Nationwide Bank Strike बैंक कार्मिकों की हड़ताल
Bank strike निजीकरण के विरोध में भारत में बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू की है किसान आंदोलन के बाद अब बैंक कार्मिकों में असंतोष व्याप्त होने लगा है कि निजीकरण के बाद उनकी नौकरी तथा बैंकिंग क्षेत्र में कुछ खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। भारत में स्वतंत्रता के बाद बैंकों का राष्ट्रीयकरण करण हुआ था लेकिन अब निजीकरण की तैयारियां शुरू हो रही है। हाल ही में
बैंक कर्मचारियों (Bank Employees) के 9 संगठनों के शीर्ष निकाय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने 16 और 17 दिसंबर 2021 को दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया था। देशभर में 16 दिसंबर 2021 को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) state bank of india पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI) के कर्मचारियों ने कामकाज बंद रखा। इस हड़ताल में दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ इस हड़ताल का ऐलान किया गया है।
हड़ताल से हुआ करोड़ों का लेन-देन प्रभावित
दो दिन से हुई हड़ताल में सरकारी बैंकों में करोड़ों के चैक तथा अन्य लेन-देन प्रभावित हुआ।
हड़ताल Strike कर रहे कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक आफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, बैंक आफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया।
भारतीय स्टेट बैंक सहित सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया था कि हड़ताल के कारण उनकी शाखाओं में सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि निजी क्षेत्र के बैंकों खासकर एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे नयी पीढ़ी के निजी बैंकों में कामकाज सामान्य दिनों की तरह जारी रहा।
बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2021
निजीकरण की सुविधा के लिए, सरकार ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 को संसद के मौजूदा सत्र के दौरान पेश करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है। सरकार ने इससे पहले 2019 में आईडीबीआई में अपनी अधिकांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर बैंक का निजीकरण किया था और साथ ही पिछले चार वर्षों में 14 सरकारी बैंकों का विलय किया है।
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