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क्या है टूलकिट? दिशा, निकिता और शांतनु पर क्यों है पुलिस की नजरें |
Twitter toolkit in Farmer movement
किसान आन्दोलन में ग्रेटा थनबर्ग सहित विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय हस्तियों द्वारा किसानों के समर्थन किए गए ट्वीट ने एक तरह से भूचाल ला दिया है कि आखिर बड़े पैमाने पर किसानों के लिए यह सामग्री इतनी वायरल कैसे हो गई? इसलिए दिल्ली पुलिस ने बड़े पैमाने पर उन टूल किट की जांच कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर यह सामग्री किसने और कब तैयार की थी?
दिशा रवि की गिरफ्तारी
इसी टूलकिट के मामले में बेंगलुरु से दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया है। दिशा रवि पर टूलकिट को एडिट करने का आरोप है। इस टूलकिट को ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीटर पर पोस्ट किया था ।
खबरों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बताया है कि इस टूलकिट को निकिता जैकब ने शांतनु और क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि के साथ मिलकर तैयार किया था। इस गूगल डॉक्युमेंट को शांतनु की ओर से बनाई गई ईमेल आईडी के जरिए तैयार किया गया था। इन सभी ने मिलकर इसे तैयार किया था। 11 फरवरी को दिल्ली पुलिस की टीम ने निकिता जैकब के मुंबई स्थित घर की तलाशी ली थी।
ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बेंगलुरु से 21 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया है। दिशा फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन जैसी संस्थाओं की संस्थापकों में से एक है। 4 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने टूलकिट को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप है कि दिशा रवि ने किसानों से जुड़े टूलकिट को एडिट किया और उसमें कुछ चीजें जोड़ीं और उसे आगे भेजा।
दिल्ली पुलिस के अनुसार 11 जनवरी को एक जूम मीटिंग की गई थी। इस मीटिंग में निकिता, शांतनु और दिशा रवि शामिल थे। इस मीटिंग में एमओ धालीवाल भी शामिल हुए थ। इस मीटिंग में ये तय किया गया कि 26 जनवरी से पहले ट्विटर स्टॉर्म पैदा किया जाएगा। पुलिस के अनुसार लगभग 60 से 70 लोग जूम मीटिंग में शामिल हुए थे।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दिशा रवि को दिल्ली की एक कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने इस दौरान 7 दिन की रिमांड पर भेजने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने दिशा5 दिन की कस्टडी में भेज दिया। पुलिस ने कहा कि ये खलिस्तानी ग्रुप को दोबारा खड़ा करने करने और भारत सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश है। इन्होंने टूलकिट को एडिट किया है। और हजारों लोग इसमें शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस का आरोप है कि दिशा रवि ने 3 फरवरी को टूलकिट एडिट किया था। दिशा का मोबाइल बरामद किया गया है लेकिन डेटा नहीं मिले ।
दिशा रवी का बयान
दिशा ने इस मामले में बताया है कि किसानों ने हमें भोजन, पानी दिया है तो उनकी बात को मैंने इस किट के माध्यम से मजबूती प्रदान की है।
वहीं दिशा ने कहा कि मैंने दो लाइन एडिट किया था। मैंने यह सब किसानों के सपोर्ट में किया था, जो अन्नदाता हैं, उनके आंदोलन से मैं प्रभावित थी। दिशा रवि ने कोर्ट में कहा कि किसान हमें खाना और पानी देते हैं। फिलहाल कोर्ट ने दिशा को 5 दिन की पुलिस रिमांड भेज दिया है।
दूसरी तरफ इस गिरफ्तारी पर सवालिया निशान खड़े हुए हैं जिसमें इसका विरोध करते हुए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पी. चिदंबरम, अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के कई नेताओं ने दिशा रवि की गिरफ्तारी का विरोध किया है।
आखिर क्या होता है टूलकिट?
ट्विटर सहित कई सोशल मिडिया साधन है जहां विभिन्न मुद्दों तथा आन्दोलनो पर राय तथा समर्थन का सहारा लिया जाता है तथा इस प्रकार के सामग्री वायरल की जाती है जो लोगों को उसे प्रसारित करना होता है।
आधुनिक समय में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जो भी आंदोलन हूए है। जिसमें ब्लैक लाइव्स मैटर ,अमेरिका का एंटी-लॉकडाउन प्रोटेस्ट, पर्यावरण से जुड़ा क्लाइमेट स्ट्राइक कैंपेन आदि इन सभी जगह आंदोलन से जुड़े लोग कुछ 'एक्शन पॉइंट्स' तैयार करते हैं, यानी कुछ ऐसी चीज़ें प्लान करते हैं जो आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए की जा सकती हैं। जिस दस्तावेज़ में इन एक्शन पॉइंट्स। Action Points को दर्ज किया जाता है, उसे टूलकिट Toolkit कहते हैं ।
टूलकिट शब्द इस दस्तावेज़ के लिए सोशल मीडिया के संदर्भ में ज़्यादा इस्तेमाल होता है, लेकिन इसमें सोशल मीडिया की रणनीति के अलावा भौतिक रूप से सामूहिक प्रदर्शन करने की जानकारी भी दे दी जाती है।
क्या है इस टूलकिट का मकसद?
बीसीसी न्युज एजेन्सी के मुताबिक किसान आन्दोलन के चलते ट्वीट तथा इससे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मचे बवाल में में दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए इस तीन पन्ने की इस टूलकिट में सबसे ऊपर एक नोट लिखा हुआ है, जिसके अनुसार यह एक दस्तावेज़ है जो भारत में चल रहे किसान आंदोलन से अपरिचित लोगों को कृषि क्षेत्र की मौजूदा स्थिति और किसानों के हालिया प्रदर्शनों के बारे में जानकारी देता है।
नोट में लिखा है कि इस टूलकिट का मक़सद लोगों को यह बताना है कि वो कैसे अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए किसानों का समर्थन कर सकते हैं।
साथ यह भी बताया गया है कि टूलकिट में भारतीय कृषि क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर बात की गई है। बताया गया है कि भारत में छोटे और सीमांत किसानों की संख्या सबसे अधिक है और उनकी स्थिति वाक़ई ख़राब है।
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