विशालकाय खतरनाक जहरीले एवं विषहीन सर्प सांप नाग
सांप का नाम सुनते ही हर कोई सहम जाता है अगर खेत या घरों में अचानक सांप घुस जाए तो हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। भला क्यों नहीं डरेंगे! क्योंकि सांप होते ही खतरनाक है। लेकिन कुछ लोग सांपों से कम डरते हैं या बिल्कुल डरते भी नहीं है। दुनिया में अनेकों जातियों और प्रजातियों के सांप विभिन्न रूपों में पाए जाते हैं । दुनिया में लगभग 3000 प्रजातियां पाई जाती है। जिसमें कुछ एनाकोंडा जैसे विशालकाय होते हैं तो कुछ छोटे। कुछ लोग सांपों को पालते भी है। सांपों की विभिन्न प्रजातियां हैं जिसमें कुछ जहरीले एवं आक्रामक होते हैं तो कुछ विषहीन और डरावने स्वभाव के होते हैं। सांपों को पकड़ने वाले लोगों को देखकर हम चौंक जाते हैं कि आखिर इनको यह डंस क्यों नहीं मारते? तो आज इस पोस्ट में जानेंगे कि दुनिया में कैसे कैसे खतरनाक और विशालकाय सर्प पाये जातें हैं? दुनिया में सबसे जहरीला सांप कौनसा है? पृथ्वी पर अभी तक खोजें जाने वाले सांपों में कुछ जहरीले है जिसमें अलग-अलग तरह का पोइजन पाया जाता है जानेंगे कि कुछ सांप इतने खतरनाक होते हैं कि मनुष्य को काटने पर कुछ ही समय में मृत्यु हो जाती है। हालांकि प्रकृति में सांप मनुष्य के शत्रु तो नहीं कह सकते लेकिन परिस्थिति वश यह काट लेते हैं दुनिया में हर साल लाखों लोगों की मृत्यु सर्प दंश से हो जाती है।दुनिया में बड़े और विशालकाय सर्पो की बात करें तो एनाकोंडा और अजगर पृथ्वी पर आज तक के जीवित सांप हैं। पृथ्वी पर मौजूद खास सर्प और उनकी विशेषताएं।
जहरीले सांप
बात करें जहरीले सांपों की तो कुछ सांप खतरनाक ज़हर वाले होते हैं। जिसमें सेल वाइपर, सॉ-स्केल वाइपर, कॉमन क्रेट, सिंध आदि जहरीले सांपों में आते हैं। जिनका जहर मनुष्य के लिए बहुत घातक होता है। कुछ छोटे सांपों के दंश मारने पर आजकल चिकित्सा से इलाज भी होता है लेकिन कोबरा जैसे बड़े सांपों के काटने पर कुछ लोगों की कुछ ही देर में मौत हो जाती है। कुछ लोग जिनमें सपेरा जाति के लोग सांपों को पालते हैं यह लोगों को दिखाकर मनोरंजन करते हैं। कुछ प्रशिक्षित लोग सांपों को पकड़ने का भी करते हैं। हर किसी को जहरीले सांप पकड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि कभी कभी छोटी सी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है। कभी कभी सांपों के विशेषज्ञ लोग उनके जहर की थैली या दांत निकाल लेते हैं। सांप हो या अन्य कोई जीव सभी प्रकृति के संतुलन के लिए उपयोगी और महत्वपूर्ण है इसलिए इनका संरक्षण भी जरूरी है। सबसे खतरनाक जहरीले सांपों में काेबरा, रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर, काॅमन करेत है।
पॉइजन वाले सांपों में कोबरा होता सबसे खतरनाक
किंग कोबरा इसे भारत में नाग भी कहते हैं।ये सर्प खतरा होने की स्थिति में अपना फन खोलकर बैठ जाता है तथा जोर से फूंक भी मारता है। जिससे ये ज्यादा डरावना और खतरनाक लगता है। इस सर्प में न्यूरोटोसिस पॉइजन पाया जाता है। यह सांप सभी जहरीले सर्पों में सबसे विशालकाय होता है जिसकी लंबाई 18.5 से 18.8 फुट (5.6 मीटर से 5.7 मीटर) होती है।
करैत (क्रेत)
करैत काला सफेद धारी वाला ये सर्प रात में अधिक दिखाई देता है। ये स्पंदन करते हुए चलता है। इस सर्प में न्यूरोटॉक्सिस पॉइजन पाया जाता है। इस सर्प को भारत कहीं जगह स्थानीय लोग अपनी भाषा में कोढिय़ा के नाम से जानते हैं। इसमें एक रेड स्पॉटेड रॉयल स्नेक (Spalerosophis arenarius) भी आता है।
काॅमन करेत
काॅमन करेत सांप पतला और काले रंग का होता है। काले रंग के साथ-साथ इसकी चमड़ी पर सफेद रंग की धारी भी होती है। करैत भी काफी जहरीला सांपों में से एक है। काॅमन करेत रात काे साेते हुए लाेगाें काे काटता है। राजस्थान तथा भारत के पश्चिमी रेगिस्तानी इलाकों में इसे पीवणा भी कहा जाता है। लेकिन इसके काटने पर स्थानीय लोगों में कुछ भ्रान्तियां भी है। जिसमें कहा जाता है यह मनुष्य की सांस में विष छोड़ता है जिससे गले में छाला या फोड़ा हो जाता है
वाइपर
रसल्स वाइपर- गोल्डन ब्राउन पीठ पर काले गोल छल्ले वाला ये सर्प होमोटॉक्सिस पॉइजन वाला होता है। ये सर्प दिन व रात दोनों समय सक्रिय होते है। भारत में कुछ राज्यों में स्थानीय भाषा में इसे पररावन के नाम से जानते हैं। इसका ज़हर खतरनाक माना जाता है।
वाइपर प्रजाति के भी कई सांप होते हैं इसमें सबसे भारी जहरीला सर्प गबून वाइपर, जो सिर्फ 2 मीटर तक लंबा हो सकता है पर वजन 6-20 किलो के बीच होता है यह सर्प अपने लंबे जहरीले दंतों के लिए भी मशहूर है।
सौ-स्केल्ड वाइपर-
भारत में भी दुनियाभर में पायी जाने वाली सांपों की सबसे विषैली प्रजातियों में सॉ-स्केल्ड वाइपर को देखा जा सकता है,उसके खतरनाक ज़हर के लिए जाना जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में विस्तृत रूप से पाया जाने वाला सॉ-स्केल्ड वाइपर सांप देखने में भले ही छोटा हो, पर यह बहुत जहरीला होता है। राजस्थान में स्थानीय लोगों द्वारा इसे बांडी कहा जाता है।
इसके काटे जाने पर पीड़ित व्यक्ति को जल्द ही उपचार न मिले तो मौत तय मानी जाती है। इस सांप की गुस्सैल, चिड़चिड़ी और आक्रामक प्रवृत्ति इसके घातक विष के असर को बढ़ा देती है।
विषहीन सर्प
कुछ सर्प बड़े और विशालकाय होते हैं इसलिए उनसे हर कोई डरता है लेकिन यह विष हीन होते हैं। यह विशालकाय जहरीला दंश भले ही नहीं मारे लेकिन यह मनुष्य सहित बड़े बड़े जीवों को निगलने की क्षमता रखते हैं। सांपों को पकड़ने वाले लोग या सांपों को पालने वाले लोग जहरीले सांपों तथा बिना ज़हर वाले सांपों में पहचान बनाए रखने है। इसलिए वे उन्हें पकड़ भी सकते हैं । इसलिए लोगों को सर्पों की विशेषताओं और व्यवहार के प्रति सजगता बरतनी चाहिए। बोआ कंस्ट्रिक्टर, अजगर, एनाकोंडा जो कि सभी विशहीन सर्प है।
रेटिक्यूलेटेड पायथनः
पायथन या अजगर पाइथोनिडे परिवार के सांपों की एक प्रजाति है जो पूर्वी गोलार्ध के उष्ण कटिबंध और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाते जाते है। वर्तमान मे लगभग दस प्रजातियों की पहचान की जा चुकी है।
अजगर की प्रजाति में रेटिक्यूलेटेड पायथन सबसे लंबा और सबसे बड़ा है। यह 22.8 फीट तक लंबा हो सकता है। एशिया के दक्षिण पूर्वी हिस्सों में यह पाया जाता है। मनुष्य के लिए यह सर्प अक्सर हानिकारक नहीं होते हैं।
एनाकोंडा
एनाकोंडा सांप आज की दुनिया में सबसे विशालकाय सांपों में गिना जाता है इस सांप पर फिल्म भी बन चुकी है।
यह सर्प अक्सर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में विशेष दक्षिण अमेरिका में पाए जाते हैं। यह सांपों का एक अर्ध-जलीय समूह हैं और इसमें दुनिया के सबसे बड़े सांपों में से एक, ई. मुरिनस, हरा एनाकोंडा आते है। वर्तमान में एनाकोंडा की चार प्रजातियों को मान्यता दी गई है।
यह अक्सर धीमी गति से बहने वाली नदियाँ, बाढ़ वाले जंगल तथा दलदली क्षेत्रों में रहना पसंद करते हैं।
इन विशालकाय सांपों के भोजन और शिकार की बात करें तो यह बड़े बड़े जीवों को निगलने में माहिर होते हैं हरा एनाकोंडा हिरणों, मछलियों, पेकेरी, कैपीबारस, कछुओं, पक्षियों, कुत्तों, भेड़, जलीय सरीसृप जैसे काइमन और यहां तक कि जगुआर तक को अपना शिकार बना लेते हैं। कुछ बड़े एनाकोंडा मनुष्यों को भी अपना शिकार बना लेते हैं।
रेड सेंड बोआ स्नेक या दो मुंहा सांप
भारत पाकिस्तान तथा कुछ अन्य देशों में यह विशेष सांप पाया जाता है जिसके पूंछ की संरचना मूंह जैसी होती है इसलिए इसे दो मुहा सांप कहते हैं। भारत में कहीं जगह इसको बोगी भी कहते हैं।
भारत के रेगिस्तानी इलाकों में यह सांप मिल जाते हैं। इस सांप पर आधारित की तांत्रिक मान्यता है जिससे इसका शिकार और तस्करी ज्यादा होती है। की देशों में इसे खाने से यौन शक्ति बढ़ाने एवं रोग ठीक होने का दावा किया जाता है। लेकिन यह सब प्रमाणित नहीं है। यह सांप मनुष्यों से डरकर दूर भागता है तथा छोटे कीट मकोड़े, चूहे, कीड़े तथा छोटे जानवरों के शिकार को अपना भोजन बनाता है ।इस सांप से इंसानों को खतरा नहीं होता है। अभी तक मनुष्यों को कटने का कोई मामला सामने नहीं आया है। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट के अनुसार यह सांप शांत प्रवृति का होता है। जिसमें जहर की मात्रा नहीं होती है।
भारत में इस सांप के लिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित किया गया है, इसके पाए जाने पर वन विभाग को जानकारी देना अनिवार्य है। जहां इस सांप का डॉक्युमेंटेशन होता है। इस सांप को मारना और तस्करी करना कानूनन अपराध है।
अन्य विषहीन सर्प
•धामन
•डोंड
•होरहोरा,
•सांखड़,
•कुकरी,
•बोआ,
•टिंकलेट,
•हरा नाग,
•कैट स्नेक,
•तेलिया सांप,
•पट्टीदार रेसर,
•लाल धामन
No comments:
Post a Comment