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Thursday, November 26, 2020

Constitution Day संविधान दिवस: 26 नवम्बर बाबा साहेब आंबेडकर को समर्पित महत्वपूर्ण दिन


Samvidhan diwas constitution day
संविधान दिवस


Constitution Day : भारत में हर वर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। 26 नवंबर, 1949 को ही देश की संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। हालांकि भारतीय संविधान को 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। भारतीय संविधान में सभी धर्म , जाति,वर्गो आदि के हितों के मद्देनज़र विस्तृत प्रावधानों को शामिल किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय की विभिन्न व्याख्याओं के माध्यम से भी बदलती परिस्थितियों के अनुसार विभिन्न अधिकारों को इसमें सम्मिलित किया गया। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है इसमें 12 अनुसूचियां और 448 अनुच्छेद तथा 25 भाग है। भारतीय संविधान को निर्मित करने का सबसे बड़ा श्रेय बाबा साहेब आंबेडकर को जाता है क्योंकि वे प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।

कब से मनाना शुरू हुआ संविधान दिवस?


साल 2015 में संविधान के निर्माता डॉ. आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस दिवस को संविधान दिवस के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था। संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। 
भारतीय संविधान की प्रस्तावना अमेरिकी संविधान से प्रभावित तथा विश्व में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। प्रस्तावना के माध्यम से भारतीय संविधान का दर्शन प्रकट होता है। प्रस्तावना यह घोषणा करती है कि संविधान अपनी शक्ति सीधे जनता से प्राप्त करता है इसी कारण यह 'हम भारत के लोग' इस वाक्य से प्रारम्भ होती है।


भीम रावअम्बेडकर को समर्पित यह दिन और योगदान


संविधान दिवस Constitution Day देश के पहले कानून मंत्री डॉ. भीम राव अंबेडकर Dr Bhim Rao Ambedkar को श्रद्धांजलि देने का भी प्रतीक है। जिन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारतीय संविधान निर्माण में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे। आज भी भारतीय संविधान की हिंदी व अंग्रेजी की मूल प्रतियां भारतीय संसद की लाइब्रेरी में विशेष हीलियम गैस से भरे केस में रखी हुई हैं।  भारतीय संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसंबर 1946 दिन सोमवार को हुई थी। डाक्टर अम्बेडकर ने भारतीय संविधान बनाने में बहुत मेहनत की और अनेक कष्ट उठाये। इसलिए  देश के पूर्व वित्त मंत्री टी.टी. कृष्णामाचारी ने अंबेडकर की सराहना करते हुए कहा था- मैं उस परिश्रम और उत्साह को जानता हूँ, जिससे उन्होंने संविधान सभा का प्रारूप को तैयार किया। इसमें मुझे संदेह नहीं कि जिस ढंग से उन्होंने संविधान तैयार किया, हम उसके लिए कृतज्ञ हैं। यह निस्संदेह प्रशंसनीय कार्य है। प्रथम प्रधान मंत्री पंडित  नेहरू ने अंबेडकर की संविधान संरचना में योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि -अक्सर डॉ. अंबेडकर को संविधान निर्माता कहा जा रहा है। वे अपनी तरफ से कह सकते हैं कि उन्होंने बड़ी सावधानी और कष्ट उठाकर संविधान बनाया है। उनका बहुत महत्वपूर्ण और रचनात्मक योगदान है।

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