MI-17V5 हेलिकॉप्टर हादसा: सीडीएस जनरल रावत का परिचय तथा उनके शौर्य और साहस की कहानी Bipin Rawat Chopper CrashJagriti PathJagriti Path

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Wednesday, December 8, 2021

MI-17V5 हेलिकॉप्टर हादसा: सीडीएस जनरल रावत का परिचय तथा उनके शौर्य और साहस की कहानी Bipin Rawat Chopper Crash

Bipin Rawat Helicopter Chopper Crash
MI-17V5 हेलिकॉप्टर हादसा: सीडीएस जनरल रावत का परिचय तथा उनके शौर्य और साहस की कहानी Bipin Rawat Chopper Crash

MI-17V5 हेलिकॉप्टर हादसा , संभावित कारण  जनरल बिपिन रावत से जुड़े रोचक तथ्य


तमिलनाडु के कुन्नूर (Coonoor) जिले में बुधवार दोपहर बड़ा हादसा हो गया। सेना के MI-17VS हेलीकॉप्टर (IAF MI-17V5) उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही क्रैश हो गया। खबर के अनुसार, हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत (CDS Vipin Rawat) भी सवार थे। इसके अलावा, उनकी पत्नी भी इस विमान में सवार थीं। इस दुखदाई खबर से पूरे देश में शोक की लहर है। 8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर में वायु सेना का एमआई-17 (MI-17V5 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों का निधन हो गया है। CDS बिपिन रावत के साथ फ्लाइट से दिल्ली से सुलूर उनकी पत्नी मधुलिका, ब्रिगेडियर लिड्डर, हरजिंदर सिंह (लेफ्टिनेंट कर्नल), एनके गुरसेवक सिंह (पीएसओ), एनके जितेंद्र कुमार (पीएसओ), एलएनके विवेक कुमार, एलएनके बी साई तेजा, हवलदार सतपाल उनके साथ आए थे। इस हादसे के वक्त Mi-17 हेलीकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे, जिनमें कई बड़े अधिकारी भी मौजूद थे। हादसे में 14 में से 13 लोगों की जान चली गई है। इसकी पुष्टि निलगिरी के कलेक्टर ने की। घटना में ग्रुप कैप्टन वरुन सिंह घायल हुए हैं, उनका इलाज चल रहा है। हादसे की मुख्य वजह की बात करें तो आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह हादसा कोहरे के कारण कथित तौर पर कम दृश्यता की वजह से हुआ। हेलिकॉप्टर ने कोयंबटूर के पास सुलुर वायुसेना अड्डे से उड़ान भरी थी।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों तथा सैन्य अभियानों में जनरल बिपिन रावत एक मजबूत और अनुभवी सीनियर अफसर थे उनकी सूझबूझ,असाधारण प्रतिभा तथा अदम्य साहसिक नेतृत्व की क्षमता राष्ट्र की मजबूती के लिए बहुत जरूरी थी इसलिए यह राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। ऐसे कर्मठ और साहसी अफसर देश को बमुश्किल ही मिलते हैं। आगे हम जनरल बिपिन रावत की सैन्य सेवा और जीवन परिचय की बात करेंगे । लेकिन इससे पहले बता दें कि जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना में आने के बाद अनेक उपलब्धियां हासिल करवाईं । उन्होंने देश की सेना में आधुनिकता पर बल दिया तथा दुश्मनों की विभिन्न योजनाओं को ध्वस्त किया। पाकिस्तान हो या चीन बिपिन रावत की दूरदर्शिता ने सभी की करतूतों पर पानी फेरने में सफलता दिलाई। बिपिन रावत का चर्चित वक्तव्य था कि "पहली गोली हमारी नहीं होगी फिर गोलियों की गिनती नहीं होगी।" बिपिन रावत की खास उपलब्धियों की बात करें तो भारतीय सेना ने 29 सितंबर 2016 को पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर कई आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया था। इस पूरे आपरेशन में जनरल बिपिन रावत का बहुत बड़ा योगदान रहा था इनके उप सेना प्रमुख बनने के एक महीने के अंदर ही सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था। हमले में कई आतंकी भी मारे गए थे। उरी में सेना के कैंप और पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमले में कई जवानों के शहीद हो जाने के बाद सेना ने ये कार्रवाई की थी। जनरल रावत के नेतृत्व में भारतीय सेना ने देश की सीमा के पार जाकर आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर कई आतंकियों को ढेर किया था। म्यांमार में जून 2015 में मणिपुर में आतंकी हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद 21 पैरा के कमांडो ने सीमा पार जाकर म्यांमार में आतंकी संगठन एनएससीएन के कई आतंकियों को ढेर कर दिया था।तब 21 पैरा थर्ड कॉर्प्स के अधीन थी, जिसके कमांडर बिपिन रावत ही थे। जनरल बिपिन रावत ने कॉन्गो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का नेतृत्व भी किया। इस दौरान उन्होंने एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड का भी नेतृत्व किया। कहा जाता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रावत ने कई लोगों की जान बचाई तथा अपनी उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान की।

बिपिन रावत का जीवन परिचय एवं शिक्षा Bipin Rawat Biography 


भारतीय सेना और सुरक्षा मामलों में सबसे अनुभवी और विख्यात शख्सियत बिपिन रावत का नाम कौन नहीं जानता भारत सेना और सुरक्षा मामलों में चर्चित रहे बिपिन रावत के जीवन परिचय की बात करें तो उनका जन्म 16 मार्च 1958 को देहरादून उत्तरप्रदेश ( वर्तमान उत्तराखण्ड ) में हुआ था। बिपिन रावत के पिताजी एल एस रावत भी फ़ौज में थे और उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल एलएस रावत के नाम से पहचाना जाता था। बिपिन रावत का बचपन फौजियों के बीच ही बीता था उन्हें बचपन में ही सेना की वर्दी पहनने का शौक था। बिपिन रावत की शुरूआती पढाई सेंट एडवर्ड स्कुल शिमला में हुई थी । उसके बाद उन्होंने इंडियन मिलट्री एकेडमी में एडमिशन लिया और देहरादून चले गये थे। देहरादून में उनकी परफोर्मेंस को देखते हुए उन्हें पहला सम्मान पत्र मिला जो SWORD OF HONOUR से सम्मानित किया गया था। बिपिन रावत अमेरिका भी गये अमेरिका में उन्होंने सर्विस स्टाफ कॉलेज में ग्रेजुएट किया साथ में उन्होंने हाई कमांड कोर्स भी किया था। बिपिन रावत ने राष्ट्र के लिए अपनी गौरवमई और बहुमूल्य सेवा भारतीय सेना में दी जिसमें 3 वर्ष थल सैना अध्यक्ष के रूप में दी। इन्होंने भारतीय सेना मे आधुनिकरण करने बहुत योगदान दिया। वे देश के प्रथम CDS अधिकारी थे।
बिपिन रावत के पास रक्षा और प्रबंधन अध्य्यन में एमफिल तथा सेना मिडिया अध्ययन में पीएचडी थी। बिपिन रावत की पत्नी का नाम मधुलिका रावत था। इनके दो बेटियां हैं। बिपिन रावत का धर्म हिन्दू तथा जाति से राजपूत थे। बिपिन रावत को PVSM. UYSM. AVSM. YSM. SM. VSM.जैसे पुरस्कार मिल चुके है। विभिन्न उपलब्धियों तथा सेना में सेवा के बाद तथा सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें तीनों सेनाओं की साझा कमान सौंपी गई थी। 

जनरल बिपिन रावत की भारतीय आर्मी में सेवा Bipin Rawat in Indian Army


बिपिन रावत ने 16 दिसंबर 1978 को आर्मी ज्वाइन की थी। उनकी पहली जोइनिंग गोरखा बटालियन में हुई थी।
गोरखा 11 राइफल्स की 5वीं बटालियन में शामिल होने के साथ ही उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा यहां से बिपिन सर ने उपलब्धियों तथा राष्ट्र के लिए अमूल्य योगदान देना शुरू किया जिनकी गिनती करना आसान नहीं है। 16 दिसंबर 1978 को जनरल बिपिन रावत बतौर सेकंड लेफ्टिनेंट सेना में भर्ती होने के बाद वर्ष 1980 में वो लेफ्टिनेंट के पद पर पदोन्नत हुए। 1984 में उन्हें सेना ने कप्तान की रैंक प्रदान की गई थी। 1989 में वह मेजर बने तथा 1998 मे लेफ्टिनेंट कर्नल । भारत पाकिस्तान के बीच करगिल में युद्ध हुआ इस युद्ध में बिपिन रावत का शानदार योगदान रहा था। वर्ष 2003 में विपिन रावत कर्नल बनाए गए 4 साल बाद साल 2007 में वरिष्ठता को देखते हुए उन्होंने ब्रिगेडियर बनाया गया। वर्ष 2011 में वह मेजर जनरल बने तथा 2014 में लेफ्टिनेंट जनरल बनें तथा इसके बाद भारतीय थल सेना के सर्वोच्च पद आर्मी चीफ पर काबिज हुए। आर्मी चीफ के पद से 31 दिसंबर 2019 को रिटायर होने के बाद बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बने थे। गौरतलब है कि बिपिन रावत 31 दिसंबर 2016 को आर्मी चीफ बनाए गए थे। जनरल रावत को पूर्वी सेक्टर में LoC, कश्मीर घाटी और पूर्वोत्तर में काम करने का लंबा अनुभव था। अशांत इलाकों में काम करने के अनुभव को देखते हुए मोदी सरकार ने दिसंबर 2016 में जनरल रावत को दो वरिष्ठ अफसरों पर तरजीह देते हुए आर्मी चीफ बनाया था।

कैसा है एमआई-17 MI-17V5 हेलिकॉप्टर हादसे के संभावित कारण


एमआई-17 (MI-17V5) हेलिकॉप्टर को भारतीय वायु सेना के सबसे सुरक्षित हेलिकॉप्टरों में एक माना जाता है। भारत ने रूस से 80 एमआई-17 हेलिकॉप्टरों की खरीद की थी। 2011 में इन हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति प्रारंभ हुई थी और साल 2018 में पूरी हो गई थी। हालांकि, पिछले पांच वर्षों की बात करें तो इस हादसे को मिलाकर छह बार ये दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं वैसे इस हेलिकॉप्टर की ताकत और बनावट को काफ़ी सुरक्षित और विश्वसनीय माना जाता है लेकिन पिछले कुछ हादसे इस हेलिकॉप्टर की टेक्नोलॉजी पर सवाल खड़े करते हैं। भारतीय वायु सेना का हेलिकॉप्टर Mi 17V5 एक मिलिट्री ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर है। ऐसे हेलिकॉप्टर्स का निर्माण रूस करता है। ये हेलिकॉप्टर्स के Mi-8/17 परिवार का हिस्सा हैं। इस शक्तिशाली हेलिकॉप्टर को विश्व के सबसे आधुनिक हेलिकॉप्टरों में से एक माना जाता है।इसन हेलिकॉप्टर्सू की तैनाती सेना और आर्म्स ट्रासपोर्ट में भी की जा सकती है। सर्च ऑपरेशनों, पट्रोलिंग, राहत एवं बचाव अभियानों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
एमआई-17 (MI-17V5) हेलिकॉप्टर की रफ्तार 250 किमी प्रति घंटा है। तथा यह 6000 मीटर की अधिकतम उंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है। एक बार में यह 580 किमी की दूरी तय कर सकता है। विभिन्न हथियारों से लैस यह हेलिकॉप्टर मिसाइल्स, एस-8 रॉकेट, एक 23 मिमी मशीन गन, पीकेटी मशीन गन्स के साथ 8 फायरिंग के साथ उड़ान भरने में सक्षम है। एमआई-17 (MI-17V5) भारतीय सेना में विभिन्न बड़े आपरेशन में उपयोग किया जाता रहा है। साथ ही इस हेलिकॉप्टर में 20 से 24 व्यक्ति बैठ सकते हैं तथा 3500 से 4000 किलोग्राम भार उठाने की क्षमता है।


हादसे में संदेह सुब्रमण्यम स्वामी ने की जांच की मांग


राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ न्यायाधीश से कराने की मांग की। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस घटना को चौंकाने वाला और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चेतावनी बताया। स्वामी ने कहा कि अंतिम रिपोर्ट नहीं आई है, इसलिए मेरे लिए कुछ भी कहना बहुत मुश्किल है, लेकिन तमिलनाडु जैसे सुरक्षित क्षेत्र में एक सैन्य विमान का इस तरह से दुर्घटनागस्त हो जाना कई सवाल खड़े करता है।

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