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PM Modi's US visit Photo credit twitter |
प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा 2021
हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी PM Narendra Modi का अमेरिका दौरा चर्चा का विषय बना हुआ था। मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की मुलाकात तथा कमला हैरिस से हुई खास मुलाकात भारतीय अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगा। अफगानिस्तान तथा तालिबान से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर कोई खास चर्चा हुई है? कोराना महामारी के बाद जब दुनिया एक त्रासदी से उभर रही है तो प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों तथा वैश्विक राजनीति के लिए कितनी महत्वपूर्ण साबित होगी? आइए जानते हैं प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम की खास बातें।
प्रधानमंत्री मोदी का यात्रा कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्वाड शिखर वार्ता और संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में भाग लेने के लिए 22 सितंबर को अपने चार दिवसीय अमेरिकी दौरे पर रवाना हुए थे अमेरिका रवाना होने से पहले एक बयान जारी कर उन्होंने कहा था कि वे संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के निमंत्रण पर 22-25 सितंबर तक यूएसए का दौरा करेंगे। वे राष्ट्रपति बिडेन के साथ व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस से खास बातचीत करेंगे । पीएम मोदी ने अपने वादे के मुताबिक अपने खास कार्यक्रम को अंजाम दिया । जिसमें अपनी तीन दिन की यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात की। उन्होंने क्वाड मीटिंग में भी हिस्सा लिया और संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित भी किया। अब जानते हैं कि इन मुलाकातों से भारत को क्या क्या मिला तथा यह दौरा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कितना महत्वपूर्ण साबित होगा?
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PM Modi's US visit: Quad summit and address at UNGA |
संयुक्त राष्ट्र आमसभा को संबोधन तथा मुलाकात
पूरे कार्यक्रम की बात करें तो मोदी जी ने अपनी तीन दिन की यात्रा के दौरान संयुक्त राष्ट्र आमसभा (UNGA) के 76वें सत्र को संबोधित किया। पहली क्वाड समिट (Quad Summit) में शामिल हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) से विशेष मुलाकात की तथा इस अवसर पर ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) और जापान के पीएम योशीहिदे सुगा (Yoshihide Suga) से भी मुलाकात की। इससे साबित होता है कि भारत जापान और आस्ट्रेलिया से भी सहयोग की राजनीति मजबूत हो सकती है। इसके बाद पीएम मोदी अमेरिका की पांच कंपनियों के सीईओ CEO से भी मुलाकात करते हैं जो आर्थिक क्षेत्र और भारत में व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। पीएम मोदी ने उन्हें भारत में इन्वेस्ट करने का न्योता भी दिया। इसलिए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भारतीय प्रधानमंत्री की इस यात्रा को ऐतिहासिक यात्रा कहा है। व्हाइट हाउस में आयोजित की गई क्वाड देशों की समिट Quad Summit
में PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया के लिए शांति को स्थापित करना हमारा असल उद्देश्य है।
कमला हैरिस से खास मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात की। दोनों के बीच कोरोना वैक्सीनेशन, लोकतंत्र, सप्लाई चेन और टेक्नोलॉजी समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने कमला हैरिस को भारत आने का आमंत्रण भी दिया। पीएम मोदी ने कमला हैरिस को उनके नाना पीवी गोपालन से जुड़े कुछ पुराने दस्तावेज और गुलाबी मीनाकारी शतरंज सेट भी भेट दिया।
राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर कई वैश्विक चुनौतियां हल कर सकते हैं।
मोदी जी की ऐतिहासिक यात्रा के राष्ट्र हित तथा अवसर
भारतीय प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक यात्रा के भारत के लिए हितों की बात करें तो हमें प्रतीत होता है कि भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत होंगे। अमेरिका और चीन के बीच आर्थिक और राजनैतिक टकराव साफ झलक रहा है। ऐसे में अमेरिका को भारत से अच्छे संबंध बनाना बहुत जरूरी है। बढ़ते आंतकवाद को काबू करने तथा सामरिक दृष्टि से मजबूत बनने के लिए भारत को भी अमेरिका की जरूरत है। इसलिए दोनों देशों के बीच संबंधों का घनिष्ठ होना स्वाभाविक है। अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान पर खास बात नहीं होने के बावजूद इस दौरे में पश्चिमी एशिया में उथल-पुथल की स्थिति पर जरूर इशारा किया है। मोदी और हैरिस के बीच एक घंटे तक चली वार्ता के दौरान दोनों देशों ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जिसमें दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग, वैश्विक मुद्दों में तालिबान की स्थिति, लोकतंत्र और हिंद- प्रशांत जैसे मुद्दे शामिल थे। सीमा पर आंतकवाद की चर्चा यह इशारा करती है कि इस यात्रा में अफगानिस्तान तथा आंतकवादी गतिविधियों की चर्चा भी अप्रत्यक्ष तौर पर हिस्सा रही है। यह खास मौका है जब तीन तीन राष्ट्राध्यक्षों की विशेष मुलाकात होती है ध्यान रहे किज्ञ क्वाड ग्रुप में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल है। इसलिए जापान आस्ट्रेलिया जैसे देशों से मजबूत होते संबंध भारत के लिए आर्थिक सामरिक और औद्योगिक मुद्दों के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।
भारत को इस सम्मेलन का सबसे बड़ा लाभ यह मिला कि जो बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का जिक्र किया तथा एनएसजी में प्रवेश के समर्थन की बात की। इस मुलाकात के बाद भारत और अमेरिका की पुरानी दोस्ती और भी मजबूत होगी। तथा वैश्विक स्तर पर आर्थिक तथा तकनीकी क्षेत्र में दौड़ रहें चीन के लिए भी यह अप्रत्यक्ष संदेश है। वहीं कोरोना के बाद खस्ताहाल हुए अमेरिका को भी चीन को पछाड़ने के लिए भारत जैसे विशाल उपभोक्ताओं वाले देश की जरूरत है। भारत में व्यापारिक तथा औद्योगिक की अपार संभावनाएं अमेरिका और चीन की अर्थव्यवस्था का आधार है। इसलिए भारत के लिए मोदी का यह दौरा कितना हितकारी होगा यह भविष्य में अमेरिका की भारत के प्रति नीतियां ही बताएगी। फिलहाल कहना मुश्किल है कि इस दौरे से भारत के विभिन्न द्वार खुल गये है। हालांकि मोदी जी की इस यात्रा को केवल राष्ट्रीय हितों से जोड़ना भी गलत है। यह यात्रा संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधित्व के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण थी। या ऐसे ही कह सकते हैं कि यह यात्रा व्यक्तिगत हितों से इतर अंतरराष्ट्रीय अंगुवाई तथा प्रतिनिधित्व के लिए अहम थी।
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