाएगा। यहाँ गलत उत्तर से अभिप्राय अशुद्ध उत्तर अथवा एक से अधिक उत्तर होना है।



राजस्थान का भौगोलिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक ज्ञान, •राजस्थानी भाषा (100 अंक)


•राजस्थान का भूगोल :

•राजस्थान का भौगोलिक स्वरुप

•मानसून तंत्र एवं जलवायु

•अपवाह तंत्र - झीलें, नदियाँ, बांध

•राजस्थान की वन-संपदा

•वन्य जीव-जन्तु, वन्य जीव संरक्षण एवं अभयारण्य मृदाएँ •एवं मृदा संरक्षण

•राजस्थान की प्रमुख फसलें

•जनसंख्या, जनसंख्या-घनत्व, साक्षरता और लिंगानुपात

•राजस्थान की जनजातियाँ एवं जनजातीय क्षेत्र

•धात्विक एवं अधात्विक खनिज

•राजस्थान के ऊर्जा संसाधनः परम्परागत एवं

गैर-परम्परागत

•राजस्थान के पर्यटन स्थल

•राजस्थान में यातायात के साधन


राजस्थान का इतिहास एवं संस्कृति :


•राजस्थान की प्राचीन सभ्यताएँ: कालीबंगा, आहड़,गणेश्वर, बालाथल और बैराठ इत्यादि ।

•राजस्थान की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ, •प्रमुख राजवंश, उनकी प्रशासनिक व राजस्व व्यवस्था इत्यादि ।

•राजस्थान की स्थापत्य कलाः किले, स्मारक इत्यादि ।

•राजस्थान के मेले, त्योहार, लोक कला, लोक संगीत,लोक नाट्य एवं लोक नृत्य

•राजस्थान की सांस्कृतिक परम्परा एवं विरासत

राजस्थान के धार्मिक आंदोलन, प्रमुख संत एवं लोक देवता

•राजस्थान के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल

•राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व

•राजस्थान के वस्त्र एवं आभूषण

•राजस्थान की चित्रकलाएँ एवं हस्तशिल्प

•1857 की क्रांति में राजस्थान का योगदान, •राजस्थान में जनजाति एवं किसान आंदोलन

प्रजामण्डल एवं राजस्थान का एकीकरण



राजस्थानी भाषा


•राजस्थान की क्षेत्रीय बोलियाँ

•प्रमुख राजस्थानी कृतियाँ

•प्रमुख राजस्थानी साहित्यकार

•राजस्थानी संत साहित्य एवं लोक साहित्य


राजस्थान का सामान्य ज्ञान, शैक्षिक परिदृश्य, निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम और सामयिक विषय अंक (80)


राजस्थान के सामान्य ज्ञान से संबंधित विषय वस्तु इस प्रकार है।


राजस्थान का सामान्य ज्ञान :


•राजस्थान के प्रतीक चिह

•राजस्थान में राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाएँ

•राजस्थान के प्रमुख अनुसंधान कैन्द्र

•राजस्थान के प्रमुख धामिक स्थल

•राजस्थान के प्रमुख रखिलाड़ी

•राजस्थान के प्रसिंद्ध नगर एवं स्थल इत्यादि।

•राजस्थान के प्रमुख उद्योग।

•राजस्थान की राजनीतिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था

•राजस्थान में जन कल्याणकारी योजनाएँ।


सामयिक विषय: 


•राजस्थान की सम-सामयिक घटनाएँं।

•राज्य की अभिनव विकास योजनाएँ एवं क्रियान्विति

•अन्य सम-सामयिक विषय।



शैक्षिक परिदृश्य :


•शिक्षण अधिगम के नवाचार।

•राज्य में केन्द्र एवं राजस्थान सरकार की विद्यार्थीं

कल्याणकारी योजनाएँ एवं पुरस्कार।

•विद्यालय प्रबंधन एवं संबंधित समितियाँ।

•राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 राजस्थान के परिप्रेक्ष्य में।•निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकारअधिनियम

• निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकारअधिनियम, 2009: प्रावधान एवं क्रियान्विति

•राजस्थान नि:ःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011

•राजस्थान के मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में निःशुल्क प्रवेश।



विद्यालय विषय एवं शैक्षणिक रीति विज्ञान :


विद्यालय विषय एवं रीति विज्ञान संबंधित विषयवार विषय-वस्तु इस प्रकार है।

हिन्दी (10+8 = 18 अंक)


•शब्द-भेद (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया,

क्रिया-विशेषण),

•संधि, समास,

•शब्द-रुपांतरण, शब्द -शुद्धि, मुहावरे एवं लोकोक्तिया।

•हिन्दी भाष की शिक्षण विधियाँ

•भाषायी कौशल (सुनना, बोलना, पढ़ना एवं लिखना)

एवं भाषायी कौशलों का विकास

•हिन्दी भाषा शिक्षण के उपागम

•हिन्दी शिक्षण में चुनौतियाँ

•हिन्दी शिक्षण अधिगम सहायक सामग्री एवं उनका उपयोग

•हिन्दी शिक्षण की मूल्यांकन विधियाँ

•निदानात्मक एवं उपचारात्मक शिक्षण


English (10+8 = 18 Marks)


•Articles, Tense, Voice, Narration,

•Idioms & Proverbs, Phrasal Verbs,

•One Word Substitution.

•Principles of teaching English

•Communicative English Language teaching

•Methods of Teaching English

•Difficulties in learning English (Role of home

language multilingualism)

•Methods of evaluation, Remedial Teaching



सामान्य विंज्ञान (10+8 = 18 अंक)


•अम्ल, क्षारक और लवण

•तत्व, यौगिक एवं मिश्रण

•भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन

•प्रकाश

•गति, बल तथा गति के नियम

•कोशिकाः संरचना एवं प्रकार्य

•जीवों में श्रसन एवं परिवहन

•जन्तुओं में जनन


 विज्ञान की शिक्षण विधियाँ


•विज्ञान शिक्षण के उपागम

•विज्ञान शिक्षण सहायक सामग्री एवं उपयोगविज्ञान शिक्षण की मूल्यांकन विधियाँ

•निदानात्मक एवं उपचारात्मक शिक्षण



गणित (10+৪ = 18 अक)


•पूर्ण संख्याएँ, अभाज्य और भाज्य संख्याएँ-गणितीय मूल संक्रियाएँ - जोड़, बाकी, गुणा, भाग

•भिन्र की अवधारणा एवं दशमलव संख्याएँ

•अभाज्य गुणनरखण्ड, लघुतम समपर्वत्य एवं महत्तमसमपर्वत्य

•प्रतिशत, लाभ-हानि, सरल ब्याज, चक्रवृद्धि ब्याज-रेखा एवं कोण

•समतलीय आकृतियों के परिमाप एवं क्षेत्रफल

•ठोस आकृतियों (घन, घनाभ, बेलन, शंक्, गोले) का

•पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

•गणित शिक्षण के उपागम

•गणित शिक्षण में चुनौतियाँ

•गणित शिक्षण सहायक सामग्री एवं उपयोग

•गणित शिक्षण की मूल्यांकन विधियाँ

•निदानात्मक एवं उपचारात्मक शिक्षण


सामाजिक अध्ययन (10+৪ = 18 अंक)


•राजस्थान: एक परिचय

•मुशल साम्राज्य

•राजस्थान की अर्थव्यवस्था

•पृथ्वी के प्रमुख स्थलरूप

•भारतः प्राकृतिक वनस्पति, वन्य जीव व वन्य जीव संरक्षण

•राजस्थान में कृषि

•भारतीय संविधान

•राजस्थान का संविधान निर्माण में योगदान

•राजस्थान में लोक प्रशासन

सामाजिक अध्ययन की संकल्पना एवं प्रकृति

•सामाजिक अध्ययन में शिक्षण अधिगम सहायक सामग्री

•सामाजिक अध्ययन में अध्यापन संबंधी समस्याएँ

•प्रायोजना कार्य

•सामाजिक अध्ययन में मूल्यांकन

•निदानात्मक एवं उपचारात्मक शिक्षण


शैक्षणिक मनोविज्ञान (20 अंक)


•शैक्षिक मनोविज्ञान: अर्थ, क्षेत्र एवं कार्य

•बाल विकास: अर्थ, बाल विकास के सिद्धान्त एवं विकास को प्रभावित करने वाले कारक

•बाल विकास में वंशानुक्रम एवं वातावरण का प्रभाव

•व्यक्तित्व: संकल्पना, प्रकार, व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक और व्यक्तित्व मापन

•बुद्धि: संकल्पना, विभिन्न बुद्धि सिद्धान्त्त एवं मापन

•अधिगम का अर्थ एवं अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक

•अधिगम के विभित्न सिद्वान्त

•अधिगम की विभित्न प्रक्रियाएँ

•अधिगम में आने वाली कठिनाइ़याँ

•विविध अधिेगमकर्ता के प्रकार: पिछडे, विमंदित, प्रतिभाशाली, सूजनशील, विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थी इत्यादि।

•अभिप्रेरणा एवं अधिगम में इसका प्रभाव

•समायोजन की संकल्पना, तरीके एवं समायोजन में अध्यापक की भूमिका


सूचना तकनीकी (10 अंक)


•सूचना प्रौद्योगिकी के आधार


•सूचना प्रौद्योगिकी उपकरण (टूल्स)-सूचना प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग

• सूचना प्रौद्योगिकी के सामाजिक प्रभाव



TEACHER VECANCY: LEVEL-II Main Exam Syllabus शिक्षक भर्ती मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम Level 2 सामाजिक विज्ञान (Social Science) pdf


•राजस्थान भूगोल, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक ज्ञान, •राजस्थानी भाषा 

•राजस्थान भूगोल 

•राजस्थान का भौगोलिक स्वरूप 

•मानसून तत्र एवं जलवायु

•अपवाह तंत्र- झीलें, नदियाँ, बांध, एनीकट, जल संरक्षण

विधियाँ एवं तकनीकी 

•राजस्थान की वन-संपदा

•वन्य जीव-जन्त, वन्य जीव संरशक्षण एवं आभयारण्य 

•मृदाएँ एवं मृदा संरक्षण

•राजस्थान की प्रमुख फसल

•जनसंख्या, जनसंख्या-घनत्व, साक्षरता और लिंगानुपात 

•राजस्थान की जनजातियाँ एवं जनजातीय क्षेत्र

•धात्वक एवं अधात्विक खनिज

•राजस्थान के ऊर्जा संसाधनः परम्परागत एवं गैर-परम्परागत

•राजस्थान के पर्यटन स्थल

•राजस्थान में यातायात के साधन


राजस्थान का इतिहास


•राजस्थान की प्राचीन सभ्यताएँ: कालीबंगा, आहड़, गणेश्वर,बालाथल और बैराठ इत्यादि।

•राजस्थान की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ, प्रमुख राजवंघ,उनकी प्रशासनिक व राजस्व व्यवस्था इत्यादि।

•1857 की क्रांति में राजस्थान का योगदान राजस्थान में जनजाति एवं किसान आंदोलन

•प्रजामण्डल एवं राजस्थान का एकीकरण



राजस्थान की कला एवं संस्कृति


•राजस्थान की स्थापत्य कलाः किले, स्मारक, बावड़ी एवंहवेलियाँ इत्यादि।

•राजस्थान के मेले, त्योहार, लोक कला, लोक संगीत, लोकनाट्य एवं लोक नृत्य

•राजस्थान की सांस्कृतिक परम्परा एवं विरासत

•राजस्थान के धार्मिक आंदोलन, प्रमुख संत एवं लोक देवता

•राजस्थान के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल

•राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व 

•राजस्थान के वस्त्र एवं आभूषण 

•राजस्थान की चित्रकलाएँ एवं हस्तशिल्प


राजस्थान भाषा और साहित्य


•राजस्थान की क्षेत्रीय बोलियाँं

•प्रमुख राजस्थानी कृतियाँ

•प्रमुख राजस्थानी साहित्यकार

•राजस्थानी संत साहित्य एवं लोक साहित्य


राजस्थान का सामान्य ज्ञान, शैक्षिक परिदृश्य,निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार और सामयिक विषय

राजस्थान का सामान्य ज्ञान


•राजस्थान के प्रतीक चिहुन

•राजस्थान में राज्य सरकार की फलैगशिप योजनाएँ

•राजस्थान के प्रमुख अनुसंधान केन्द्र

•राजस्थान के प्रमुख धार्मिक स्थल

•राजस्थान के प्रमुख खिलाड़ी

•राजस्थान के प्रसिद्ध नगर एवं स्थल इत्यादि।

•राजस्थान के प्रमुख उद्योग।

•राजस्थान की राजनीतिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था

राजस्थान में जन कल्याणकारी योजनाएँ


शैक्षिक परिदृश्य


•शिक्षण अधिगम के नवाचार।

•राज्य में केन्द्र एवं राजस्थान सरकार की विद्यार्थी कल्याणकारी योजनाएँ एवं पुरस्कार।

•विद्यालय प्रबंधन एवं संबंधित समितियाँ।

•राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 राजस्थान के परिपेक्ष्य में।

•निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकारअधिनियम

•निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम: प्रावधान एवं क्रियान्विति

•राजस्थान निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार

नियम, 2011

•राजस्थान के मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में निःशुल्क प्रवेश।


सामयिक विषय


•राजस्थान की सम-सामयिक घटनाएँ।

•राज्य की अभिनव विकास योजनाएँ एवं क्रियान्वितिअन्य सम-सामयिक विषय।

•संबंधित विद्यालय विषय का ज्ञान (सामाजिक अध्ययन)

•प्राचीन भारत की सभ्यता एवं संस्कृतिः- सिंधु घाटी सभ्यता,वैदिक संस्कृति, बौद्ध एवं जैन धर्म एवं महाजनपद काल।

•मौर्य साम्राज्यः- मौर्य साम्राज्य की राजनीतिक एवं प्रशासनिक व्यवस्थाएँ। 

•सप्राट अशोक का धम्म एवं अभिलेख।

•दिल्ली सल्तनत एवं मुगल साम्राज्यः  दिल्ली सल्तनत का विस्तार, मुगल साप्राज्य एवं राजपूत राज्यों के साथ संबंध, सल्तनत एवं मुगल कालीन प्रशासनिक व्यवस्थाएँ। 

•पृथ्वीराज चौहान।

•भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।

•पृथ्वी:- गतियाँ, अक्षांश एवं देशांतर।

•वायुमण्डल :- संघटन, संरचना, पवनें, वायुमण्डलीय संचरण।

•महासागर :- ज्वार- भाटा, धाराएँ, जल - थल वितरण।संसार की प्रमुख वनस्पति, वन्यजीव।

•राजस्थान के कषि आधारित उद्योग।

•विश्व :- कृषि के प्रकार, प्रमुख औद्योगिक प्रदेश।

•भारतीय संविधान :- संविधान निर्माण की प्रक्रिया एवंविषेषताएँ, उद्देशिका, मूल अधिकार, नीति निदेंशक तत्व व मूल कर्तव्य।

•सरकार का गठन व कार्यः - विधाविका, कार्यपालिका वन्यायपालिका।

•स्थानीय शासनः: - ग्रामीण एवं नगरीय, 73वां एवं 74वां संविधानसंपोधन विघेयक।

•भारतीय लोकतांत्रिक प्रक्रिया एवं उसमें महिला प्रतिनिधित्व। •भारत की संघीय व्यवस्था, केन्द्र-राज्य संबंध।


भारतीय अर्थव्यवस्थाः-


•अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

•औपनिवेषिक काल में भारतीय अर्थव्यवस्था(ii) उदारीकरण, •निजीकरण, वैश्वीकरण

•विश्व व्यापार संगठन

•निर्धनता व खाद्य सुरक्षा


 मुद्रा एवं बैकिंगः-


•मुद्रा के आधुनिक रूप

•साख की विभिन्न स्थितियाँ

•स्वयं सहायता समूह

•उपभोक्ता के अधिकारः- उपभोक्ता एवं उसके अधिकार


भारतीय अर्थव्यवस्था का विकासः-


• राष्ट्रीय विकास

•राष्ट्रीय आय

•मानव विकास


राजस्थान में कृषि एवं विपणनः


•कृषि उपज मंडी

•सार्वजनिक वितरण प्रणाली


शैक्षणिक रीति विज्ञान (सामाजिक अध्ययन)


•सामाजिक अध्ययन की शिक्षण विधियाँ।

•सामाजिक अध्ययन शिक्षण के उपागम

•सामाजिक अध्ययन शिक्षण में चुनौतियाँ।

•सामाजिक अध्ययन शिक्षण में अधिगम सहायक सामग्री एवं

समाजिक अध्ययन शिक्षण की मूल्यांकन विधियाँ

•निदानात्पक एवं उपचारात्मक शिक्षण शैक्षणिक मनोविज्ञान

•सामाजिक अध्ययन की शिक्षण विधियाँ।

•शैक्षिक मनोविज्ञान : अर्थ, क्षेत्र एवं कार्य

•बाल विकास : अर्थ, बाल विकास के सिद्धान्त एवं विकास को प्रभावित करने वाले कारक

•बाल विकास में वंशानक्रम एर्वं वातावरण का प्रभाव

•व्यक्तित्व : संकल्पना, प्रकार, व्यक्तित्व को प्रभावित करने वालेकारक और व्यक्तित्व मापन

•बुद्धि : संकल्पना, विभिन्न बुद्धि सिद्द्वान्त एवं मापन

•अधिगम का अर्थ एवं अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक

•अधिगम के विभिन्न सिद्धान्त अधिगम की विभिन्न प्रक्रियाएँ

•विविध अधिगमकर्ता के प्रकार : पिछड़े, विमोदित, प्रतिभाशाली,सर्जनशील, विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थी इत्यादि।

•अधिगम में आने वाली कठिनाइयाँ अभिप्रेरणा एवं अधिगम में इसका प्रभाव

•समायोजन की संकल्पना, तरीकें एवं समायोजन में अध्यापक की भूमिका

•सूचना तकनीकी

•सूचना प्रौद्योगिकी के आधार

•सूचना प्रौद्योगिकी उपकरण (टूल्स )सूचना प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग एवं सूचना प्रौद्योगिकी के सामाजिक प्रभाव










Disclaimer- The content of this post is for information only. For the syllabus and other exact facts, read all the guidelines issued by the concerned department.

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