•हल्दी की सब्जी
•कच्ची हल्दी की सब्जी रेसिपी
•सर्दियों में हल्दी की सब्जी के फायदे।
•Haldi ki sabji kese banaye
•हल्दी की सब्जी खाने के फायदे।
•हल्दी की सब्जी खाने का तरीका।
•हल्दी की सब्जी खाने का समय।
•हल्दी की सब्जी कब खाये।
•हल्दी की सब्जी में आयुर्वेदिक गुण
•हल्दी की सब्जी में क्या मिलाये
•हल्दी-सब्जी प्लेट रोटी के साथ।
•हल्दी की सब्जी बनाने की विधि
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• Raw Turmeric Vegetable Recipe
• Benefits of turmeric vegetable in winter.
• How to make turmeric curry?
• Benefits of eating turmeric vegetable.
• How to eat turmeric curry.
• Time to eat turmeric curry.
• When to eat turmeric vegetable?
• Ayurvedic properties of turmeric vegetable
• What to add to turmeric curry
• Turmeric-vegetable plate with roti.
आज हम हल्दी के औषधीय गुणों की बात करेंगे तथा भारत में विशेष राजस्थान में कच्ची हल्दी की सब्जी भी बनाई जाती है । इस हल्दी की सब्जी या हलवे के स्वाद और गुणों के बारे में जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे। साथ ही बात करेंगे हल्दी पाउडर या किसी भी रूप में हल्दी हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी लाभदायक है?
हल्दी के फायदे,तासीर और उत्पादन
Benefits, Properties and Production of Turmeric
दुनिया भर में भारत हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। हिन्दुस्तान में पैदा की गई हल्दी को सबसे ज्यादा बेहतरीन माना जाता है क्योंकि इसमें करक्यूमिन की मात्रा अधिक होती है। विश्व में हल्दी के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 80% है। इसको सामान्य भाषा में टर्मरिक,turmeric, हल्दी कहा जाता है।
हल्दी का वैज्ञानिक नाम या वानस्पतिक नाम कुरकुमा लौंगा
Curcuma longa / कुरकुमा डोमेस्टिका (Curcuma Domestica) है। तथा वंश का नाम जिन्जिबरेस है।
यह अदरक की प्रजाति का 5-6 फुट तक बढ़ने वाला पौधा है , हल्दी के राइजोम या प्रकन्द को हल्दी के रूप में प्रयोग किया जाता है।
हल्दी को ज्यादातर दक्षिण एशिया में उगाया जाता है। भारत, इंडोनेशिया, चीन, फिलीपींस, ताइवान, जमैका, श्रीलंका और पेरू में हल्दी का उत्पादन होता है। भारत india में हल्दी का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है।
कुरकुमा लौंगा नाम अरबी पौधे कुरकुम से लिया गया है। चीन में हल्दी जिंग हुआंग कहा जाता है। हल्दी में खनिज तत्वों और औषधीय गुणों की भरमार है। कच्ची हल्दी में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं जो हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
हल्दी खाने के फायदे
हल्दी की सब्जी खाने के फायदे ही फायदे हैं। यह शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है।
आंखों की बीमारियों के लिए हल्दी गुणकारी
Turmeric is beneficial for eye diseases
आंखों की बीमारियों में भी हल्दी गुणकारी है। इसके लिए हल्दीयुक्त पानी तैयार कर इस पानी में दर्द करती या सूजी हुई आंखें धोने से फायदा होता है। हल्दी युक्त पानी तैयार कर के इस पानी में उबाल लें तथा उसे दो−तीन बार साफ कपड़े या महीन छलनी से छान लें।
खांसी-जुकाम में कारगर है हल्दी
Turmeric is effective in cough and cold
हल्दी को जुकाम खांसी और गले में खराश आदि में दूध के साथ पीना लाभकारी माना जाता है।
कच्ची हल्दी का सेवन सर्दी-खांसी का एक बेहतरीन घरेलु उपचार है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण मौजूद होते हैं जो शरीर में बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं। रोजाना दूध में कच्ची हल्दी डालकर पीने से सर्दी-खांसी में जल्दी राहत मिलती है। या दूध में हल्दी पाउडर के सेवन से जुकाम में राहत मिलती है।
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हल्दी की सब्जी रेसिपी |
कैंसर की संभावना को खत्म करता है हल्दी का नियमित सेवन
Regular intake of turmeric eliminates the possibility of cancer.
हल्दी को आयुर्वेद में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए रामबाण माना गया है। हल्दी का एक निश्चित मात्रा में रोजाना सेवन करने से शरीर में मौजूद कैंसर को बढ़ाने वाली कोशिकाओं malignant cells को नष्ट करती है।
कच्ची हल्दी में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं जिनसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव करने में मदद मिलती है। कच्ची हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है जो शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है। हल्दी शरीर में मौजूद कैंसर सेल्स को विकसित होने से भी रोकती है। खासतौर पर पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर में कच्ची हल्दी का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। यह प्रोस्टेट कैंसर सेल्स को नष्ट करने के साथ-साथ उन्हें शरीर में बढ़ने से भी रोकती है। कच्ची हल्दी के नियमित सेवन से रेडिएशन के संपर्क में आने से होने वाले ट्यूमर से भी बचाव होता है।
गठिया बिमारी में आराम देता है हल्दी का सेवन
Turmeric intake provides relief in arthritis
गठिया रोग में हल्दी के लड्डू विशेष लाभ देते हैं इसके लिए आग में भुनी हुई हल्दी की गांठों को घिसकर उसमें गुड़ मिलाकर लड्डू बना कर खाएं जाएं तो बेहतर लाभकारी माना जाता है।
कच्ची हल्दी में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं जिससे गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद प्राकृतिक सेल्स को नष्ट करने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करते हैं। कच्ची हल्दी के नियमित सेवन से आर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द और सूजन में बहुत लाभ होता है।
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हल्दी की सब्जी बनाने की विधि |
त्वचा को निखारने एवं स्वस्थ रखने में हल्दी कारगर Turmeric is effective in improving and keeping the skin healthy
हल्दी में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं। जिसका नियमित रुप से दही में मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा की रंगत में निखार आने के साथ ही चेहरे की झुर्रियों को मिटाती है। हल्दी को एंटी एजिंग उपाय के रुप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है हल्दी का सेवन Turmeric intake increases immunity
हल्दी किसी भी रूप में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करती है। और कच्ची हल्दी तो प्राकृतिक रूप से इम्युनिटी बूस्टर मानी जाती है। इसमें मौजूद लिपोपॉलीसेच्चाराइड नामक तत्व और एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं। कच्ची हल्दी के नियमति सेवन से शरीर की इम्युनिटी बढ़ने के साथ ही कई तरह के इंफेक्शन से भी सुरक्षा मिलती है।
डायबिटीज को नियंत्रित करने में हल्दी कारगर Turmeric is effective in controlling diabetes
हल्दी डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद तथा औषधि से कम नहीं है। शुगर की बीमारी में भी कच्ची हल्दी का सेवन बहुत लाभकारी माना जाता है। इसमें मौजूद लिपोपॉलीसेचाराइड(Lipopolysaccharide) नामक तत्व रक्त में ग्लूकोस के स्तर को कम करता है। कच्ची हल्दी के नियमित सेवन से शरीर में इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह डायबिटीज के दौरान दी जाने वाली दवाइयों का असर बढ़ाने में भी मदद करती है। लेकिन शुगर की हाई डोज दवाइयों के साथ कच्ची हल्दी का सेवन करने से डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। क्योंकि हल्दी की तासीर गर्म होने के कारण इसका सेवन संतुलित रूप से किया जाना चाहिए।
दिल heart के लिए हल्दी बहुत फायदेमंद Turmeric is very beneficial for heart
हल्दी पाउडर का मसाले के रूप में या कच्ची हल्दी के नियमित सेवन से शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में बहुत फायदा होता है। इसमें विटामिन B 6 भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है। कच्ची हल्दी के सेवन से रक्त धमनियों में मौजूद एंडोथीलिअम बेहतर रूप से काम करता है जिससे ब्लड प्रेशर और ब्लड क्लॉट जैसी तमाम दिल की बीमारियों की संभावना खत्म होती हैं।
डिप्रेशन (तनाव) में हल्दी बहुत फायदेमंद Turmeric is very beneficial in depression
हल्दी पाउडर हो या कच्ची हल्दी , यह केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। कच्ची हल्दी के नियमित सेवन से डिप्रेशन और अल्जाइमर जैसी मानसिक बीमारियों में बहुत लाभ होता है। यह बॉडी में सेरोटॉनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमिटर को बूस्ट करती है जिससे डिप्रेशन कम करने में मदद मिलती है।
पेट की समस्याओं में हल्दी असरदार Turmeric is effective in stomach problems
हल्दी गर्म दूध या पानी के साथ सीमित मात्रा या एक ग्राम प्रतिदिन सेवन करने से मेटाबॉल्जियम ठीक रहता है। इसके साथ ही पेट की चर्बी और मोटापे को घटाने में भी मदद मिलेगी। कच्ची हल्दी पेट की समस्याओं में भी रामबाण इलाज है। इसके नियमित सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और गैस, अपच और पेट फूलने जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
कच्ची हल्दी की सब्जी का स्वाद Turmeric vegetable
हल्दी पाउडर का सब्जी में मसालों के रूप में प्रयोग तो सब जानते हैं लेकिन इसकी सब्जी भी बनती है । सब्जी ! कोई साधारण नहीं वो भी बहुत स्वादिष्ट और जायकेदार।
जी हां सर्दियों में हल्दी की सब्जी का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। भारत में विशेष पश्चिमी राजस्थान में हल्दी की सब्जी अनोखे ढ़ंग से बनाई जाती है। और स्वाद का तो कहना ही क्या।
हल्दी की तासीर गर्म होती है तथा कच्ची हल्दी कड़वी भी होती है इसलिए इसकी सब्जी बनाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। आइए यह भी जान लेते हैं कि हल्दी की स्वादिष्ट और गुणकारी सब्जी कैसे बनाते हैं?
कच्ची हल्दी की सब्जी बनाने का तरीका(रेसीपी) Method of making turmeric vegetable(Recipe)
सबसे पहले कच्ची हल्दी की गांठो को मिक्सी या कट्टर टेबल की मदद से घिस कर या कद्दूकस कर के
बारीक कर दें। फिर उसे घी में भूनकर या तलकर रख देना चाहिए । हल्दी को घी में तब तक भूनना चाहिए जब तक हल्दी घी छोड़ने लग जाएं। कद्दूकस की गई कच्ची हल्दी घी में पूर्ण रूप से पक जाने पर घी छोड देगी। फिर दूसरी कड़ाही में तेल या घी में हरे प्याज,अदरक, हरी मिर्च,लहसुन, मिर्च मसाले आदि सब्जी की तरह पका कर उसमें घी में भूनी हुई हल्दी डालकर फिर उस प्याज मसाले के साथ पकाएं तथा चम्मच से हिलाते रहें ताकि हल्दी कड़ाही के चिपके नहीं। अब हल्दी में दही डालने के दो तरीके हैं । दही इसलिए डालते हैं कि हल्दी गर्म होने के कारण आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाए इसलिए दही डालते हैं , वैसे दही से हल्दी स्वादिष्ट भी बनती है। अब हम दही को पहले भी डालकर दही में पकाते रहेंगे तो दही हल्दी में खत्म हो जाएगा और हल्दी की सब्जी बन कर तैयार हो जाएगी। दूसरे तरीके में हल्दी को पूर्ण रूप से मिर्च मसाले और प्याज आदि के साथ पकाकर गैस या चुल्हे से नीचे रखकर पांच मिनट बाद दही डालकर खाएं तो भी बेहतर स्वादिष्ट बनेगी। वैसे रेसीपी की बात करें तो एक किलो हल्दी के लिए 500 ग्राम घी दो किलो दही जरूरी होता है। बाकी प्याज और हरी मिर्च आदि सब्जी के स्वादानुसार डालें। कद्दूकस की गई हल्दी को दुबारा मिर्च मसाले के साथ तेल या घी किसी में भी तल/भून सकते हैं। इस प्रकार स्वस्थ शरीर वाले व्यक्तियों को सर्दियों में दो तीन बार ही हल्दी की सब्जी खानी चाहिए । इस प्रकार यह लाभदायक रहेगी। ज्यादा खाने से शरीर में गर्मी बढ़ जाएगी जिससे गर्मियों में परेशानी का सबब बन जाता है। इस नवीन सब्जी के रूप में राजस्थान में हल्दी की सब्जी को खूब पसंद किया जाता है तथा बड़े चाव से खाया जाता है।
हल्दी के सेवन से नुक़सान Loss of turmeric intake
हालांकि हल्दी आमतौर पर नुकसानदायक नहीं होती हैं लेकिन इनका सेवन अनियमितता से या बहुत ज्यादा मात्रा में किया जाता है तो यह मामला समस्या का कारण बन सकता है। इसके अलावा कोई शारीरिक समस्या या रोग से पीड़ित रोगी को उसके रोग अनुसार कुछ खाद्य पदार्थ तथा कुछ चीजें समस्या का कारण बनती है। इसलिए चिकित्सक की सलाह और संतुलित आहार के हिसाब से खान-पान करना चाहिए। वैसे तो हल्दी का सेवन करना सेहत के लिए लाभदायक होता है। लेकिन लीवर और किडनी स्टोन की समस्या हो तब हल्दी सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। क्योंकि ज्यादा हल्दी सेवन करने से इस समस्या के बढ़ने का खतरा रहता है। लगातार या ज्यादा मात्रा में हल्दी का सेवन करने से शरीर में आयरन (लौह तत्व)की कमी होने लगती है। जिससे एनीमिया या खून की कमी समस्या हो सकती है।
बहुत अधिक मात्रा में हल्दी का सेवन करने से शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में असंतुलन उत्पन्न होने लगता है। जिससे शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ सकती है।
कीमोथेरेपी तथा हेवी डोज वाली दवाओं के साथ हल्दी का अधिक मात्रा में सेवन उचित नहीं माना जाता क्योंकि हल्दी बहुत गर्म होती है।
यह जानकारी केवल फल फ्रुट खान पान , कंद मूल ,तथा सब्जियों आदि की विशेषताओं के बारे में है । बाकी रोग और अन्य किसी बिमारियों में खान पान तथा अन्य बातों के लिए डाक्टर की सलाह ही सर्वोत्तम और सर्वोपरि होती है। हर व्यक्ति के शरीर की विशेषताएं जैसे कोई खाद्य पदार्थ छूट नहीं करें या किसी चीज को खाने से एलर्जी हो आदि अलग-अलग है इसलिए यह जानकारी सार्वभौमिक नहीं है । जहां तक अपने शारीरिक क्षमता और मौसम की विशेषता अनुसार किसी फल या मेवे का सेवन किया जाए तो बेहतर हैं। यह लेख केवल जानकारी मात्र है कोई सलाह नहीं है। किसी भी समस्या के लिए अपने डाक्टर की सलाह से खाद्य पदार्थ का सेवन करें।
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