सरकारी कुएं में मिला इंसान का कंकाल: सनसनीखेज मामला पुलिस जांच में जुटी । 2006 से बंद कुएं मे सफाई करने उतरे मजदूर को प्लास्टिक के कट्टे में मिला कंकाल, डीएनए जांच से होगा संदेह दूर
कुएं में मिला मानव कंकाल Human Skeleton Barmer
राजस्थान के बाड़मेर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आ रहा है हमेशा शांति और सौहार्द्र की परिभाषा रहा यह सरहदी जिला अपराध और बुरी घटनाओं से महफूज ही रहा है लेकिन बीते कुछ सालों से यहां अजीबोगरीब घटनाओं का सिलसिला शुरू हुआ हैं जिसमें आत्महत्याएं, डकैती, लूटमार, अपरहण, चोरी आदि घटनाएं सामने आ रही है।
हाल ही में बाड़मेर जिले में जो खौफनाक घटना सामने आई है वह है बन्द कूंए में मानव कंकाल का मिलना। मानव एक सामाजिक प्राणी है जो अपने सनातन संस्कृति और धार्मिक नियमों से जीवन यापन करता है। जिसमें वह अपने पालतू पशुओं को खोने पर भी ढूंढने पर सबकुछ दांव पर लगा देता है। तो किसी इंसान के खोने पर मनुष्य सौ वर्षों तक उसे ढूंढता है तथा मरने के के बाद हड्डियों के अवशेषों का भी अंतिम संस्कार करता है मानव बुद्धिजीवी प्राणी होने के कारण एक मानव के सम्मान में सबकुछ करता है लेकिन यह घटना इसलिए दिल-दहलाने वाली है कि एक मानव का कंकाल मिला है वो कौन था कहां से आया ? किसी को पता ही नहीं। कोई पशु मरता है तो भी उसकी शिनाख्त होती है लेकिन एक मनुष्य का कंकाल एक कुएं में लम्बे समय से रहा जिसको ढूंढने तथा अंतिम संस्कार की रस्म भी नसीब नहीं हुईं यह एक अपने आप में बड़ी घिनौनी और मानवता को तार तार करने वाली घटना है।
आइए जानते हैं कि राजस्थान के अखबार और न्यूज़ चैनलों ने इस घटनाक्रम की क्या रिपोर्ट की है? तथा आखिर इस कंकाल की शिनाख्त किस नाम से तथा कौनसा परिवारजन करेगा? यह अपने आप में बड़ा सवाल होगा।
बाड़मेर जिले के सदर थानान्तर्गत राणीगांव में बंद सरकारी ओपनवेल की सफाई के दौरान मानव कंकाल मिलने मिला है। सूचना मिलने पर एसपी दीपक भार्गव व सदर पुलिस मौके पर पहुंचे। कंकाल करीब एक-डेढ साल पुराना बताया जा रहा है। पुलिस ने कंकाल को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया दिया है।
खबरों के मुताबिक राणीगांव में पीएचईडी (PHED) के एक कुआ जो करीब 2006 से बंद था। इसी दौरान पब्लिक हेल्थ एंड डेवलपमेंट विभाग ने कुछ दिन पहले इसकी सफाई व गहरा करने का टेंडर निकाला था। इसके बाद ठेकेदार पिछले एक-दो दिन से काम कर रहे थे। इसी दौरान हाल ही में एक मजदूर सफाई करने के लिए अंदर उतरा तो एक प्लास्टिक कट्टे में मानव कंकाल मिला।
पुलिस के आला अधिकारी के मुताबिक यह मानव कंकाल करीब एक-डेढ साल पुराना लगता है। कंकाल महिला का है या पुरुष का यह डीएनए जांच के बाद ही पता चलेगा।
हालांकि कहां जाता है कि गुत्थी सुलझाने का काम समय और प्रकृति खुद करती है इस धरती पर मानव के मौत के अवशेष मिले ही जाते हैं। कभी कभी बर्फिले इलाके में सैकड़ों साल पहले के शव तो कभी खुदाई में खोये हुए इंसान निकलते हैं जो अतीत के घटनाक्रम को स्पष्ट कर देते हैं। हालांकि आज उन्नत वैज्ञानिक तकनीक से डीएनए टेस्ट और कार्बन डेट से सबकुछ पता लगाया जा सकता है। हर गुत्थियों को सुलझाना आसान है लेकिन न्याय करने वाले तथा काम करने वाले लोगों की नियति के कारण कुछ गुत्थियों को संदेह में रखकर भूला दिया जाता है।
इस घटना में जो कंकाल मिला है उसके लिए आगे की कहानी तभी स्पष्ट होगी जब आधुनिक तकनीक का सही और निष्पक्ष इस्तेमाल किया जाता है।
पुलिस का कहना है कि इस मनुष्य की मृत्यु कैसे हुई? यह बाद की जांच से स्पष्ट होगा। पुलिस अपने रिकार्ड में यह भी खंगाल रही है कि इस गांव की कोई गुमशुदगी थाने में दर्ज है या नहीं?
डेढ साल पहले एक युवक लापता हुआ था।
लेकिन इसी बीच ग्रामीणों का कहना है कि गांव से करीब डेढ साल पहले एक युवक लापता हुआ था। जिसकी गुमशुदगी भी थाने में दर्ज करवाई हुई है। वह युवक अभी तक लापता ही है।
डीएनए टेस्ट से होगी स्थति साफ
मानव के शरीर के अवशेषों का पता लगाने में विज्ञान की उन्नत तकनीक है जिसे डीएनए टेस्ट तथा कुछ फौरेंसिक टेस्ट कहा जाता है। इसलिए मनुष्य की हड्डियों से पता लगाया जा सकता है कि इसका संबंध किससे है। हालांकि बाड़मेर में मिले इस मानव कंकाल के बारे में
पुलिस पहले डीएनए टेस्ट से पुरूष व महिला का पता लगाएगी इसके बाद मौत के कारणों की छानबीन करेगी। यह भविष्य के गर्भ में है कि आखिर इस कंकाल तथा खंडहरों में विभक्त हड्डियों वाले एक मानव की कहानी क्या है। इस मानव को किसने कट्टे में डालकर गहरे कुएं में पहुंचाया।
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