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Benefits of eating pistachios |
Benefits of eating pistachios
प्रकृति बहुत खुबसूरत है यह अपनी गोद में ऐसे कई रसदार, औषधीय और खूबसूरत फल और मेवे पैदा करती है जो हमारे शरीर के लिए किसी औषधी से कम नहीं होता है। इस प्रकृति में हर फल और मेवा जो खाने योग्य है वह सेहत लिए बहुत लाभदायक हैं। सुखे मेवे जिसमें बादाम,काजु, किशमिश,मुरक्का,आदि जो हमें हष्ट पुष्ट और ऊर्जावान बनाते हैं। कुछ फल और मेवे शरीर के किसी विशेष अंग या ऊतक के फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं । इसलिए डाक्टर विभिन्न बिमारियों या कमजोरी में विशेष फल या जूस पीने की सलाह देते हैं। जैसे कुछ फल आंखों की रोशनी हेतु तो कुछ फल रक्त में हिमोग्लोबिन बढ़ाने तो कुछ फल-मेवे ऊर्जावान और हष्ट पुष्ट बनाने में मदद करते हैं , इस प्रकार प्रत्येक फल शरीर के लिए अलग-अलग अंगों के लिए फायदेमंद होते है। आइए जानते हम पिस्ता Pistachio के बारे में जिसका नमकीन स्वाद तो मुंह में पानी लाता ही है लेकिन यह पिस्ता औषधीय गुणों से भरपूर है।
पिस्ता कैसा मेवा है और इसका उत्पादन कहां होता है?
पिस्ता pistachios हरे रंग का सूखा मेवा dry fruit है। इसका प्रयोग मिष्ठान व्यंजनों का स्वाद व सुन्दरता बढ़ाने के लिए किया जाता है। विभिन्न फायदों के कारण यह ड्राई फ्रूट्स में एक खास स्थान रखता है। पिस्ता पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसका सेवन वजन को संतुलित करने से लेकर, रक्तचाप व इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित रखने तक किया जा सकता है।
इसका वैज्ञानिक नाम पिस्टेसिया वेरा (Pistacia vera) है। यह ईरान, अफगानिस्तान, सयुंक्त राज्य अमेरिका और सीरिया में बड़े स्तर पर पाया जाता है। दुनिया में सबसे ज्यादा पिस्ते की पैदावार ईरान में होती है।
पिस्ता गिरी की कतरन को खीर या किसी मिठाई में डाल कर या दूध के साथ खाया जा सकता है। या इसके दाने सुबह जल्दी खाने से भी फायदेमंद रहता है।
पिस्ता खाने के फायदे
Benefits of eating pistachios
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पिस्ता खाने के फायदे |
रक्त अल्पता या एनीमिया में पिस्ता बहुत उपयोगी
पिस्ते Pistachio में कॉपर होता है, जिससे यह भोजन में मौजूद आयरन के अवशोषण में मदद करता है। इससे खून की कमी दूर होती है और रक्त अल्पता या एनीमिया में फायदा होता है। इसमें विटामिन बी होता है, जो रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में मददगार है।
पिस्ता वजन नियंत्रित करने में उपयोगी
पिस्ता Pistachio में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है। फाइबर से हमें लंबे समय तक पेट भरा होने का एहसास होता है। इस वजह से हमें अधिक खाने का मन नहीं होता और जल्दी भूख नहीं लगती जिससे हमारा वजन नियंत्रित रहता है। पिस्ता वजन को नियंत्रित रखने में सहायक है।
पाचनतंत्र की मजबूती के लिए पिस्ता रामबाण
पिस्ता Pistachio में अच्छी मात्रा में फाइबर होने के कारण यह हमारी पाचन समस्याओं को ठीक करने में भी मददगार साबित होता है। एक औंस पिस्ता में लगभग 3 ग्राम तक फाइबर आहार होता है। इसका इस्तेमाल कर हम पाचन संबंधी परेशानी से बच सकते हैं।
कोमल और दमकती त्वचा के लिए पिस्ता वरदान
पिस्ता Pistachio का नियमित सेवन करने से त्वचा का रूखापन दूर होता है। विटामिन ई की भरपूर मात्रा होने के कारण पिस्ता का तेल भी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। यह एक प्रभावी प्राकृतिक स्रोत है। इसके तेल से त्वचा मुलायम और चमकदार बनती है।
डायबिटीज़ या मधुमेह में पिस्ता लाभदायक
मधुमेह के रोगियों के लिए भी पिस्ता फायदेमंद होता है। पिस्ता का सेवन मधुमेह रोगियों में ग्लाइसेमिक स्तर, रक्तचाप, सूजन और यहां तक कि मोटापे को रोकने के लिए काफी फायदेमंद है।
कैंसर में पिस्ता लाभदायक
पिस्ता Pistachio में मौजूद सेलेनियम कैंसर को रोकने में मदद करता है। क्योंकि कैंसर से शरीर में बहुत कमजोरी आ जाती है तथा पाचन शक्ति भी कमजोर हो जाती है पिस्ते के सेवन से शरीर में फाइबर की मात्रा से गैस कब्ज की समस्या भी नहीं होती है तथा शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिल जाती है। पिस्ता में फाइबर होने से गैस कब्ज की समस्या नहीं रहती । पिस्ता के नियमित सेवन से आंत मजबूत होती है जिससे पेट के कैंसर का खतरा भी कम होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में पिस्ता है लाजवाब
पिस्ता Pistachio में पाए जाने वाले विटामिन बी 6 और जिंक रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। पिस्ता में ल्यूटिन, जीएक्सैंथिन और जिंक होते हैं जो आंखों को स्वस्थ रखते हैं। ये हमें मानसिक रूप से भी मजबूती देते हैं।
पिस्ते के सेवन से बाल रहे काले मजबूत और मुलायम
पिस्ता में पाया जाने वाला विटामिन ई हानिकारक यू.वी. ultra wave किरणों से हमारी त्वचा की रक्षा करता है और समय से पहले बढ़ती उम्र के प्रभाव से बचाता है। पिस्ता में मौजूद कॉपर त्वचा की झाुर्रियों और बालों के गिरने से बचाव करता है।
पिस्ता खाने के नुक़सान
Disadvantages of eating pistachios
हालांकि कोई फल या मेवा आमतौर पर नुकसानदायक नहीं होता हैं लेकिन इनका सेवन अनियमितता से या बहुत ज्यादा मात्रा में किया जाता है तो यह मामला समस्या का कारण बन सकता है। इसके अलावा कोई शारीरिक समस्या या रोग से पीड़ित रोगी को उसके रोग अनुसार कुछ फल और खाने की चीजें समस्या का कारण बनती है। इसलिए चिकित्सक की सलाह और संतुलित आहार के हिसाब से खान-पान करना चाहिए। इसलिए पिस्ता भी पर
प्रकृति से उत्पन्न एक बहुत सेहतमंद मेवा है यह हमेशा हमारे शरीर के लिए बहुत लाभकारी होता है लेकिन कुछ कारणों की वजह से या अधिक मात्रा में सेवन करने से निम्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
जिस व्यक्ति को मूंगफली से एलर्जी हैं, तो उसे पिस्ता नहीं खाना चाहिए। इससे खाँसी, छींक, चकत्ते और चेहरे की सूजन जैसे लक्षण पैदा कर सकते हैं। पिस्ता अधिक मात्रा में खाने पर तेजी से एनाफिलेक्सिस नामक एक गंभीर एलर्जी भी पैदा कर सकते हैं।
पिस्ता में मौजूद फाइबर हमारे पेट के लिए अच्छा और हमारी पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद तो करता है, लेकिन बहुत अधिक मात्रा में फाइबर का उपयोग हमारे पेट के लिए अच्छा नहीं होता है क्योंकि इससे दस्त, पेट में दर्द, ऐंठन, चिड़चिड़ा या आंत्र सिंड्रोम आदि का कारण बन सकता है। हालांकि यह बहुत कम मामलों में होता है जब हम इसका अति सेवन करें तब ऐसा होता है या हमारा शरीर इस मेवे को छूट नहीं करता हो ।
यह जानकारी केवल खान पान और फल-मेवे की विशेषताओं के बारे में है । बाकी रोग और अन्य किसी बिमारियों में खान पान तथा अन्य बातों के लिए डाक्टर की सलाह ही सर्वोत्तम और सर्वोपरि होती है। हर व्यक्ति के शरीर की विशेषताएं जैसे कोई खाद्य पदार्थ छूट नहीं करें या किसी चीज को खाने से एलर्जी हो आदि अलग-अलग है इसलिए यह जानकारी सार्वभौमिक नहीं है । जहां तक अपने शारीरिक क्षमता और मौसम की विशेषता अनुसार किसी फल या मेवे का सेवन किया जाए तो बेहतर हैं। यह लेख केवल जानकारी मात्र है कोई सलाह नहीं है।
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