Facebook Now Meta:फेसबुक का नाम बदलकर क्यों किया गया मेटा? क्या है मेटावर्स और मेटा ब्रांडJagriti PathJagriti Path

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Saturday, October 30, 2021

Facebook Now Meta:फेसबुक का नाम बदलकर क्यों किया गया मेटा? क्या है मेटावर्स और मेटा ब्रांड

Facebook New Name meta
Facebook New Name meta 


Meta Metaverse मेटा तथा मेटावर्स

•Metaverse Kya Hai?
•What is Metaverse?
•Meta Kya Hai?
•Meta क्या है?
• Why change Facebook Name?
•मेटा तथा मेटावर्स क्या है?

फेसबुक Facebook दुनिया का सबसे पोपुलर और अधिक मात्रा में यूज किया जाने वाला सोशल मीडिया एप्लिकेशन है जिसकी शुरुआत मार्क जुकरबर्ग और उसके साथियों ने 2004 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में की थी। कॉलेज नेटवर्किग जालस्थल के रूप में यह एप्लीकेशन विश्वविद्यालय परिसर में से बाहर आकर बड़ी तेजी से पूरी दुनिया तक पहुंच गया जिसकी कल्पना शायद मार्क जुकरबर्ग ने नहीं की होगी। भारत सहित दुनिया के हर पिछड़े और समृद्ध देश में भी फेसबुक का इस्तेमाल किया जाता है। यह एप्लीकेशन सोशल नेटवर्किंग तथा मैसेजिंग के साथ साथ दुनिया भर में मनोरंजन का साधन बना हुआ है। युवा वर्ग इस एप्लिकेशन के आदि हो चुके है साथ ही यह एप्लीकेशन विज्ञापन तथा मार्केटिंग के क्षेत्र में तेजी से प्रगति करने हुए यूजर्स के लिए इनकम तथा कमर्शियल प्लेटफॉर्म के रूप में उभर रहा है। हाल ही में फेसबुक के सीईओ जुकरबर्ग ने एक सम्मेलन में घोषणा कर दी है कि फेसबुक का अब नाम बदलकर मेटा कर दिया है इस घोषणा के बाद फेसबुक यूजर्स में खलबली मच गई है तथा सवालों का दौर शुरू हो गया है। आइए जानते हैं कि फेसबुक के नाम परिवर्तन की क्या कहानी है? फेसबुक का नाम परिवर्तन क्यों किया गया? मेटा क्या है? मेटा का अर्थ क्या है?मेटावर्स क्या है? 

 

क्या होता Meta का मतलब?


Facebook के सीईओ मार्क जकरबर्ग के मुताबिक मेटा एक ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका ग्रीक में मतलब Beyond(एक सीमा से आगे) होता है, मतलब एक हद से पार। इसको ऐसे समझ सकते हैं कि कंपनी का नाम फेसबुक से बदलकर मेटा इसलिए किया गया है ताकी इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कहीं ज्यादा आगे एक वर्चुअल दुनिया में ले जाया जा सके जिसमें सोशल नेटवर्किंग और मैसेजिंग ही नहीं बल्कि नये नये आयामों को जोडा जा सके और उस पर काम किया जा सके।

आखिर क्यों बदला फेसबुक का नाम?


फेसबुक के नाम परिवर्तन के पीछे कारण की बात करें तो इसका सटीक जवाब तो नहीं है लेकिन इसके पीछे कुछ दूरगामी कारण है जिसे मार्क जुकरबर्ग के शब्दों के माध्यम से ढूंढने की कोशिश करते हैं। हम जानते हैं कि फेसबुक आज इंटरनेट की दुनिया में बहुत आगे बढ़ चुका है जिसने समय समय पर आधुनिक इंटरनेट की परिस्थितियों के अनुरूप इनोवेशन किए हैं। फेसबुक से बदलकर मेटा इसलिए किया गया है ताकी इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कहीं ज्यादा आगे एक वर्चुअल दुनिया में ले जाया जा सके तथा उस पर इंटरनेट के नये युग के अनुरूप विभिन्न माध्यमों पर काम किया जा सके जिसमें सोशल नेटवर्किंग और मार्केटिंग आदि पर नवीन तरीके से काम किया जा सके। इसलिए कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि" हम इसे महज एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक ही सीमित नहीं रखना चाहते हैं और अब जो हम करने जा रहे हैं उसके लिए नए नाम के साथ जाने की जरूरत थी, जिससे सभी को ये पता लग सके कि हम क्या कर रहे हैं और क्या करने जा रहे हैं।"

भविष्य में कैसे काम करेगा मेटा?


मेटा ऐसी तकनीकों का निर्माण करता है जो लोगों को जुड़ने, समुदायों को खोजने और व्यवसायों को विकसित करने में मदद करती हैं। 2004 में जब फेसबुक लॉन्च हुआ, तो इसने लोगों के कनेक्ट होने के तरीके को बदल दिया। मैसेंजर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे ऐप्स ने दुनिया भर के अरबों लोगों को और सशक्त बनाया है। अब, मेटा 2डी स्क्रीन से आगे बढ़कर सामाजिक प्रौद्योगिकी में अगले विकास के निर्माण में मदद करने के लिए संवर्धित और आभासी वास्तविकता जैसे इमर्सिव अनुभवों की ओर बढ़ रहा है। आगे मार्क जुकरबर्ग बताते हैं कि हमारा कॉर्पोरेट ढांचा नहीं बदल रहा है। 2021 की चौथी तिमाही के अपने परिणामों के साथ शुरू करते हुए, हम दो ऑपरेटिंग सेगमेंट पर रिपोर्ट करने की योजना बना रहे हैं, हम 1 दिसंबर को हमारे द्वारा सुरक्षित नए स्टॉक टिकर, एमवीआरएस के तहत व्यापार शुरू करने का भी इरादा हैं। आज की घोषणा इस बात को प्रभावित नहीं करती है कि हम डेटा का उपयोग या साझा कैसे करते हैं।
इसलिए इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का कॉर्पोरेट नाम "मेटा" में बदल दिया जाएगा, ताकि इसकी "मेटावर्स" दृष्टि पर जोर दिया जा सके। 

मेटावर्स क्या है? इंटरनेट के भविष्य इसका क्या महत्व है

 
अब से हम पहले मेटावर्स बनने जा रहे हैं, फेसबुक नहीं," जुकरबर्ग ने कंपनी के वार्षिक डेवलपर सम्मेलन में एक मुख्य भाषण के दौरान कहा। "मुझे उम्मीद है कि लोग मेटा ब्रांड और उस भविष्य के बारे में जानेंगे जिसके लिए हम खड़े हैं।" इंटरनेट का भविष्य आभासी और "मेटा" होने जा रहा है, जिसे फेसबुक के रूप में जनता के लिए जाना जाता है, यह मानते हुए कि 1 अरब लोग इमर्सिव, त्रि-आयामी दुनिया में काम करेंगे तथा एक दूसरे से जुड़ेंगे जिसे "मेटावर्स" कहा जाता है। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने हाल ही में एक कंपनी के वार्षिक डेवलपर सम्मेलन में कहा है कि "हमारा मानना ​​है कि मेटावर्स मोबाइल इंटरनेट का उत्तराधिकारी होगा।"

डाटा लीक के आरोप तथा बदनामी के बीच बड़ा परिवर्तन


भारत सहित दुनिया के देश फेसबुक पर डेटा चोरी तथा डेटा पालिसी पर सवाल उठा रहे हैं। भारत सरकार ने भी फेसबुक की डेटा पालिसी पर सवाल किए हैं।
साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि Facebook के इतिहास के यह सबसे बड़ा डाटा ब्रीच है। व्हाट्स ऐप खरीदने के बाद जिस तरह फेसबुक ने व्हाट्स ऐप बिजनेस को विज्ञापन से जोडा है उसके बाद डेटा सुरक्षा का मुद्दा काफी चर्चा में रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, Facebook के यूजर्स का हैक किया गया सभी डाटा ऑनलाइन फ्री में उपलब्ध करवाया गया था। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस डाटा लीक में 106 देशों के Facebook यूजर्स का डाटा शामिल है जिनमें 32 मिलियन डाटा अमेरिकी यूजर्स, 11 मिलियन ब्रिटेन के यूजर्स और 6 मिलियन भारतीय यूजर्स के डाटा शामिल हैं। इस निजी डाटा में यूजर्स की जन्म तिथि, पूरा नाम, बायो, लोकेशन और ई-मेल आदि शामिल हैं।

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