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Monday, June 5, 2023

Coromandel Express Train Accident उड़ीसा राज्य के बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन पर ट्रेनों का भीषण एक्सीडेंट सदी का बड़ा रेल हादसा

Coromandel Express Train Accident
Coromandel Express Train Accident balasor Odisha

बालासोर रेल हादसा


Odisa Coromandel Express Train Accident : ओडिशा के बालासोर जिले के बहनगा बाजार स्टेशन पर हुआ रेल हादसा दिल दहलाने वाला है। यह रेल हादसा भारत में हुए बड़े विभत्स रेल हादसों में गिना जा रहा है। इस हादसे में दो पैसेंजर ट्रेन तथा एक मालगाड़ी शामिल थी। हादसा कितना भयानक था इसका अंदाजा हम इस बात से लगा सकते है कि कोच और बोगियां उछल कर एक दूसरे के ऊपर चढ़ गये। इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 275 के आसपास बताई जा रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस हादसे की वजह क्या रही होगी? कोई तकनीकी खामी थी या मानवीय त्रुटि? लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतनी एडवांस आधुनिक तकनीक के बाद भी ऐसे रेल हादसों को रोकने में कामयाब क्यों नहीं है? आधुनिक टेक्नोलॉजी में रेल इंजन में ट्रेक पर एक दो किलोमीटर आगे किसी अवरोधक को डिटेक्ट कर स्वचालित रूप से ब्रेक होने का सेंसर लगा होना चाहिए जिससे मानवीय भूल और त्रुटि से होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

2 जून 2023 की शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने से जो हादसा हुआ है उसे सुनकर हर किसी की रूह कांप जाती है खबरों के मुताबिक मालगाड़ी में लोहा लदा हुआ था जिससे अधिक नुकसान पैसेंजर गाड़ी को हुआ। कोरोमंडल एक्सप्रेस के मालगाड़ी से टकराने से जुड़े रेल हादसे में 1000 से अधिक यात्री घायल हुए हैं। सदी के इस सबसे भीषण ट्रेन हादसे की प्रारंभिक जांच में ऐसे संकेत मिले हैं कि इस दुर्घटना के पीछे का कारण सिग्नलिंग सिस्टम का पूरी तरह विफल हो सकता है। कहीं न कहीं मानवीय त्रुटि भी इस हादसे का कारण हो सकती है।

यह था दोनों ट्रेनों का शेड्यूल


दोनों ट्रेनों के बहानगा स्टेशन पहुंचने में 3 घंटे का फर्क था, पर एक साथ आ गईं , ट्रेन नंबर 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1 जून को सुबह 7:30 बजे बेंगलुरु के यशवंतपुर स्टेशन से चली थी। इसे 2 जून को शाम करीब 8 बजे हावड़ा पहुंचना था। यह अपने समय से 3.30 घंटे की देरी से 6:30 बजे भद्रक पहुंची। अगला स्टेशन बालासोर था, जहां ट्रेन 4 घंटे की देरी से 7:52 पर पहुंचने वाली थी। वहीं, ट्रेन नंबर 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस 2 जून को ही दोपहर 3:20 बजे हावड़ा से रवाना हुई थी। ये 3 जून को शाम 4:50 बजे चेन्नई सेंट्रल पहुंचती। यह अपने सही समय पर 6:37 बजे बालासोर पहुंची। अगला स्टेशन भद्रक था जहां ट्रेन को 7:40 बजे पहुंचना था, लेकिन 7 बजे के करीब दोनों ट्रेन बहानगा बाजार स्टेशन के पास से आमने-सामने से गुजरीं, तभी हादसा हुआ।

आखिर क्या रही होगी हादसे की वजह?


शुरुआती जांच नतीजों के अनुसार, मेन UP लाइन का सिग्नल हरा होना था और वहां से कोरोमंडल एक्सप्रेस को सीधा गुजर जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, आरआरआई (रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम) की पूरी तरह से विफलता के कारण, 128 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ने पॉइंट नंबर 17ए के पास बाएं मोड़ लिया और वहां खड़ी मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के 15 डिब्बे पटरी से उतर गए, 7 पूरी तरह से पलट गए, 4 रेललाइन से उछलकर दूसरे डिब्बों पर चढ़ गए।


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