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Wednesday, June 14, 2023

Cyclone biporjoy कितना विनाशकारी है चक्रवात बिपरजॉय? जानें चक्रवात की उत्पत्ति प्रकार एवं विस्तार tracker-forecast

Cyclone biporjoy
Cyclone biporjoy

बिपरजॉय biporjoy चक्रवात

चक्रवात बिपरजॉय की गति और पूर्वानुमान जानने के लिए क्लिक करें।


Cyclone biporjoy: जलवायु परिवर्तन तथा पृथ्वी पर तापमान में आने वाले बदलाव से प्राकृतिक आपदाएं बढ़ने लगी है जिसमें तुफान एक बड़ी आपदा है तेज गति की हवाएं तथा अनियमित वर्षा आदि भंयकर रूप लेकर तबाही मचा रहें हैं। हालांकि तूफान आते रहते हैं लेकिन विकराल रूप धारण कर यह तूफान जान माल पर आफत बनकर टूटते हैं तब शासन प्रशासन के लिए एक चुनौती बन जाती है। इन दिनों बिपरजॉय(biporjoy) तूफान चर्चा में है बताया जा रहा है कि बिपरजॉय तूफान भंयकर रूप धारण कर रहा है इसलिए विभिन्न राज्यों की सरकारें एवं आपदा प्रबंधन हाई अलर्ट पर है। इस तूफान का असर भारत पर भी पड़ रहा है। देश के पश्चिमी तट पर बिपरजॉय(cyclone biporjoy) की वजह से समुद्र की लहरें किनारों से टकरा रही हैं। तूफान को लेकर सरकार भी सतर्क है। केरल से लेकर मुंबई तक तटों पर अलर्ट जारी किया गया है। 

चक्रवात की उत्पत्ति, गति एवं विस्तार


चक्रवात की उत्पत्ति का कोई बड़ा रहस्य नहीं है दरअसल हवाओं के वेग तथा मौसम की गतिविधियों के कारण वर्षा एवं तेज हवाओं की घूमावदार स्थित बनती है जो आगे चलकर भंयकर रूप धारण कर लेती है चक्रवाती तूफान की बात करें तो अक्सर गर्म इलाके के समुद्र में मौसम की गर्मी से हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायु दाब का क्षेत्र बनाती है। हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर आती है और ऊपर की नमी से मिलकर संघनन से बादल बनाती है। इस वजह से बने खाली जगह को भरने के लिए नम हवा तेजी से नीचे जाकर ऊपर आती है इसप्रकार एक केंद्र के चारों और बादलों और वर्षा का चक्र तेजी से गति करता हुआ बड़े क्षेत्र में फैल जाता है तेज हवाओं और वर्षा का असर केन्द्र की बजाय आप पास के क्षेत्रों में अधिक रहता है। यह स्थित के छोटे स्थान से शुरू होकर कुछ ही दिनों में बडे चक्रवात का रूप लेकर तेज मुसलाधार वर्षा अंधड़ का कारण बनकर बाढ़, सुनामी के रूप में तबाही का कारण बन जाता है।
इसप्रकार से बिपरजॉय भी एक ही ऐसी स्थिति का परिणाम है जो अब बड़े रूप में भंयकर चक्रवात का रूप ले चुका है।
बिपरजॉय तूफान की उत्पत्ति की बात करें तो शुरुआत में
दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक डीप-डिप्रेशन बना था उसी के परिणाम स्वरूप अब भयंकर तूफान में तब्दील हो गया है। जब 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है तो इसे हम 'डीप-डिप्रेशन' के नाम से जानते है। जब इस चक्र की हवा 62 से 88 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाती है तो यह 'तूफान' बन जाता है। आगे जब 89 से 118 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती है तो यही चक्रवात गंभीर और विकराल रूप धारण कर एक बड़ा क्षेत्र हासिल कर आगे बढ़ते हैं। विकराल तूफान आगे चलकर अधिक वर्षा के साथ अपने आप शांत हो जाते हैं लम्बी दूरी तय करने के बाद यह कमजोर पड़ जाते हैं। लेकिन बड़े चक्रवात लगभग 500 से 1000 किलोमीटर के दायरे में अपना असर दिखाते हैं। हालांकि कभी कभी इनके केन्द्र का व्यास 250-300 किमी बड़ा हो सकता है। हम जानते हैं कि चक्रवात निम्नदाब के केंद्र होते हैं जिनके चारों तरफ संकेंद्रीय समदाब रेखाएं विस्तृत होती हैं। परिधि से केंद्र की तरफ जाने पर वायुदाब कम होता जाता है परिणामस्वरूप परिधि से केंद्र की ओर तेज हवाएँ चलने लगती हैं। कोरियालिस बल के प्रभाव से ये हवाएँ चक्राकार घूमने लगती हैं और घूमती हुई हवाओं और बादलों का पूंज तेज वर्षा करते हुए एक दिशा में गति करता है।


तूफानों के प्रकार एवं प्रकृति types of storms and nature


तूफान विभिन्न प्रकार के होते हैं विभिन्न देशों में इन्हें भिन्न भिन्न नामों से जाना जाता है। मुख्य तौर पर इन तूफानों के प्रकार ध्रुर्वीय चक्रवात, ध्रुवीय कम, अत्तिरिक्त उष्ण कटिबंधीय चक्रवात, अंत:उष्ण कटिबंधीय चक्रवात, उष्णकटिबंधीय चक्रवात और मेसोसाईंक्लोनेस प्रमुख हैं।
इनमें से अधिकतर आने वाले तूफान उष्णकटिबंधीय चक्रवात है। यह चक्रवात अपने स्थान और तीव्रता के आधार पर अलग-अलग नामों से जाने जाते है जैसे हरिकेन, टाइफून, ट्रोपिकल स्टोर्म, साइक्लोनिक स्टोर्म, ट्रोपिकल डिप्रेशन, और केवल साइक्लोन आदि।


क्या है Biporjoy का मतलब? 


Biporjoy का मतलब होता है डिजास्टर यानी आपदा । यह एक बांग्ला शब्द है। इस चक्रवात का नाम बांग्लादेश ने दिया है। दरअसल, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में जितने भी चक्रवात आते हैं उनका नाम बारी-बारी से इस क्षेत्र के देश रखते हैं जो पहले से तय होता है। यह सिस्टम साल 2004 से चला रहा है ताकि चक्रवात के नाम एक ही हों जिससे उसकी पहचान हो सकें तथा लोगों को सूचना देकर आपदा प्रबंधन की तैयारी की जा सकें। आधिकारिक नामकरण से तूफान पर पूर्व सावधानी तथा बचाव कार्य के लिए प्रशासन के लिए आसानी रहती है । इस प्रकार पूर्व में आए विभिन्न चक्रवातों की तरह जैसे ताऊते,अम्फान आदि की तरह बांग्लादेश ने इस चक्रवात का नाम बिपरजॉय रखा है। बांग्लादेश ने इस चक्रवात का नाम इसलिए रखा है क्योंकि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में जो भी चक्रवात आते हैं, उनके नाम इस इलाके के देश रखते हैं।


आखिर क्‍यों रखा जाता है चक्रवातों का नाम? 


किसी आपदा या भौगोलिक घटना पर जानकारी और विभिन्न प्रकार की सूचना एवं आंकड़ों के प्रबंधन के लिए नामकरण जरूरी है इसलिए विभिन्न क्षेत्रों में आने वाले चक्रवातों जो लम्बे और विकराल होते हैं उनके नाम आधिकारिक रूप से तय किये जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के अनुसार, किसी विशेष भौगोलिक स्थान या पूरी दुनिया में एक समय में एक से अधिक चक्रवात हो सकते हैं, और यह एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक चल सकते हैं। ऐसे में आपदा जोखिम जागरूकता, प्रबंधन और बचाव कार्यों को सुविधाजनक बनाने में किसी भ्रम से बचने के लिए हर चक्रवात को अलग नाम दिया जाता है। जिससे उस चक्रवात से संबंधित हर कार्यवाही उस नाम से अलग पहचान के रूप में होती है। जैसे अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से उठे दो अलग-अलग चक्रवातों की विभिन्न प्रकार की जानकारी और पूर्व सूचना अपने अलग-अलग नामों से संबोधित की जा सकें जिससे समझने में सुविधा हो सके ।

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