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Tuesday, June 8, 2021

एडवांस ड्रोन तकनीक: उपयोगिता और संभावित खतरे

advanced drone technology
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एडवांस ड्रोन तकनीक: advanced drone technology


आसमान में उड़ने वाली वस्तुओं में हमारे जहन में हेलिकॉप्टर या हवाई जहाज का नाम आता है जो कि बहुत मंहगे आते हैं। लेकिन आजकल रिमाट संचालित कुछ खिलौने भी आ रहे हैं जो कुछ फिट कि उंचाई पर उड़ सकते हैं। लेकिन जब इसी तर्ज पर कुछ रिमाट संचालित परिष्कृत मशीनें काफी ऊंचाई और दूरी पर उड़ाई जाने लगी है तो हम उन्हें ड्रोन कहते हैं। आजकल फोटोग्राफी में ड्रोन का बड़ा महत्व है जिसपर कैमरा लगाकर ऊंचाई से शूटआउट किया जा सकता है। ड्रोन तकनीक के आगमन से इसे बहुत से क्षेत्रों में उपयोग किया जा रहा है। आज हम बात करेंगे कि यह ड्रोन कितने बड़े हो सकतें हैं? तथा यह कितनी ऊंचाई पर कितनी भारी वस्तुओं को ले जा सकतें हैं? साथ ही जानेंगे कि ड्रोन तकनीक से मानव जगत को क्या खतरें हो सकतें हैं? एवं कितने फायदेमंद एवं सहायक हो सकतें हैं। अगर ड्रोन को उसकी कार्यप्रणाली से समझा जाए तो ड्रोन एक प्रकार का फ्लाइंग रोबोट (Flying Robot) होता है, जिसे हमारे द्वारा रिमाट से नियंत्रित किया जाता है। ड्रोन के अविष्कार की बात करें तो वर्ष 1915 में  वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने एक लड़ाकू विमान निर्मित किया जो मानव रहित था। यही से  आधुनिक ड्रोन के अविष्कार का आधार माना जाता है।



ड्रोन तकनीक तकनीकी युग में वरदान


हवाई जहाज तथा हेलिकॉप्टर के बाद आज अगर कोई मानव निर्मित उपकरण हवा में उड़ता है तो वो ड्रोन है । ड्रोन द्वारा ऐसे कई जटिल कार्यों को संपादित किया जाता है । ऐसी दुर्गम जगहों पर ड्रोन को भेजकर कोई वस्तु को भेजा जा सकता है। आजकल बड़े बड़े ड्रोन भी बने है जो भारी भरकम वस्तुओं को उठाने में सक्षम होते हैं। 
ड्रोन को मानव रहित विमान (Unmanned Aerial Vehicle-UAV) भी कहा जाता है। इसलिए ड्रोन एक प्रकार से वायुयान का कार्य करता है। आजकल शादियों तथा प्राकृतिक आपदाओं को ड्रोन कैमरों की मदद से कवरेज किया जाता है। आजकल ड्रोन क़ृषि कार्यों में कीटनाशक छिड़काव के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहा है।

ड्रोन के प्रकार


(1) नैनो ड्रोन: वे ड्रोन जिनका वज़न 250 ग्राम तक होता है।
(2) माइक्रो ड्रोन: वे ड्रोन जिनका वज़न 250 ग्राम से अधिक लेकिन 2 किलो ग्राम से कम होता है।
(3) स्मॉल ड्रोन: वे ड्रोन जिनका वज़न 2 ग्राम किलो से अधिक लेकिन 25 किलो ग्राम से कम होता है।
(4) मीडियम ड्रोन: वे ड्रोन जिनका वज़न 25 किलो ग्राम से अधिक लेकिन 150 किलो ग्राम से कम होता है।
(5) लार्ज ड्रोन: वे ड्रोन जिनका वज़न 150 किलो ग्राम से अधिक होता है।

ड्रोन मशीन की क्रियाप्रणाली


छोटे ड्रोन की क्रिया प्रणाली तथा आन्तरिक सिस्टम की बात करें तो इनके अन्दर बहुत तेज चलने वाली इलेक्ट्रॉनिक मोटर होती है। जो बैटरी से चलती है। यह मोटरें ड्रोन के  4 रोटर के सहारे हवा में उड़ती है। रोटर में लगी पत्तियां  या पंखुड़ियां हवा को नीचे धकेलती हैं। जिस से ड्रोन ऊपर की और उठ जाता है और हवा में उड़ने लगता है।  रोटर लगी चार पंखों में से 2 क्लॉकवाइज़ (घड़ी की दिशा)घूमती हैं और दो एंटी-क्लॉकवाइज़(घड़ी की विपरीत दिशा में) घूमती है जिससे हवा के दबाव को नियंत्रित किया जा सकता है। यह छोटे-छोटे ड्रोन रिमाट मशीन में नियन्त्रित किए जाते हैं। आजकल शादियों में शुटिंग आदि में ऐसे ड्रोन बहुतायत देखने में मिलते हैं।

ड्रोन तकनीक से संभावित नुकसान


आज ड्रोन तकनीक की बात करें तो यह उपकरण छोटी से बड़ी साइज में भी आते हैं। भविष्य में ड्रोन का स्तेमाल केवल फोटोंग्राफी तथा दुर्गम जटिल स्थानों पर मानवीय आवश्यकताओं के लिए ही नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार के आतंकी हमलों और लोगों को नुक्सान पहुंचाने के लिए भी हो सकता है। हम आये दिन सुनते हैं जिसमें ड्रोन हमलों की बात सामने आती है। ड्रोन मानव के लिए बहुत से कार्यो में सहायक तो है लेकिन भविष्य में इसके दुरपयोग का खतरा बहुत अधिक है। इसमें एड होने वाली एडवांस तकनीक से अपराध जगत में इसका खतरा बहुत है। हालांकि आजकल ड्रोन निश्चित की गई सीमा से उपर उठाने पर प्रतिबंध है। इसके अलावा नो फ्लाई जोन में विभिन्न प्रकार के ड्रोन पर रोक लगाई जाती है। वहीं संदेश के आधार पर उड़ने वाले ड्रोन को कार्यवाही करके गिराया भी जाता है। 



खुफिया सूचना प्रौद्योगिकी एवं ड्रोन


 वर्तमान में इसका प्रयोग खुफिया जानकारी प्राप्त करने हेतु भी काफी व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। वर्तमान में ड्रोन का इस्तेमाल खुफिया जानकारी के लिए आतंकवादियों सहित कई एजेंसियों द्वारा किया जाता है। आज कल कम आवाज के ड्रोन संकरी जगहों तथा इमारतों से फोटो खींचने तथा विडियो रिकॉर्डिंग करने में सक्षम हों रहे हैं। खुफिया एजेंसियों के लिए संदेश वाले स्थानों पर घटनाओं का पता लगाने में आजकल ड्रोन बहुत स्तेमाल किए जाते हैं।


हथियारों एवं हमलों में ड्रोन का बढ़ता स्तेमाल


भविष्य में ड्रोन के दुरपयोग की चिंता साफ़ है कि आंतकी लोग या अपराधी लोग ड्रोन पर हथियार लैंस कल्र करके विभिन्न प्रकार के अपराधों को अंजाम दे सकते हैं। आजकल ऐसी घटनाएं भी सामने आने भी लगी है। जिसमें ड्रोन पर विस्फोटक सामग्री लगाकर किसी निश्चित स्थान पर गिराकर किसी घटना को अंजाम भी दिया जा सकता है।



आपातकालीन स्थितियों में वरदान के रूप में ड्रोन


किसी भी अविष्कार के फायदे और नुक्सान के दो पहलू हैं ड्रोन जितना उपयोगी है उसकी मदद से ऐसे कई कार्य किए जा सकते हैं। जिसमें विभिन्न आपदाओं से निपटने में बहुत कारगर साबित हो सकते हैं। आजकल ऊंची इमारतों या संकरी जगहों पर लगने वाली आग को बुझाने के लिए ड्रोन का स्तेमाल बहुत कारगर साबित हो सकता है। जैसे बड़े ड्रोन पर अग्निशमन यंत्र लगाकर ऊंचाई पर लगी आग को बुझाया जा सकता है। वहीं बिजली की तारों से कोई वस्तु को हटाने में ड्रोन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है तो बाढ़ से घिरे किसी मकान या जगह पर खाना-पीना पहुंचाने में ड्रोन बहुत उपयोगी साबित होगा। कृषि क्षेत्र की आपदाओं में टिड्डी दल को मारने में भी ड्रोन छिड़काव बहुत उपयोगी सिद्ध हो रहा है।


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