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Sunday, February 14, 2021

खेल विधि play method khel vidhi

 
Khel Vidhi Play Method
खेल विधि अर्थ एवं प्रकार तथा प्राथमिक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ शिक्षण विधि



खेल विधि हेनरी काल्डवेल  कुक Henry Caldwell Cook 


प्राथमिक स्तर के शिक्षण में खेल विधि को सर्वश्रेष्ठ विधि माना जाता है। साथ ही प्राथमिक स्तर पर  गणित शिक्षण के लिए भी खेल विधि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। बच्चों को खेल खेल में आसानी से सिखाया जा सकता है। खेल खेल में प्राप्त अधिगम अधिक स्थाई माना जाता है।
इसलिए आज बात करते हैं खेल विधि  Khel Vidhi (Play Method)  के बारे में तथा इसके स्तर एवं जनक के बारे में।
खेल द्वारा शिक्षा में शिक्षा का एक मात्र उद्देश्य बालक का सर्वांगीण विकास होता है। इस पद्धति के अनुसार किसी विशिष्ट उद्देश्य को सम्मुख रखकर उसी के अनुरूप शिक्षा दी जाती है। 

खेल विधि के प्रर्वतक


खेल विधि के प्रर्वतक हेनरी काल्डवेल  कुक (Henry Caldwell Cook)  है। उन्होंने अपनी पुस्तक Play Way में इसकी उपयुक्तता अंग्रेजी शिक्षण हेतु बताई है। जब बच्चा इस प्रणाली के द्वारा शिक्षण में रुचि लेने लग जाता है तो वह उसके लिए शिक्षण न रहकर एक खेल की तरह से हो जाता है । 

खेल विधि का कक्षा स्तर के अनुसार  का वर्गीकरण


खेल शिक्षण विधि को कक्षा स्तर के अनुसार  का वर्गीकरण किया जाता है,जो निम्न प्रकार है:

 प्राथमिक कक्षाएं:

 

 प्राथमिक कक्षाओं में क्रियात्मक शब्दों का खेल सिखाया जाता है, गत्ते के टुकड़ों पर कुछ क्रियात्मक शब्दों को लिख दिया जाता है। उन टुकड़ों को दूर-दूर बिखेरकर एक टुकड़ा उठाकर उस पर लिखी क्रिया के अनुरूप प्रतिक्रिया कराई जाती है। शब्द भण्डार की वृद्धि हेतु बड़ा सा शब्द देकर उसके प्रत्येक अक्षर से पृथक् शब्द बनाने को कहा जाता है। इस स्तर पर रिक्त स्थानों की पूर्ति में संज्ञा, सर्वमान और विशेषण शब्दों द्वारा कराई जाती है। 



माध्यमिक कक्षाएं: 


माध्यमिक कक्षाओं में भी यह विधि बहुत उपयोगी है लेकिन बड़ी कक्षाओं में खेल आधारित गतिविधियां करवाने के लिए कुशल शिक्षक द्वारा विभिन्न प्रकार के खेलों का चयन करना पड़ता है। तथा विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से इस स्तर पर इस विधि से प्रभावी शिक्षण करवाया जा सकता है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के आधार पर दो बालकों या दलों की होड़ तथा वाद-विवाद आदि प्रतियोगिताएं उपयोगी रहती हैं। माध्यमिक कक्षाओं में छात्रों से दिए गए चित्र के आधार पर कहानी बनाने को कहा जाता है। किसी घटना का वर्णन, स्वप्न के आधार पर कुछ लिखना,डायरी लिखना तथा काल्पनिक वार्तालाप क्रियाएं इस स्तर पर प्रमुख रूप से करवाई जाती हैं। 


उच्च कक्षाएं


उच्च  कक्षाओं के छात्रों के लिए यह विधि उपयोगी होती है इस स्तर पर निम्न तरीकों से इस विधि को प्रचारित किया जा सकता है।
(i) ऊँचे स्तर की विभिन्न प्रतियोगिताओं के खेल, 
(ii) परिभाषाओं की होड़ का खेल,
(iii) समस्यापूर्ति का खेल आदि बहुत ही अच्छे रहते हैं। छात्रों से कहानियों का संवाद करवाना, मौलिक कविता, कहानी-नाटक लिखवाना, काल्पनिक भेंट का विवरण लिखवाना आदि कार्य कराएं जाते हैं। 


सारांश


इस विधि के द्वारा प्रत्येक बात की शिक्षा देना सम्भव नहीं है, परन्तु यह निश्चित है कि खेलों में बालकों की रुचि अधिक होने के कारण उन्हें खेल द्वारा व्यावहारिक जीवन की सफल शिक्षा दी जा सकती है। भाषा-शिक्षण के लिए तो इस विधि को बड़ा उपयोगी बनाया जा सकता है। रचना, व्याकरण आदि सभी की शिक्षा प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च कक्षाओं में सफलतापूर्वक दी जा सकती हैं।


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