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Saturday, May 15, 2021

विश्व परिवार दिवस: व्यक्तित्व विकास की आधारशिला एवं समाज की पहली इकाई के रूप में कुटुंब

World Family Day
विश्व परिवार दिवस World Family Day Celebrate on 15 May Every Year. Family is a Frist Base of Social Development.and Moral development.




हर वर्ष की 15 भी को विश्व परिवार दिवस World Family Day मनाया जाता है। परिवार शब्द अपने आप में बहुत आत्मिकता तथा जैविक प्रेम का प्रतीक है। जिसमें परिवार के सभी सदस्य एक दूसरे की मदद करते हैं और प्रेम करते हैं।
परिवार शब्द की उत्पत्ति की बात करें तो (परिवार) Family शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द “Famulus” से हुई है। जिसमें माता-पिता भाई-बहिन, बेटे बेटियां, चाचा-चाची,
 के समूह के लिए प्रयुक्त होता है। परिवार सभी धर्मों के समाज और संस्कृतियों में पाया जाता है। परिवार समाज की प्राथमिक एवं महत्वपूर्ण संस्था है जिसमें व्यक्ति का सामाजिक विकास होता है।


विश्व परिवार दिवस का इतिहास एवं शुरुआत


व्यक्ति के जीवन में परिवार का बहुत महत्व होता है, परिवार ही समाज की प्रथम ईकाई है। तथा किसी व्यक्ति के जीवन में पहली पाठशाला परिवार है, जिससे व्यक्तित्व तथा नैतिक विकास की आधारशिला तैयार होती है। और इसी को बताने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 9 दिसंबर 1989 के 44/82 के प्रस्ताव में परिवारों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष की घोषणा की। इसके बाद साल 1993 में महासभा द्वारा एक संकल्प में हर साल विश्व परिवार दिवस को 15 मई को मनाने का फैसला किया गया।


समाजिक एकता का प्रतिक परिवार


परिवार सामाजिक-नैतिक विकास की पहली सीढ़ी भी नहीं बल्कि समाज में एकता तथा भावात्मक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण संस्था है। जिसमें बच्चों का सुरक्षित विकास और पालन पोषण होता है। तथा भावी जीवन का आधार तैयार होता है। परिवार मिलकर एक सामाजिक संस्था का निर्माण करते हैं। जो सांस्कृतिक एवं सामाजिक एकता का आधार तैयार करते हैं।


विभिन्न प्रकार के परिवार


मानव विकास के शुरुआती दौर में ही परिवार जैसी महत्वपूर्ण संस्था का विकास हो चुका था। इसप्रकार पृथ्वी पर परिवार ही व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण स्थान बना हुआ है। लेकिन भौतिकवादी युग के आते आते तथा शहरीकरण से परिवार में एकता की कमी आई है तथा वे टूटने लगे हैं। परिवार के मुख्य दो प्रकार हैं संयुक्त एवं एकल परिवार इसके अलावा एक विवाही ,बहुविवाही ,रक्त संबंधी ,विवाह संबंधी ,पितृसत्तात्मक,मातृसत्तात्मक परिवार के प्रकार माने जाते हैं।

टूटते संयुक्त परिवार


भारत जैसे देशों में संयुक्त परिवार समाज की मुख्य विशेषता रही है। लेकिन शहरीकरण एवं व्यवसाय के चलते अब संयुक्त परिवार की जगह एकल परिवार ले रहे हैं। जिसमें भाई अलग होकर केवल अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अलग रहने लगे हैं। माता-पिता के प्रति प्रेम तथा नैतिक मूल्यों की कमी के कारण आज संयुक्त परिवार टूटने लगे हैं। जिसमें परिवार के सदस्यों में आपसी मनमुटाव तथा आर्थिक स्वार्थ के कारण एकल परिवारों की संख्या बढ़ रही है। भारत जैसे सांस्कृतिक विरासत वाले देश में ग्रामीण क्षेत्रों में संयुक्त परिवार समाज की महत्वपूर्ण और रोचक इकाई रही है। संयुक्त परिवार में मिलजुल कर रहना अपने आप में एकता और संवेदनशीलता का रूप होता है। संयुक्त परिवार में बच्चों में प्रेम संवेदना का विकास होता था। लेकिन कुछ विशिष्ट आवश्यकताओं के चलते एकल परिवारों को मान्यता दी जा रही है।


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