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New Parliament House of India |
New parliament house of India
भारत का नया संसद भवन
भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और राष्ट्र के सबसे बड़े प्रतीक मे एतिहासिक बदलाव होने जा रहा है जिसका इतिहास 93 वर्ष पुराना है। जी हां हम बात कर रहे हैं भारत के लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन की जो ब्रिटिश से अब तक कई राजनैतिक उतार चढ़ाव और यादों को संजोए हुए खड़ा था। अब भारत की राजधानी में एक नई संसदीय इमारत Parliamentary building बनेगी जो अत्याधुनिक सुविधाओं और नवीन आवश्यकताओं के अनुरूप भव्य और दर्शनीय होगी। इस नवीन संसदीय इमारत की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है
जिसका हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Narendra Modi ने भारत की नवीन संसद इमारत का शिलान्यास किया है।
नया संसद भवन New parliament house मौजूदा संसद भवन के पास ही बनना प्रस्तावित है। ये एक तिकोनी इमारत होगी जबकि मौजूदा संसद भवन वृत्ताकार है।
सरकार और अधिकारियों के अनुसार संसद के बढ़ते काम तथा कम जगह के कारण एक नई इमारत के निर्माण की ज़रूरत महसूस की गई। जिसके लिए नया संसद भवन प्रर्याप्त जगह और सुविधाओं वाला होगा जिससे सभी संसदीय कार्य आसानी से किये जा सके।
कैसा भव्य होगा नवीन संसद भवन ; कौन करेगा निर्माण?
सुत्रो के मुताबिक नया संसद भवन 64500 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा जो मौजूदा संसद भवन से 17,000 वर्ग मीटर अधिक , चार मंजिला होगा और इसका खर्च तकरीबन 971 करोड़ रुपये आ सकता है। इस नवीन संसद भवन को 2022 तक बना दिया जाएगा। इस नये भवन में सभी सांसदों के लिए संसद भवन परिसर में दफ्तर होगा, जिसे 2024 तक निर्मित कर दिया जाएगा। नये भवन का निर्माण HCP(Hasmukh C. Patel Design, Planning and Management Pvt. Ltd Ahmedabad डिजाइन मैनेजमेंट अहमदाबाद द्वारा किया जाएगा।
न्युज एजेन्सीज एवंअधिकारियों के अनुसार संसद के नए भवन में निचले सदन लोक सभा के 888 सदस्यों member of parliament के बैठने की व्यवस्था की गई है। नई इमारत में लोक सभा भूतल ground floor में होगीतथा उच्च सदन राज्य सभा Council of States
के 384 सदस्य इसमें बैठ सकेंगे।ऐसा आने वाले समय में सांसदों MP की संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखकर किया गया है। गौरतलब है कि भारत में अभी लोक सभा में 543 और राज्य सभा में 245 सीटें हैं जिसमें फिलहाल कोई वृद्धि नहीं हुई है लेकिन जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अनुसार, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बात संख्या में कोई परिवर्तन हो सकता है। इस प्रकार नए संसद भवन की संयुक्त बैठक के दौरान वहाँ लगभग पौने तेरह सौ सदस्य बैठ सकेंगे।इस नए संसद भवन में सभी सांसदों को अलग दफ़्तर दिया जाएगा जिसमें आधुनिक डिजिटल सुविधाएँ होंगी ताकि डिजिटल' लक्ष्य की ओर बढ़ा जा सके। नई इमारत में एक भव्य कॉन्स्टीच्यूशन हॉल या संविधान हॉल होगा जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर की विरासत को दिखाया जाएगा। वहाँ भारत के संविधान की मूल प्रति Original copy of constitution को भी रखा जाएगा। इसके साथ साथ यहां सांसदों के बैठने के लिए बड़ा हॉल, एक लाइब्रेरी, समितियों के लिए कई कमरे, भोजन कक्ष और बहुत सारी पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। हालांकि इस नवीन संसद भवन के नामकरण की चर्चा हो रही है। अगर भारत के नवीन संसद भवन का नाम भीमराव अम्बेडकर के नाम पर रखा जाए तो बाबासाहेब के लिए सम्मान की सबसे बड़ी बात होगी क्योंकि इस पवित्र मंदिर के पवित्र ग्रंथ संविधान में उनका योगदान है वे भारत की संवेधानिक व्यवस्था के महानायक भी है।
पूराना संसद भवन लोकतंत्र की यादें बन कर रह जाएगा
भारत के पुराना संसद अपने आप में ऐतिहासिक महत्व रखता है अंग्रेजो के समय का यह भवन अथाह यादों से भरा हुआ है इसके इतिहास में भारत ने लोकतंत्र के बड़े मुकाम हासिल किया यह संसद भवन है जिसकी कुछ यादें दिल में एक खुशी मिलती है तो कुछ घटनाएं दुःखी भी करती हैं जिसमें साल 2001 में आतंकियों ने भारतीय संसद पर हमला बोल दिया था। जिसमें दिल्ली पुलिस के पांच जवान, दो पार्लियामेंट सिक्यूरिटी सर्विस के सदस्य शहीद हो गए थे। इसके साथ संसद परिसर के एक कर्मचारी ने भी प्राण गंवाए थे । अब जब नया संसद भवन बनेगा तो अचानक इस पुराने संसद भवन को हटाया नहीं जाएगा हालांकि निर्माण कार्य के चलते आगे भी इस ऐतिहासिक इमारत में बहुत कार्य संपन्न किये जायेगें। तथा भविष्य इसका उपयोग किस तरह होगा यह कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन इस भव्य इमारत को बाद में पुरातात्विक संग्रहालय के रूप में दर्शनीय स्थल बना दिया जाए तो अच्छी बात होगी।
ब्रिटिश काल में बने भव्य संसद भवन की एक झलक
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भारत का ऐतिहासिक संसद भवन |
भारतीय संसद के भवन का डिजाइन मध्य प्रदेश के 9वीं शताब्दी के एक शिव मंदिर से लिए गए हैं। जो कि मुरैना जिले के वटेश्वर में स्थित है। इस संसद भवन का खाका एडविन लुटियंस ने शिव मन्दिर की कलाकृति पर तैयार किया था ।
संसद के पूरे परिसर में संसद भवन, संसदीय शोध, स्वागत welcome office कार्यालय , संसद ग्रंथालय दोनो हाउस आदि सम्मिलित हैं। इन सभी को मिलाकर 'संसद परिसर' कहा जाता है। इस परिसर में लंबे-चौड़े लान, जलाशय, फव्वारे और सड़कें बनी हुई हैं। यह भव्य परिसर सजावटी लाल पत्थर की दीवारों तथा लोहे के जालियों और लोहे के विशाल दरवाजों से घिरा हुआ है।
भारत के संसद भवन का निर्माण वर्ष 1921-1927 के बीच ब्रिटिश वास्तुविद सर एडविन लुटियंस और हरबर्ट बेकर की देखरेख में हुआ था जिसका उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था। आकृति में गोलाकार तथा 560 फुट व्यास वाली इस भव्य इमारत का घेरा cricle 533 मीटर है। यह लगभग 6 एकड़ क्षेत्र तकरीबन 24280 square metres(वर्ग मीटर) में बना हुआ है। भवन के 12 दरवाज़े हैं। 144 खंभे है। इसकी ऊंचाई 27 फीट है।
जिसमें कई कक्ष है। संसद भवन परिसर हमारे संसदीय लोकतंत्र के प्रादुर्भाव का साक्षी रहा है । संसद भवन परिसर में हमारे इतिहास की उन विभूतियों की प्रतिमाएं और आवक्षमूर्तियां हैं जिन्होंने राष्ट्र हित के लिए महान योगदान दिया है।
पुराना संसद भवन अब Museum of Democracy(लोकतंत्र का संग्रहालय) कहलाएगा।
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