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Saturday, June 12, 2021

सांगरी की पोष्टिक सब्जी सुपाच्य तथा औषधीय गुणों से है भरपूर


Khejdi ki Sangri vegetable
Sangri ki sabhi पंचकुटा व सांगरी की पारम्परिक सब्जी रेसिपी एवं फायदे

•सांगरी की सब्जी बनाने का तरीका
•सागरी की सब्जी की रेसिपी
•सांगरी की सब्जी खाने के फायदे एवं औषधीय गुण
•पंचकुटा की सब्जी क्या है?
•पंचकुटा बनाने की विधि


सांगरी की सब्जी रेसिपी पंचकुटा फायदे एवं औषधीय गुण


भारत में फल और सब्जियों के उत्पादन में कोई कमी नहीं है । यहां हर एक राज्य में विभिन्न प्रकार की स्वादिष्ट और पोष्टिक सब्जी उत्पदित होती है। भारत के प्रत्येक अंचल में स्थानीय स्तर पर कोई ना कोई सब्जी या फल प्रसिद्ध होता है। बात करते हैं पश्चिमी राजस्थान में खेजड़ी वृक्ष के फलों की जो सांगरी के नाम से जानी जाती हैं। खेजड़ी राजस्थान का राज्य वृक्ष है तो दूसरी तरफ खेजड़ी वृक्ष का धार्मिक महत्व भी है। खेजड़ी वृक्ष के फल ही नहीं बल्कि इसके पते भी पशुओं के भोजन लिए बहुत उपयोगी माने जाते हैं।
लेकिन आज बात करते हैं खेजड़ी के फल सांगरी की सब्जी की ,यह सब्जी स्वादिष्ट तो है ही साथ ही इसमे औषधिय गुण भी हैं। पश्चिम राजस्थान के नागौर, जोधपुर, बाड़मेर तथा जैसलमेर जिलों में यह सब्जी बहुत ही प्रचलित है। हरी सांगरी की सब्जी बनती है तो इसको सुखा कर सुखी सब्जी के रूप में भी रखा जा सकता है जो कभी भी किसी भी मौसम बनाकर खायी जा सकती है।
सांगरी राजस्थान की प्रसिद्ध सब्जी या साग पंचकुटा का हिस्सा है। जो आजकल विदेशियों को भी लुभा रहा है।
आजकल तो भारत की इस विश्व विख्यात सब्जी जिसके चाहने वाले दुनिया भर में है सांगरी राजस्थान के उन पारंपरिक सब्जियों में से एक है जिसकी तुलना सूखे मेवों से की जाती है सांगरी की सब्जी को आमतौर पर एक और फल केर के साथ मिलाकर बनाया जाता है कहा जाता है कि सागरी जैसी सुपाच्य स्वादिष्ट सब्जी थार के अलावा पूरी दुनिया में कहीं नहीं है।

सांगरी की सब्जी रेसिपी 


हरी सांगरी पेड़ पर सुखने के बाद बहुत स्वादिष्ट होते हैं जिसे स्थानीय भाषा में खोखा कहा जाता है। हरी सांगरी को उबालकर सुखाने के बाद सुरक्षित रख दिया जाता है। सुखी सांगरी की सब्जी बहुत जायकेदार होती है।
 स्वाद अनुसार सभी आवश्यक मसालें जिसमे नमक
तेल, लाल मिर्च पाउडर,धनिया पाउडर,हल्दी, कैर, किशमिश,हींग,राई,जीरा, लाल मिर्च, अमचूर,गरम मसाला आदि के साथ बनाने का पारम्परिक तरीका है। इस आवश्यक सामग्री तथा अन्य स्वादिष्ट मसालों के साथ अन्य सब्जियों की तरह भी बनाया जा सकता है। सांगरी की सब्जी को कैर के साथ बनाने की बात करें तो सबसे पहले कटोरी सभी मसालों को थोड़े से पानी में पेस्ट बना लें। सभी मसालों का पेस्ट और तेल सब्जी की मात्रा के अनुसार लें। इसके बाद में इस पेस्ट को कढ़ाई में तेल के साथ पकाएं। तेल में राई,हींग या लहसुन का पहले भी प्रयोग कर सकते हैं जिससे तेल बराबर पकने का अनुमान भी लग जाएं। आपकों ध्यान रखना है कि हरी सांगरी को पहले उबालना पड़ता है जबकि सुखी सांगरी पहले उबाल कर सुखाई जाती है। इसलिए अब यहां पर अपन हरी सांगरी की बात करते हैं। तो अब उबली हुई सांगरी डाल दें अगर केर के साथ बना रहे हैं तो केर और सांगरी पकते हुए पेस्ट में डाल दे। तथा अच्छी तरह मिक्स कर दें। थोड़ी देर मिक्स होने के बाद जरूरत के हिसाब से पानी डाल दे और मध्यम आंच पर पकने दे। इस प्रकार दस से पन्द्रह मिनट के बीच सांगरी की सब्जी बनकर तैयार हो जाती है।

 केर-सांगरी के साथ पंचकूटे की विश्व प्रसिद्ध सब्जी


पंचकूटे का मतलब पांच सुखी सब्जियों को मिला कर बनाया जाता है जिसमें सांगरी का महत्वपूर्ण स्थान है।
ये पंचकूटा सुखे केर ,सागरी गुदे कुमटे ,अमचूर साबुत लाल सब को मिलकार बनाई जाती है। राजस्थान की सब्जी को विश्व भर में ख्याति प्राप्त है। पांच सितारा होटलों में इस सब्जी की बहुत डिमांड रहती है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही पौष्टिक और गुणकारी मानी जाती है। स्वाद के लिए दही का प्रयोग किया जाता है। भारत भर में शादियों और खास कार्यक्रम में इस सब्जी का बहुत प्रचलन है। यह सब्जी ऊपर बताई गई केर सांगरी से थोड़ी अलग प्रकार से बनाई जाती है। इस पंचकुटे में पानी की मात्रा बहुत कम होती है।
यह सभी पाच सब्जियां साफ करके रातभर या कुछ समय तक पानी में भिगो दिया जाता है और सुबह अच्छे तेल मसाले में छोंक लिया जाता है। यह सब्जी काफी दिन तक ख़राब भी नहीं होती। क्योंकि इसमें पानी नहीं डाला जाता है। लेकिन इसमें दही डालकर भी खाया जा सकता है जो की बहुत जायेकेदार होती है। 


सांगरी के लाभ तथा औषधिय गुण 


सांगरी खेजड़ी वृक्ष का फल है यह वृक्ष की ऊंचाई पर लगता है। सांगरी बिल्कुल नेचुरल फल होने के कारण शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। इसकी फलियों में किसी प्राकार से कीटनाशक दवाओं का खतरा नहीं है यह फल एकदम शुद्ध देसी होने के कारण अन्य सब्जियों की तुलना में बहुत ही पौष्टिक और सूपाच्य मानी जाती है।
सांगरी को उबालकर इसके पानी को चीनी के साथ मिश्रित करके पिलाने से गर्भपात का खतरा कम किया जा सकता है। माना जाता है कि सांगरी ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, ल्यूकोडर्मा, बवासीर और मांसपेशियों की कमजोरी आदि में बहुत लाभदायक है। सांगरी शारीरिक दृष्टि से पौष्टिक तत्वों के लिए बहुत लाभदायक है इसमें सांगरी पोटेशियम,मैग्नीशियम ,कैल्शियम, जिंक और आयरन जैसे खनिजों का खजाना है साथ ही सांगरी प्रोटीन और फाइबर का एक अच्छा स्रोत माना जाता है।
सांगरी में सेपोनिन पाया जाता है जो रक्त में प्रतिरक्षा प्रणाली और कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में मददगार माना जाता है।




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