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National Safety Day 4 March |
National Safety Day 4 मार्च राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस विशेष
National Safety Day राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस: मानव को अपने जीवन यापन तथा स्वतंत्र रहने के लिए सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है। अगर जीवन में सुरक्षा नहीं है तो बाकी सभी अधिकार एवं सुविधाएं व्यर्थ है। इसलिए मानव को विभिन्न प्रकार से सुरक्षा चाहिए भले ही वह सड़क मार्ग में यातायात से जुड़ी हो या फिर सामाजिक , आर्थिक या राजनैतिक हो मानव स्वभाव से ही सुरक्षा की महती आवश्यकता महसूस करता है। इसलिए मानव ने सामाजिक एकता तथा राज्य जैसी संस्थाओं का निर्माण कर मानव जाति की सुरक्षा के लिए विभिन्न नियम कानून बनाएं है। किसी भी राष्ट्र की बाह्य सुरक्षा भी महत्वपूर्ण बात होती है इसलिए देश की सैना बाहरी सुरक्षा के कवच के रूप में कार्य करती है। आन्तरिक सुरक्षा एवं शांति के लिए पुलिस प्रशासन सेवा लोगों को सुरक्षित सामाजिक वातावरण प्रदान करती है। इसलिए यह दिन सुरक्षा के व्यक्तिगत नियमों के साथ साथ सुरक्षा की जिम्मेदारी लेकर खड़े उन तमाम जवानों को समर्पित है।
भारत में हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुर्घटनाओं से रोकने के लिए किए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को अब पूरे एक सप्ताह तक मनाया जाने लगा है।
फिलहाल अब राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (नेशनल सेफ्टी डे) को नेशनल सेफ्टी सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य देशभर में लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरुक करना और दुर्घटनाओं को रोकना है।
नेशनल सेफ्टी डे का उद्देश्य
नेशनल सेफ्टी सप्ताह के दौरान देशभर में कई तरह के जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिससे लोगों को औद्योगिक दुर्घटनाओं से बचाव के तरीकों के प्रति जागरुक किया जा सके। फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस देश की सीमाओं पर सुरक्षा में तैनात हजारों सिपाहियों और सिक्योरिटी विभाग को समर्पित होता है जिनके कारण देश की सीमाएं सुरक्षित रह सके। साथ ही सभी लोगों को अपने जीवन में स्वयं की सुरक्षा रखने के लिए जागरूक किया जाता है। आज भागदौड़ भरी जिंदगी में सबसे अधिक मौतें सड़क दुर्घटनाओं तथा भारी मशीनरी में होती है। इसलिए इस प्रकार की दुर्घटनाओं को कम करने तथा सुरक्षा हेतु अपनाये जाने वाले उपकरणों एवं नियमों के उपयोग की जानकारी दी जाती है। जिससे प्रत्यक व्यक्ति हर क्षेत्र में अपने को सुरक्षित रख सकें।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास एवं शुरुआत
मानव को जब सुरक्षा की महती आवश्यकता महसूस हुई तथा विभिन्न प्रकार की लापरवाही तथा आपराधिक मामलों में मानव की सुरक्षा का बड़ा सवाल पैदा हुआ। इसलिए
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के स्थापना दिवस पर 1972 में पहली बार 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद राष्ट्रीय स्तर पर एक नॉन-प्रॉफिट, स्व-वित्तपोषण और त्रिपक्षीय शीर्ष संस्था है। जो देश में सुरक्षा से जुड़े मामलों की पैरवी तथा नीति निर्माण करती है। इस संस्था की स्थापना भारत सरकार, श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा 4 मार्च 1965 को सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर एक स्वैच्छिक आंदोलन को उत्पन्न करने और विकसित करने के लिए स्थापित किया गया था।
NSA देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का नेतृत्व करती है। वैसे तो इस संस्था का गठन 19 नवंबर, 1998 को किया गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ( National Security Council ) का वरिष्ठ अधिकारी NSA (National Security Advisor) होता है। देश के प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नीति और अन्य मामलों पर सलाह देता है।भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
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