Turkey-Syria earthquake: भूकंप से तबाही दहला तुर्की और सीरिया |
Turkey-Syria earthquake: तुर्की और सीरिया में भूकंप त्रासदी
प्राकृतिक आपदाएं मानव सभ्यता और जैवमंडल पर हमेशा कहर बरपाती रही है कहीं भूकम्प तो कहीं ज्वालामुखी तो कहीं पर सुनामी आदि प्रकार की आपदाएं हर वर्ष आती रहती है हालांकि कुछ घटनाओं में जानमाल की हानि कम होती है लेकिन कुछ आपदाएं विकराल रूप धारण कर मानव सभ्यता तथा जीव जंतुओं पर आफत बनकर टूटती है जिसका मंजर बहुत खौफनाक और दिलदहला देने वाला होता है। इन दिनों एक ऐसी ही भूकंप त्रासदी हुई है जिसमें सीरिया और तुर्की दहल उठे हैं आइए जानते हैं इन देशों में आए भूकंप के परिणाम कितने विनाशकारी साबित हो रहें हैं? तथा भूकंप के अब तक कितनी हानि हुई है।
भूकंप के बाद तबाही का मंजर
तुर्की और सीरिया में 5 फरवरी को आए शक्तिशाली भूकंप से अब तक मौतों का दस हजार के करीब पहुंच चुका है वहीं जबकि हजारों की तादाद में लोग घायल हैं। तुर्की और सीरिया में भूकंप से करीब 11000 इमारतें तबाह हो गई हैं। तुर्की में दस हजार से अधिक लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। इस भीषण त्रासदी में 55000 से ज्यादा बचावकर्मी रेस्क्यू में जुटे हुए हैं। तुर्की में भूकंप प्रभावित इलाकों में लोगों को मस्जिदों में शरण दी जा रही है।
हम इस त्रासदी की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि तुर्की में 3 महीने तक इमरजेंसी का ऐलान किया गया है। यहां सभी स्कूलों को 13 फरवरी तक बंद कर दिया गया। वहीं सरकारी इमारतों को शेल्टर होम बनाया जा रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान ने बताया कि अब तक 70 देश और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठन मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि यह तुर्की ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ी आपदा है। भारत सहित दुनिया के अनेक देश राहत और बचाव के लिए अपने विमान वहां भेज रहे हैं। भूकंप के बाद आई तबाही ने इन देशों को हिला के रख दिया है आइए जानते हैं तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के कारण और इसके परिणामों की विस्तृत चर्चा करते हैं कि क्या कारण रहे कि इस भूकंप से जानमाल का इतना नुकसान क्यों हुआ है?
बात करें भूकंप के केंद्र तथा रिएक्टर पैमाने पर दर्ज तीव्रता की तो जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) के अनुसार मध्य तुर्किये में 10 किमी की गहराई में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तुर्किये के डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट अथॉरिटी (एएफएडी) ने बताया कि भूकंप एक मिनट तक महसूस किया गया। इस भूकंप का केंद्र गाजियांटेप के पास था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर स्थित है। तुर्की में भूकंप स्थानीय समय के मुताबिक, पहला झटका सुबह 04:17 बजे आया। इसकी गहराई जमीन से 17.9 किलोमीटर अंदर थी। ऐसे में सीरिया के कई शहरों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए। बताया जा रहा है कि बॉर्डर के दोनों ओर भारी तबाही हुई है। हालांकि पहली तबाही के बाद तुर्की में भूकंप का एक और झटका महसूस किया गया था। इसप्रकार यह तुर्की में 100 साल में सबसे तीव्रता वाला भूकंप बताया जा रहा है।
भूकंप से भारी तबाही के मानवीय और प्राकृतिक कारण
तुर्की और सीरिया के क्षेत्र में प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के अनुसार भुकंप संभावित क्षेत्र तो है लेकिन यहां आंकड़ों के मुताबिक विनाशकारी भूकंप का अनुमान नहीं था इसलिए यहां की इमारतों का स्ट्रक्चर खतरनाक भूकंपों को झेलने वाला नहीं था इसलिए अधिकतर ऊंची इमारतें जमींदोज हो गई सुबह के समय अधिकतर लोग घरों में थे ऐसे में तबाही और मौतों का आंकड़ा ज्यादा रहा है इसके साथ साथ यह भी बताया जा रहा है कि एक पाइपलाइन के क्षतिग्रस्त होने से लगी आग ने इस तबाही को ओर भी अधिक खौफनाक बना दिया। भूकंप के बाद मलबे में दबने से अधिक जिन्दगियां गई है इससे हम समझ सकते हैं कि भूकंप के आने वाले बिखराव और स्खलन से अधिक नुकसान होता है जहां इमारतों का घनत्व अधिक होगा वहीं कुछ इमारतें गिरकर आसपास में अधिक नुकसान पहुंचाती है। अधिक तीव्रता वाले भूकंप में सड़कों और पुलों पर खाइयों का निर्माण होता है तथा जमीन दरकने लगती है इसके दौरान अधिकतर इमारतें जमींदोज होकर गिर जाती है।
भूगर्भीय स्थति के अनुसार तुर्की और सीरिया में भूकंप के पीछे की वजह?
तुर्की और इसके आसपास का इलाका एनाटोलियन प्लेट (Anatolian Plate) पर है। तुर्की 6 टेक्टोनिक प्लेटों से घिरा है। एनाटोलियन प्लेट के पूर्व में ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट है जबकि बाईं तरफ ट्रांसफॉर्म फॉल्ट है। दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में अफ्रीकन प्लेट (African Plate) है। इसके अलावा तुर्की के उत्तर दिशा में यूरेशियन प्लेट है। यह प्लेटें घड़ी के विपरीत दिशा में घूमती है। इससे इन प्लेटों में घर्षण होता है। इसी के कारण भूकंप के तेज झटके लगते हैं। कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि एशिया में हिमालयन क्षेत्र में जिस तरह के हालात हैं उससे कही अलग तुर्की के आसपास के हैं। उत्तरी एनाटोलियन प्लेट की स्टडी के बाद पता चला है कि वह एनाटोलिया यूरेशियन प्लेट से अलग हो चुकी है। इस स्टडी में सामने आया कि इन प्लेटों पर अरेबियन प्लेट का दबाव बढ़ रहा है। वहीं यूरेशियन प्लेट इस दबाव को रोक रही है,भूकंप विज्ञानी डॉ कार्लो डोग्लियोनी का कहना है कि सीरिया की तुलना में तुर्की की टेक्टोनिक प्लेट्स पांच से छह मीटर तक खिसक सकती हैं। इस प्रकार तुर्की और सीरिया के आसपास का क्षेत्र प्लेट विवर्तनिकी के सिद्धांत अनुसार भूकंप संभावित क्षेत्रों में से एक है जहां कभी भी भयावह भुकंप की संभावना बनती रहती है।तुर्की की भौगोलिक स्थिति के चलते यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। इसलिए यहां वर्ष 1999 में आए भूकंप में 18000 मौतें अक्टूबर 2011 में आए भूकंप में 600 स अधिक मौतें इस बात का संकेत देती है कि यहां भूकंप संभावित क्षेत्र कितना प्रबल है।
भूकंप के बाद राहत एवं बचाव कार्य तथा बर्फबारी
तुर्किये और सीरिया में भूकंप से हालात पहले से खौफजदा हैं प्रकृति के इस विकराल रूप धारण करने के बाद भी समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही। सर्दी और बर्फबारी के माहौल ने इस समस्या को ओर भी ज्यादा मुश्किल बना दिया है। तुर्किये के कई शहरों में तापमान 9 से माइनस 2 डिग्री सेलसियस पहुंच गया है। बर्फबारी और बारिश के कारण भूकंप से प्रभावित दोनों ही देशों में बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि मौत का आंकड़ा 20 हजार के पार जा सकता है। लेकिन अच्छे संकेत यह है कि विभिन्न देशों के संगठन राहत और बचाव अभियान में आगे आ रहें हैं जिससे लोगों को बचाया भी जाएगा तथा उनकी इस विकट परिस्थितियों में मदद भी मिलेगी भूकंप के बाद सबसे आम जरूरत राहत और मेडिकल सुविधाएं मुहैया करना तथा बेघर हुए लोगों को विस्थापित कर उन्हें सुरक्षित जगहों पर अस्थाई रूप से ठहराव देना है।
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