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भारत में बर्ड फ्लू की दहशत प्रतीकात्मक फोटो जागृतिपथ |
भारत में बर्ड फ्लू से मर रहे पक्षी Bird Flu in India
कोरोना वायरस का प्रकोप और दहशत जारी है। कि एक नई मुसीबत पैदा हो गई। जी हां बर्ड फ्लू के नए खतरे ने दस्तक दे दी है। राजस्थान और मध्यप्रदेश के बाद अब हिमाचल में हजारों की संख्या में पक्षियों की मौत हो गई है। ।मृत परिंदों के सैंपल लेकर मध्यप्रदेश के भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं।
राजस्थान के झालावाड़ जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद कोटा और पाली में भी कुछ पक्षियों की मौत हुई। अब यह राजस्थान के पांच जिलों में फैल चुका है। इन जिलों कौवे इस बिमारी के चपेट में ज्यादा आ रहें हैं।
प्रवासी पक्षी भी खतरें में
राजस्थान और मध्यप्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश के पाेंग डैम अभयारण्य में एक हफ्ते में लगभग नो सौ प्रवासी पक्षी मृत पाए गए हैं। पाेंग डैम अभयारण्य में हर साल अक्तूबर से मार्च तक रूस, साइबेरिया, मध्य एशिया, चीन, तिब्बत आदि देशों से विभिन्न प्रजातियों के रंग-बिरंगे परिंदे लंबी उड़ान भर यहां पहुंचते हैं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। अब इन पक्षियों की अचानक मौत हो रही है। जो चिंता का विषय है। तथा प्राकृतिक स्थलों में न वन्यप्राणियो के लिए संकट की घड़ी है।
इंसानों में फैलने का रहता है डर
इंसान में यह बीमारी मुर्गियों या संक्रमित पक्षी के बेहद निकट रहने से फैलती है। इंसानों में बर्ड फ्लू का वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिए प्रवेश करता है। इस वजह से इसका बचाव यही है कि संक्रमित पक्षियों खासकर मरे पक्षियों से दूर रहें। संक्रमण वाले एरिया में कोशिश करें कि ना जाएं. मांग और अंडे खाने से बचें।
बर्ड फ्लू ले सकता है विकराल रूप
अगर बर्ड फ्लू का वायरस मुर्गियाें में भी पाया गया, तो यह सबसे बड़ा खतरा बन जाएगा। मुर्गियों से इंसानों में वायरस फैलने की अधिक संभावना रहती है। इसके अलावा शीतकालीन प्रवास के लिए हजारों की संख्या में विदेशी पक्षी प्रदेश में आए हुए हैं। इनमें भी वायरस का डर सताने लगा है। सांभर झील त्रासदी के समय भी सबसे अधिक विदेशी पक्षी ही महामारी की चपेट में आए थे।मृत परिंदों के सैंपल लेकर मध्यप्रदेश के भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा।
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