पेरिस तीरंदाजी विश्वकप में दीपिका ने जीते तीन स्वर्ण, जानें दुनिया की नं.1 आर्चर बनने तक का खास सफरJagriti PathJagriti Path

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Tuesday, June 29, 2021

पेरिस तीरंदाजी विश्वकप में दीपिका ने जीते तीन स्वर्ण, जानें दुनिया की नं.1 आर्चर बनने तक का खास सफर

 
Deepika Kumari Paris Archery World Cup,
Deepika won three gold in the Paris Archery World Cup, know her special journey till becoming the world's No.1 archer

देश का गौरव विश्व की नम्बर वन तीरंदाज दीपिका कुमारी


भारत की स्टार महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी ने पेरिस में चल रहे तीरंदाजी विश्व कप में इतिहास रच दिया। भारत के झारखंड राज्य की इस बिटियां ने अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत का नाम रोशन कर दिया है। जिस तरह पेरिस तीरंदाजी विश्व कप में भारत का परचम लहराया है जिससे एक बार फिर दुनिया को बता दिया की भारत किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। आज पूरा भारत देश दीपिका पर गर्व कर रहा है। दीपिका कुमारी अपने सटीक निशाने के दम पर देश के लिए कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कर चुकी है। दीपिका विश्व कप स्टेज 3 में रिकर्व व्यक्तिगत स्पर्धा को 6-0 से जीतकर स्वर्ण पदक की अपनी हैट्रिक पूरी कर यह उपलब्धि हासिल की। भारत से बाहर जाकर विदेशी सरजमीं पर भारत की बेटी की इस अद्भुत कामयाबी से आज हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हुआ है । बात करें मौजूदा विश्व कप में प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी की तो बता दे दीपिका ने महिलाओं की व्यक्तिगत रिकर्व स्पर्धा के फाइनल राउंड में रूसी खिलाड़ी एलेना ओसिपोवा को 6-0 से हराकर तीसरा गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इससे पहले उन्होंने मिक्स्ड राउंड और महिला टीम रिकर्व स्पर्धा में भी गोल्ड मेडल हासिल किया। दीपिका ने मात्र पाँच घंटे में ये तीनों गोल्ड मेडल हासिल किए हैं। इस जीत के साथ दीपिका दुनिया की नंबर 1 महिला तीरंदाज बन गई हैं। विश्व तीरंदाजी की ताज रैंकिंग में दीपिका कुमारी को पहला स्थान मिला। गौरतलब है कि दीपिका कुमारी ने दूसरी बार तीरंदाजी में यह उपलब्धि हासिल की है। 


दीपिका पहले भी बन चुकी दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी


 तीरंदाजी में सटीक निशाना साधने में महारथ हासिल कर चुकी दीपिका ने 2013 अंताल्या विश्व कप में स्वर्ण पदक, 2013 शंघाई विश्व कप में रजत पदक 2015 कोपेनहेगन विश्व चैंपियनशिप में रजत ,2018 साल्ट लेक सिटी विश्व कप में स्वर्ण पदक तथा 2018 तुर्की विश्व कप में कांस्य पदक (महिला रिकर्व) अपने नाम कर चुकी हैं। इसी के साथ ही बेहतरीन खेल की बदौलत दीपिका कुमारी विश्व तीरंदाजी में दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी का ताज हासिल कर चुकी हैं।

कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण जीतकर लहराया था परचम


तीरंदाजी में विश्व स्तर पर नाम कमाने वाली दीपिका कुमारी ने साल 2010 में हुए एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीतने के बाद अपनी नजरें कॉमनवेल्थ गेम्स में गाड़ दी इसी वर्ष हुए कॉमनवेल्थ खेलों में दीपिका कुमारी ने व्यक्तिगत स्पर्धा में तो स्वर्ण जीते थे तथा महिला रिकर्व टीम को भी स्वर्ण पदक दिलवाने में कामयाब रही थी। दीपिका कुमारी ने पहली बार लंदन 2012 के ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया लेकिन दुर्भाग्यवश यहां वह सफलता से चुक गई लेकिन दीपिका कुमारी ने कभी हिम्मत नहीं हारी। अपने हौसलों को बुलंद करते हुए मेहनत करती रही इसलिए आज वह इस मुकाम पर हैं।


दीपिका कुमारी का जीवन परिचय एवं तीरंदाजी की शुरुआत


तीरंदाजी की राजकुमारी के जीवन परिचय की बात करें तो दीपिका एक गरीब परिवार से निकल कर आज स्टार बन चुकी है। दीपिका के पिता का नाम शिव नारायण महतो ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। दीपिका ने इस ग़रीबी को मात देने की ठानी बस क्या था धनुष और बाण को हथियार बनाकर निकल पड़ी , तीरंदाजी एकेडमी में प्रशिक्षण हो या कठिन मेहनत दीपिका ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। दीपिका कुमारी का जन्म 13 जून 1994 को झारखंड की राजधानी रांची में हुआ था। दीपिका की मां गीता महतो रांची मेडिकल कॉलेज में एक नर्स रह चुकी है। दीपिका को 14 वर्ष की आयु में ही तीरंदाजी सीखने का क्रेज शुरू हो गया था।
Deepika Kumari archer
भारत की स्टार महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी


दीपिका कुमारी कहती हैं कि “वह तीरंदाज़ी के प्रति इतनी दीवानी हैं क्योंकि उन्होंने इस खेल को नहीं बल्कि इस खेल ने उन्हें चुना है।” दीपिका कुमारी महतो साधारण परिवार से होने की वजह से शुरुआत में वह बांस के डंडों से धनुष और तीर बनाकर निशाना लगाती थीं। लेकिन इस सफर में दीपिका कुमारी ने अनेक उपलब्धियां हासिल की जिससे उसका नाम सिर्फ भारत में नहीं बल्कि विश्व भर में जाना जाता है।
दीपिका कुमारी ने 30 जून 2020 को अतनु दास से शादी की अतनु दास भी एक अंतराष्ट्रीय तीरंदाज है। अतुन दास भी देश को कई मेडल दिला चुके हैं। बता दें कि विश्व कप तीरंदाजी की मिश्रित टीम स्पर्धा में दीपिका कुमारी ने अपने पति अतनु दास के साथ मिलकर सोने पर निशाना साधा इसी के साथ उन्होंने 30 जून को शादी की पहली वर्षगांठ से पहले दोनों ने एक-दूसरे को गोल्ड मेडल जीत कर लाजवाब तोहफा दिया।

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