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टोल टैक्स टोल प्लाजा का एक दृश्य जागृतिपथ |
टोल टैक्स क्या है फास्टैग सिस्टम की जानकारी
फास्टैग सिस्टम क्या है कैसे करता है काम?
ओटोमेटिक बैरियर कैसे करते हैं काम?
वाहनों के नंबर कैसे पढ़ते हैं कैमरे?
आज बात करते हैं टोल प्लाजा की जो हर नेशनल हाईवे पर देखने को मिलता है। आधुनिक टोल सिस्टम कितना बदल गया है इसकी जानकारी हमें होनी चाहिए। टोल टेक्स क्या है ?यह टेक्स क्यो लिया जाता है? यह भारी भरकर राशि आखिर कहां खर्च होती है? इन सवालों के जवाब तो हर कोई जानता है फिर भी संक्षिप्त में बता रहे
दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग किसी भी देश की संपत्ति होती है। इनका रखरखाव भी देश की सरकार को करना पड़ता है। देश की अन्य सम्पत्तियों की तरह, सड़को, राजमार्गो को बनाने और मेंनटेन रखने में अधिक धनराशि की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि इन्ही सड़को के माध्यम से लोग तथा वाहन आवागमन करते हैं। इसके साथ साथ राजमार्गो पे होने वाली चोरी- डकैती से बचने के लिए एक प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था भी अनिवार्य हो जाती है , जिसके लिए भी सरकार को पैसे की ज़रुरत होती है। इन सभी खर्चों की पूर्ति के लिए टोल टैक्स आय का एक बेहतरीन स्रोत है। इस प्रकार सड़को तथा राजमार्गो से जुड़ी इन सभी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए यात्रियों से सड़क कर / रोड टैक्स (Road Tax) वसूलती है , ये सड़क कर भी कई तरह के होते है जिनका विभाजन राज्यों के अंतर्गत होता है, उन सब में से सबसे सामान्य कर, यातायात कर / टोल टैक्स ( Toll Tax ) कहलाता है। जिसकी चर्चा ऊपर की थीं।
लेकिन बात करते हैं भारत के आधुनिक तकनीक आधारित टोल सिस्टम के बारे में जो बहुत कम लोग जानते हैं आधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित अनेक सिस्टम टोल बिल्डिंग के पास स्थापित किए जाते हैं। जो खुफिया जानकारी के साथ साथ कई आटोमेटिक रिकॉर्ड भी बनाता है। टोल सिस्टम में कंप्यूटरीकृत उपकरण किस प्रकार काम करते हैं ? आइए जानते हैं।
फास्टैग सिस्टम एवं इसकी कार्यप्रणाली
हमारी गाड़ी देश में किसी भी नेशनल हाईवे के किसी भी टोल प्लाजा पर आती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर वाहन के विंडस्क्रीन पर लगे फास्टैग स्टिकर को ट्रैक करता है। हमारे फास्टैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क आटोमेटिक कट जाता है। वाहन के अगले शीशे पर यह कार्ड लगेगा और टोल पर पहुंचते ही लेजर सिस्टम से गेट खुल जाएगा।
इस तरह हम प्लाजा पर रुके बगैर भुगतान कर पाते हैं। जब हमारे फास्टैग अकाउंट की राशि खत्म हो जाती है, तो हमें उसे रिचार्ज करवाना पड़ता है इसे चेक या यूपीआई/डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड/NEFT/नेट बैंकिंग आदि के माध्यम से रिचार्ज किया जा सकता है। यह टोल सिस्टम की नवीन प्रणाली है जो भारत में आजकल तेजी से फास्टैग लगाने का काम शुरू हैं। हर किसी को fastag लगाना चाहिए क्योंकि कैश लाइन में इंतजार करना पड़ता है साथ ही इस सिस्टम से टेक्स की राशि भी कम होती है बजाय कैश लाइन के। इसलिए आज आपको टोल गेट पर फास्टैग एजेंट मिल जायेंगे जो फास्ट टैग लगाने का काम करते हैं। लगभग 100-500 रूपयों तक फास्टैग लगाया जाता है।
ओवरलोड सैंसर सिस्टम
टोल गैट के केसियर की खिड़की के पास सड़क पर भार या लोडिंग का पता करने के लिए सैंसर लगा होता है । यह सैंसर कंम्पयूटर को सूचित करता है कि वाहन की लोडिंग क्षमता सीमा से ज्यादा है। अगर किसी वाहन की लोडिंग क्षमता से अधिक होती है तो टोल टेक्स के अलावा जुर्माना भी भरना पड़ता है।
सीसीटीवी कैमरे एवं नंबर रीडर सिस्टम
सड़क या हाईवे पर लगें टोल सिस्टम के प्रत्येक काउंटर के पास दो कैमरे लगे होते हैं जो आने वाले हर वाहन का नम्बर स्कैन करते हैं। दो कैमरे वाहन के आगे की नम्बर प्लेट तथा पीछे की नम्बर प्लेट के नम्बरों को स्कैन करते हैं।
इससे कंम्पयूटर उस वाहन की पूरी डिटेल प्राप्त कर टोल टेक्स की राशि का भुगतान किया जाता है। जिससे तुंरत एक स्लिप / पर्सी जारी होती है। लेकिन फास्टैग आने के बाद यह काम केसलेश तथा बहुत जल्दी पूर्ण किया जाने लगा है।
स्वचालित बैरियर
आप सभी जानते हैं कि हर टोल नाके पर ओटोमेटिक बैरियर लगें होते हैं जो प्रत्येक वाहन को रोकने का काम करते हैं। जब टोल टैक्स के भुगतान का काम कंप्युटर सिस्टम से पूरा हो जाता है तब यह ओटोमेटिक बैरियर स्वत ही हट जाते हैं तथा वाहन के निकल जाने के बाद स्वत पुनः बन्द हो जातें हैं।
टोल टैक्स से कितनी होती है कमाई?
टोल टैक्स से होने वाली इनकम भी हैरतअंगेज है इन आंकड़ों को देखकर लगता है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण टोल के माध्यम से अच्छी खासी आय प्राप्त कर लेता है। लेकिन इन बड़े बड़े राजमार्गो का मेंटेनेंस ख़र्च भी बहुत ज्यादा है। टोल टैक्स की आय की बात करें तो
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के मुताबिक मार्च 2020 तक देश में 566 टोल प्लाजा मौजूद हैं।अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक हाईवे पर मौजूद टोल प्लाजा से NHAI करीब 26851 करोड़ रुपये टोल टैक्स के रूप में वसूली हो चुकी है। ऐसे में हर महीने टोल टैक्स के रूप में 2237 करोड़ रुपये की एनएचएआई को कमाई हुई। इस रकम का इस्तेमाल हाईवे की मरम्मत और उसके रख-रखाव के लिए किया जाता है।
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