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Sunday, June 27, 2021

सांप और नेवले की लड़ाई में अक्सर नेवला ही बाजी क्यों मार जाता है? जानें यह राज

mongoose snake fight
क्यों होती है सांप और नेवले में दुश्मनी? कोबरा और नेवले की लड़ाई, हर बार नेवला क्यों जीत जाता है?


Why does the mongoose often win in the battle of snake and mongoose?  Know this secret

सांप और नेवला Snake and mongoose

अक्सर हमने नेवले और सांप की खतरनाक लड़ाई देखी होगी। नेवले और सांप में पुरानी दुश्मनी होती है। सांप को हम सभी जानते हैं कि वह खतरनाक होता है कुछ साप जहरीले होते तो हम सभी डरते भी है कि कहीं काट ना ले कुछ जहरीले सांप काटने पर इंसानों की मृत्यु भी जारी है। इसलिए सांप जब घर में घुसता है तब हम सोचते हैं कि कोई सांप को भगाने वाला जानवर आ जाएं।
बिल्ली भी भले ही छोटे-छोटे सांपों को मारती हो लेकिन वह बड़े बड़े सांपों जैसे कोबरा आदि से वह भी डरती है।
लेकिन कुछ जानवर या पक्षी है जो खतरनाक सांपों का अपना शिकार बना लेते हैं।

आज बात करते हैं नेवले की जो सांप का पुराना शत्रु तो है ही लेकिन सांप को मात देने के लिए बहुत समय लेता है इसी बीच इनके बीच घमासान लड़ाई होती है। जो लोगों के लिए कौतूहल बन जाता है। आज जानेंगे की सांप और नेवले की लड़ाई में खतरनाक कौन होता है?
सांप के जहर से नेवला मरता क्यों नहीं है?
इस लड़ाई में अक्सर नेवला ही बाजी क्यों मार जाता है?

नेवले की शारीरिक विशेषताएं


हम जानते हैं कि नेवला mongoose एक मांसाहारी स्तनधारी जानवर है जो 'हरपेस्टीडाए' (Herpestidae) जीववैज्ञानिक कुल में आते हैं। यह बहुत फुर्तीले और चालाक जीव होते हैं। इनके मजबूत दांत होते हैं। नेवले की प्रजाति की बात की जाए तो इनकी33 ज्ञात जातियाँ हैं जो सभी दक्षिणी यूरेशिया (भारतीय उपमहाद्वीप समेत) व अफ़्रीका में पाई जाती हैं। हम अक्सर सांप और नेवले की लड़ाई देखते है जिसमें नेवला सांप के दंश से बचाव करते हुए देखा जाता है। नेवला सांप के फन को मुंह से काट काट कर घायल कर देता है। इस प्रकार सांप के मुंह को बार बार काटने से नेवला कुछ समय लेता है। इस लड़ाई के दौरान फुर्तिला नेवला उछल उछल कर अपना बचाव इसलिए करता है कि कहीं सांप उसके मुंह को पकड़ ना ले। लेकिन अन्त में सांप जंग हार जाता है।




नेवला सांप की लड़ाई नेवला क्यों बच जाता है?


नेवला आखिर क्यों जंग जीत जाता है तो बता दे कि नेवले का फुर्तिला और तेज आक्रमण तो सहायक होता है साथ ही नेवले में मोटी चमड़ी तथा त्वचा में एसिटाइलकोलाइन रिसेप्टर होता है जो उन्हें सांप के जहर के खिलाफ मजबूत बनाता है। यह विशेष एसिट्लोक्लिन रिफ्लेक्स होते हैं जो सांप के जहर, जिसमें न्यूरोटाक्सिन होता है उसे शरीर में नुकसान पहुंचाने से पहले यह रिसेप्टर अपना काम कर लेते हैं। यह रिसेप्टर्स सांप के जहर के लिए प्रतिरक्षित होते है। नेवले की ऊपरी चमड़ी में पाये जाने वाले रिसेप्टरों का कवच इसके उत्परिवर्तित डीएनए होते हैं। नेवले का डीएनए DNA अल्फा और बीटा ब्लॉकर्स प्रस्तुत करता है और जो जहर के रेसेप्टर्स के साथ बधंने में अप्रभावी होता है। इस वजह से अक्सर नेवला बच जाता है और सांप के फन पर बाइट करने से सांप कमजोर हो जाता है। इसप्रकार से नेवले के डीएनए में समय के साथ कुछ उपयोगी उत्पन्परिवर्तन (Mutation) जो नेवले को सांप के जहर से बचाये रखने में मददगार होते है। दुसरी ओर नेवले की बिजली जैसी फुर्ती भी उसको यह लड़ाई जीतने में मदद करती है


इन सांपों पर नेवला पड़ता है भारी 


जैसा कि ऊपर बताया गया है कि नेवले के अंदर जो एसिट्लोक्लिन रिसेप्टर्स होते हैं, उन्हें न्यूरोटॉक्सिक विष वाले सांपो से ही बचा पाते हैं। बात करें न्यूरोटाक्सिन वाले सांपों की तो इस किस्म में भारतीय नाग,करैत, किंग कोबरा आदि आते हैं। जिन पर नेवला अक्सर भारी पड़ता है और अपना शिकार बना लेता है।

यह सांप पड़ जाते हैं नेवले पर भारी



 लेकिन हम सोचें कि अगर कोई सांप ऐसा भी है जिसमें 
 न्यूरोटॉक्सिक जहर ना होकर कोई अन्य प्रकार का जहर हो तो क्या नेवला मर भी सकता है। तो जी हां हेमोटोक्सिक जहर वाले साँपों के सामने नेवले की घंटियां बज जाती है। रसेल वाईपर या पिट्स वाईपर जैसे सांपों के सामने नेवला बेबस है क्योंकि इन सांपों में हेमोटाक्सिक पाया जाता है अगर ऐसे सांप नेवले को काट लें तो नेवले पर वैसा ही असर होगा जैसा अन्य जीवों पर होता है, मतलब हेमोटोक्सिक जहर वाले साँप के डंक मारने पर कुछ समय बाद नेवले की भी मृत्यु हो जाती है।

नेवले का सांप से बचने का राज 


दोस्तों। आपने सांप और नेवले की लड़ाई तो देखी होगी।

क्या आप जानते हैं नेवला सांप के जहर से क्यों नहीं मरता है?

नेवला अपनी फ़ुर्तिली चाल से सांप से बचता है। वो उसे डसने का मौक़ा ही नहीं देता, सांप जैसे ही डसने की कोशिश करता है, वो हटकर उसका फन काट लेता है।

वहीं, अगर नेवला चूक भी जाए, तो उसके फर उसे बचा लेते हैं. दरअसल, लड़ाई के दौरान नेवला अपने फर सख़्त कर लेता है, इसमें उसके शरीर के बाल सख़्ती से खड़े हो जाते हैं, सांप के दांत इतने लंंबे नहीं होते. ऐसे में उसकी खाल तक पहुंच नहीं पाते और सारा ज़हर त्वचा के बाहर ही रह जाता है अगर खाल के अंदर कुछ ज़हर चला भी जाए, तो बाहरी चर्बी पर ही पहुंंच पाता है, जहां से ज़हर शरीर में धीरे-धीरे जाता है ऐसे में नेवले के प्रतिरक्षा तंत्र को उस ज़हर से मुक़ाबला करने का पर्याप्त समय मिल जाता है बस बार बार तेजी से हमला करके नेवला सांप को थका देता है और आखिर में सांप को जगह-जगह पर बाइट करके सांप को घायल कर मार देता है यही नेवले के जीत की कहानी है।





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