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Derek Chauvin guilty of murder and manslaughter in George Floyd case |
अमेरिका में नस्ल भेद की समस्या जगजाहिर है प्राचीन काल से वहां काले गोरे लोगों में भेद की समस्या रही है। गोरे लोगों द्वारा अश्वेत लोगों पर अत्याचार होते रहे थे। लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था के बाद विश्व में लगभग सभी बुद्धिजीवियों द्वारा मानव मानव के बीच भेदभाव की आलोचना की है। यह भेद भले ही नस्ल , जाति या धर्म से जुड़े हो । लोकतांत्रिक व्यवस्था तथा नवीन वैश्विक परिदृश्य में ऐसी समस्याएं गौण हो रही है लेकिन दुर्भाग्यवश अभी भी कही न कही यह समस्याएं नजर आती है। भारत में जातिगत असमानताएं तथा अस्पृश्यता अमेरिका तथा युरोप में नस्ल भेद तथा रंग भेद से जुड़े घिनौने किस्से आज भी आए दिन सामने आते रहते हैं। आज मानव मंगल पर जीवन ढूंढ रहा है और दूसरी तरफ ऐसी मानवता को शर्मशार करने वाली तुच्छ व्यवस्थाए आज के बुद्धिजीवी मानव सभ्यता पर कलंक की तरह है।
घुटन के वो 9 मिनट तथा लोगों का विरोध
अमेरिका में 25 मई, 2020 को एक ऐसी ही घटना सामने आई थी जिससे पूरे अमेरिका में हाहाकार मच गया था। हाल ही उस घटना को लेकर कोर्ट ने फैसला सुनाया है। हालांकि यह घटना सीधे तौर पर रंगभेद से न होकर पुलिस प्रशासन से जुड़ी थी। लेकिन जिस तरह से एक अश्वेत व्यक्ति पर पुलिस अफसर द्वारा जो सलूक किया गया वह बहुत निंदनीय था जिससे स्वाभाविक रूप से रंगभेद की चिंगारी तूल पकडती है।
हुआ यूं था कि पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में जॉर्ज को पकड़ा था। इस बीच जॉर्ज और पुलिस अफसर के बीच रार हुई, तो पुलिस अफसर डेरेक चॉविन ने जॉर्ज को सड़क पर ही पटक दिया। फिर अपने घुटने से उसकी गर्दन को दबाए रखा। चूंकि जॉर्ज को हथकड़ी लगी हुई थीं, इसलिए वो सिर्फ गर्दन छुड़ाने छटपटाता रहा। इस घटना का वीडियो वायरल होने पर अमेरिका में हिंसा भड़क उठी थी। इस मामले को रंगभेद का नाम दे दिया गया था। वीडिया में जॉर्ज को यह कहते हुए सुना गया कि 'आपका घुटना मेरे गर्दन पर है। मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं।' कुछ देर बाद अफसर उससे कहते दिखा कि उठो और कार में बैठो। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। घटना के वक्त वहां काफी भीड़ जमा हो चुकी थी।
अब कोर्ट ने दोषी करार दिया
लम्बे समय बाद कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अंत 40 वर्षीय अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के आरोप में उस पुलिस अफसर को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है। जिसने फ्लायड की गर्दन पर घुटना रखा था। इस केस में अफसर को 40 साल तक की सजा हो सकती है। सजा का ऐलान अगले दो महीने के अंदर हो जाएगा। बता दें कि अमेरिका के इतिहास में फ्लॉयड की हत्या का मामला बेहद चौंकाने वाला रहा था। उसे एक धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने पकड़ा था। लेकिन एक पुलिस अफसर ने पकड़ने के दौरान उसकी गर्दन अपने घुटने से दबा दी थी। इससे उसकी मौत हो गई थी।
इस घटना से अमेरिका में भड़की थी हिंसा
हालांकि यह घटना 25 मई, 2020 को मिनेपोलिस में हुई थी। लेकिन पूरे अमेरिका में हिंसा भड़क उठी थी। जिससे अंदाज लगा सकते हैं कि अमेरिका में काफी लोग रंग भेद और गैरकानूनी तरीकों के खिलाफ कितने सचेत और जागरूक है। यहां अश्वेत लोगों के द्वारा रंगभेद उनमुलन के लिए क्रांतिकारी प्रयास किए गए जिसकी बदौलत आज रंगभेद बहुत कम देखा जाता है। इस पूरे घटनाक्रम में
पुलिस अफसर डेरेक चॉविन पर आरोप है कि उसने अपनी पुलिस की ताकत दिखाने फ्लॉयड की गर्दन 9 मिनट 29 सेकंड तक अपने घुटने से दबाए रखी। इससे दम घुटने से उसकी मौत हो गई।इस मामले में अमेरिका में हिंसा भड़क उठी थी। भले ही यह मामला पुलिस प्रशासन से जुड़ा हुआ था लेकिन इसे रंगभेद का रूप दिया गया था।
10 घंटे चली सुनवाई में दोषी करार
इस घटना की कुर्रता को देखते हुए फ्लायड के परिवार को राहत की सांस तब मिली जब कोर्ट में 10 घंटे सुनवाई करते हुए 6 श्वेत, 6 अश्वेत और एक मल्टीरेशियल(अन्य जातीय) जज की ज्यूरी ने अपना फैसला सुनाया। सजा सुनाते ही चॉविन की जमानत रद्द कर दी गई। उसे हथकड़ी लगाकर जेल भेज दिया गया। फ्लॉयड के छोटे भाई फिलोनाइस ने फैसले पर कहा कि अब वो दुबारा सांस ले पा रहा है। इस फैसले से दुनिया के अन्य देशों के लोगों को सबक लेना चाहिए कि इस प्रकार की घटनाएं मानवता के लिए बहुत शर्मनाक है। जिससे शोषित वर्ग को मुक्त कराया जाना चाहिए।
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