Covid vaccination doubt Benifits side-effects wrong perception
भारत सहित दुनिया के अधिकांश देशों में कोविड वैक्सीन लगाने का कार्य प्रगति पर है। भारत में यह वैक्सीनेशन बड़े स्तर पर किया जा रहा है। कोरोनावायरस से बचने के लिए वैक्सीन लगाना बेहद जरूरी भी है तो जागरूक नागरिक होने के नाते जिम्मेदारी भी है कि वैक्सीन लगाकर कोराना महामारी का खतरा कम किया जाए।
Facts
फ़ाइज़र-बायोएनटेक और मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन, दोनों 'मैसेंजर आरएनए वैक्सीन' हैं जिन्हें तैयार करने में वायरस के आनुवांशिक कोड के एक हिस्से का उपयोग किया जाता है।
ये वैक्सीन एंटीजन के कमज़ोर या निष्क्रिय हिस्से का उपयोग करने की बजाय, शरीर के सेल्स को सिखाते हैं कि वायरस की सतह पर पाया जाने वाला 'स्पाइक प्रोटीन' कैसे बनायें जिसकी वजह से कोविड-19 होता है।
लेकिन लोगों में वैक्सीन लगाने से पहले कुछ झिझक और गलतफहमियां रहती है कि वैक्सीन लगने के बाद बुखार आ जाएगा या बदन दर्द होगा आदि। लेकिन भारत में जो वैक्सीन लगाईं जा रही हैं इसके बारे में भी लोगों के जहन में कई सवाल आते हैं। लेकिन जरूरी बात यह है कि वैक्सीन लगाना बहुत जरूरी है। वैक्सीन को लेकर कई अफवाहें हैं उस पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए।
इसलिए आज बात करते हैं कि इस वैक्सीन लगने के बाद हम कोराना से कैसे बचेंगे? वैक्सीन कैसे काम करती है?
तथा वैक्सीन लगने के बाद कुछ समय के लिए सावधानी क्यों बरतनी चाहिए?
ख़बरें आ रही है कि वैक्सीन लगने के बाद भी लोग कोराना पोजिटिव आ जाते हैं। लेकिन हमें इससे घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि सावधानी बरत कर कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
वैक्सीनेशन प्रकिया के बाद की दस महत्वपूर्ण बातें
1.कोरोना वैक्सीन के पहले डोज के 28 दिन बाद दूसरा डोज लेना होता है।
2.वैक्सीन के शरीर में प्रवेश करने के तुरंत बाद ही, एंटीबाॅडी बनने का काम शुरू कर देता है।
3.जब शरीर में एंटीबाॅडी बन रहा होता है तब शरीर की इम्युनिटी बहुत कम हो जाती है।
4.28 दिन बाद जब वैक्सीन का दूसरा डोज लेते हैं तो उस समय हमारी इम्युनिटी और भी कम हो जाती है।
5.दूसरे डोज के 14 दिन बाद हमारे शरीर में एंटीबाॅडी पूरी तरह बन जाती है। इसके बाद शरीर की इम्युनिटी तेजी से बढ़ने लगती है।
6.डेढ़ महीने के वैक्सीनकाल में, इमम्युनिटी बहुत कम हो जाने के कारण, वैक्सीन के दो डोज लेने के बाद भी ऐसे लोग, कोरोना का शिकार बन सकते हैं!
7.वैक्सिनेशन की इस अवधि के दौरान, यदि कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो जाता है, तब रिस्क फेक्टर और ज्यादा बढ़ जाता है!
इसलिए वैक्सिनेशन के बाद डेढ़ माह तक सतर्कता और सावधानी बहुत ज्यादा बरतनी चाहिए।
8. जिस व्यक्ति के, ये डेढ़ माह सुरक्षित निकल गए, डेढ़ माह के बाद, ऐसे व्यक्ति की, कोरोना से लड़ने की पावर, 100 से 200 गुना बढ़ जाती है। अर्थात उसके बाद व्यक्ति कोरोना से पूर्णतया सुरक्षित हो जाता है।
9.कुल मिलाकर वैक्सीन के पहले डोज से, अगले डेढ़ महीने तक, ध्यानपूर्वक सुरक्षित रहने की जरूरत है।
इसलिए सतर्कता और सावधानी जरूरी
वैक्सिनेशनकाल में मास्क compulsory पहनना चाहिए
वैक्सिनेशनकाल में अगर, अत्यंत जरूरी हो, तो ही घर से बाहर निकलें व लौटकर, गरम पानी से स्नान करें।
बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।हाल ही में कोरोना का जो latest अफ्रीकन स्ट्रैन आया है तथा कोराना केसेज बढ़ रहें हैं तो ऐसे में सावधानी और सुरक्षा रखना बहुत जरूरी है।
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