इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 14वां सीजन कोरोना के खौफ में शुरू हुआ था । कड़ी सुरक्षा व्यवस्था तथा बायो बबल सिस्टम के जरिए खिलाड़ियों एवं इस टुर्नामेंट से जुड़े सभी स्टाफ को कोरोना से महफूज रखना महत्वपूर्ण योजना थी। विरोध के बावजूद सुरक्षा सिस्टम के बल पर आईपीएल को अनुमति मिली थी। लेकिन दुर्भाग्यवश इतनी चाक चौबंद के बावजूद कोरोना ने इस मौजूदा आईपीएल में दस्तक दे दी है। खबरों के मुताबिक वरुण चक्रवर्ती और संदीप वॉरियर की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जिससे आईपीएल आयोजन कर्त्ताओं मैं हड़कंप मच गया है क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर से आमजन में तबाही मची हुई है। इसलिए लोग आईपीएल जैसे टुर्नामेंट का विरोध करते दिखाई दिए थे। इसी बीच 3 मई को कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के बीच मैच खेला जाने वाला मैच स्थगित करना पड़ा। यह मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाना था। यह जानकारी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दी है। उन्होंने लिखा है कि, 'केकेआर और आरसीबी के बीच आज खेला जाने वाला मैच बीसीसीआई द्वारा रिशेड्यूल कर दिया गया है। आईपीएल सेफ्टी गाइडलाइन्स को देखते हुए यह फैसला लिया गया। हम वरुण और संदीप के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।'
Official Announcement:
— Royal Challengers Bangalore (@RCBTweets) May 3, 2021
Today’s match between KKR and RCB has been postponed by the BCCI as per IPL Safety Guidelines after Varun Chakaravarthy and Sandeep Warrier tested positive for COVID.
We wish Varun and Sandeep a speedy recovery. 🙌🏻🙏🏻#PlayBold #IPL2021 #KKRvRCB pic.twitter.com/yctoffeW3C
चेन्नई सुपर किंग्स टीम मेंबर्स पर भी कोरोना का धावा
कोरोना वायरस के टेस्ट से केवल आरसीबी और केकेआर आर का मैच ही रद्द नहीं हुआ ब्लकि चेन्नई सुपर किंग्स से जुड़े स्टाफ को भी कोरोनावायरस ने चपेट में लिया है। लेकिन ताजुब वाली बात यह है कि सभी सदस्यों की जांच होगी तब पता चलेगा की कौन कौन संक्रमित हुआ है।
चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) के सीईओ काशी विश्वनाथन (Kasi Viswanathan), बॉलिंग कोच लक्ष्मीपति बालाजी (Laxmipathi Balaji) और एक बस क्लीनर कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा फ्रेंचाइजी जो भी सदस्य अभी दिल्ली में हैं वो नेगेटिव हैं। 3 कोरोना पॉजिटिव सदस्यों का 3 मई सुबह दोबारा टेस्ट किया गया लेकिन कोविड परिणाम में कोई बदलाव नहीं दिखा इन संक्रमित सदस्यों को बायो बबल (Bio Bubble) के बाहर 10 दिन तक आइसोलेशन में रखा जाएगा। फिर 2 नेगेटिव टेस्ट के बाद ही ये लोग टीम के साथ जुड़ पाएंगे।
कड़ी सुरक्षा के बावजूद कैसे पहुचा कोरोना?
इससे पहले मौजूदा आईपीएल के सभी मैचों में खिलाड़ी गले मिलकर खुशी मना रहे थे। मैच के बाद हाथ भी मिला रहे थे। मास्क भी नहीं लगाते थे। क्योंकि उन्हें बायो बबल तथा सुरक्षा पर पूर्ण विश्वास था। लेकिन अचानक दो खिलाड़ियों की रिपोर्ट पोजिटिव आने पर चिंता जाहिर है। कि इस महामारी के भयानक दौर में क्रिकेट का आयोजन मुश्किलों भरा है। हालांकि सभी मैच दर्शकों की गैरमौजूदगी में हो रहे थे। खिलाड़ियों के लिए हौटलों की व्यवस्था भी सुरक्षित थी। लेकिन कहीं चूक जरूर हुई है। जिससे यह वायरस किसी माध्यम से आईपीएल दायरे में पहुचा है।
बायो बबल सिस्टम तथा गाइडलाइंस
मौजूदा आईपीएल को शुरू करने से पहले बड़े स्तर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। जिसमे सभी टीमों के लिए 8 बायो बबल सिस्टम बनाएं गये थे इस दायरे में स्पोर्ट स्टाफ तथा सभी आठ टीमों के खिलाड़ी शामिल थे।वहीं 2 बायो बबल मैच अधिकारियों और टीम मैनेजमेंट के लिए बनाए गये थे। शेष 2 बायो बबल क्रू और ब्रॉडकास्ट कमेंटेटर के लिए थे। साथ ही बीसीसीआई ने अपने आधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वे खिलाड़ियों के संपर्क में न आएं। हर फ्रेंचाइजी टीम के लिए चार सिक्योरिटी स्टाफ साथ ही टीम मालिक भी बायो बबल का पार्ट बन सकते हैं, लेकिन उसके लिए उन्हें अपने होटल के कमरे में खुद को सात दिन तक क्वारंटाइन रखने का नियम भी शामिल है।
क्या है बायो बबल सिस्टम?
बायो-सिक्योर बबल का किसी निश्चित जगह पर COVID-19 के जोखिम को कम करके वहां रहने वाले लोगों को बाहरी दुनिया से अलग रखना है। इसके अलावा खिलाड़ियों को टूर्नामेंट के दौरान अपने परिवार और दोस्तों से मिलने की अनुमति नहीं होती है।
बीसीसीआई ने जारी किए थे कड़े नियम
बीसीसीआई ने कोरोनावायरस की आंशका को देखते हुए इस टुर्नामेंट में मैदान के अंदर एवं बाहर कुछ नवीन नियम जारी किए थे। जिसमें बीसीसीआई हर फ्रेंचाइजी टीम के लिए 4 सिक्योरिटी स्टाफ को नियुक्त किया था। यह सिक्योरिटी स्टाफ इस बात का ध्यान रखेंगे कि टीम या खिलाड़ी बायो-सिक्योर एन्वॉयरमेंट के नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। इस प्रकार देखा जाए तो इस सुरक्षा सिस्टम में कोरोनावायरस के दाखिल होने के बहुत कम संभावना थी। दूसरी ओर मैदान के अंदर मैच के दौरान गेंद पर थूक लगाने पर भी प्रतिबंध है तथा मैच के दौरान जब भी बॉल स्टैंड में या मैदान के बाहर जाएगी तो उसे हर बार सेनेटाइज किया जाएगा। बॉल सेनेटाइज होने के बाद ही खिलाड़ी को थमाई जाएगी।
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