
खेल विधि अर्थ एवं प्रकार तथा प्राथमिक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ शिक्षण विधि

खेल विधि हेनरी काल्डवेल कुक Henry Caldwell Cook
खेल विधि के प्रर्वतक
खेल विधि का कक्षा स्तर के अनुसार का वर्गीकरण
प्राथमिक कक्षाएं:
प्राथमिक कक्षाओं में क्रियात्मक शब्दों का खेल सिखाया जाता है, गत्ते के टुकड़ों पर कुछ क्रियात्मक शब्दों को लिख दिया जाता है। उन टुकड़ों को दूर-दूर बिखेरकर एक टुकड़ा उठाकर उस पर लिखी क्रिया के अनुरूप प्रतिक्रिया कराई जाती है। शब्द भण्डार की वृद्धि हेतु बड़ा सा शब्द देकर उसके प्रत्येक अक्षर से पृथक् शब्द बनाने को कहा जाता है। इस स्तर पर रिक्त स्थानों की पूर्ति में संज्ञा, सर्वमान और विशेषण शब्दों द्वारा कराई जाती है।
माध्यमिक कक्षाएं:
माध्यमिक कक्षाओं में भी यह विधि बहुत उपयोगी है लेकिन बड़ी कक्षाओं में खेल आधारित गतिविधियां करवाने के लिए कुशल शिक्षक द्वारा विभिन्न प्रकार के खेलों का चयन करना पड़ता है। तथा विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से इस स्तर पर इस विधि से प्रभावी शिक्षण करवाया जा सकता है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के आधार पर दो बालकों या दलों की होड़ तथा वाद-विवाद आदि प्रतियोगिताएं उपयोगी रहती हैं। माध्यमिक कक्षाओं में छात्रों से दिए गए चित्र के आधार पर कहानी बनाने को कहा जाता है। किसी घटना का वर्णन, स्वप्न के आधार पर कुछ लिखना,डायरी लिखना तथा काल्पनिक वार्तालाप क्रियाएं इस स्तर पर प्रमुख रूप से करवाई जाती हैं।
उच्च कक्षाएं:
उच्च कक्षाओं के छात्रों के लिए यह विधि उपयोगी होती है इस स्तर पर निम्न तरीकों से इस विधि को प्रचारित किया जा सकता है।
(i) ऊँचे स्तर की विभिन्न प्रतियोगिताओं के खेल,
(ii) परिभाषाओं की होड़ का खेल,
(iii) समस्यापूर्ति का खेल आदि बहुत ही अच्छे रहते हैं। छात्रों से कहानियों का संवाद करवाना, मौलिक कविता, कहानी-नाटक लिखवाना, काल्पनिक भेंट का विवरण लिखवाना आदि कार्य कराएं जाते हैं।
सारांश
इस विधि के द्वारा प्रत्येक बात की शिक्षा देना सम्भव नहीं है, परन्तु यह निश्चित है कि खेलों में बालकों की रुचि अधिक होने के कारण उन्हें खेल द्वारा व्यावहारिक जीवन की सफल शिक्षा दी जा सकती है। भाषा-शिक्षण के लिए तो इस विधि को बड़ा उपयोगी बनाया जा सकता है। रचना, व्याकरण आदि सभी की शिक्षा प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च कक्षाओं में सफलतापूर्वक दी जा सकती हैं।
No comments:
Post a Comment