वैसे तो हर एक फल सेहत लिए बहुत लाभदायक माने जाते हैं। कुछ फल और मेवे शरीर के किसी विशेष अंग या ऊतक के फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं । इसलिए डाक्टर विभिन्न बिमारियों और कमजोरी में विशेष फल या जूस पीने की सलाह देते हैं। जैसे कुछ फल आंखों की रोशनी हेतु तो कुछ फल रक्त में हिमोग्लोबिन बढ़ाने तो कुछ फल मेवे ऊर्जावान हो हष्ट पुष्ट बनाने में मदद करते हैं इस प्रकार हर एक फल शरीर के लिए अलग-अलग अंगों के लिए फायदेमंद होते है। आइए जानते हम केले banana के बारे में जिसे फलों की श्रेणी में न रखकर बुटी कहा जाता है।
केला खाने वालों का ऊर्जा स्तर साधारण व्यक्ति से ज्यादा होता है। एनर्जी लेवल बढ़ाने के साथ ही केले में विटामिन, आयरन और फाइबर पाया जाता है। एनर्जी से भरपूर होने के कारण एथलीट प्रतिदिन केले का सेवन अवश्य करते हैं। वहीं कुछ लोगों में गलतफहमी होती है कि केले के सेवन से इंसान मोटा हो जाता है। केले के सेवन के साथ वर्कआउट करना जरूरी होता है। यदि आप वर्कआउट कम और केले का सेवन तय मात्रा से ज्यादा करते हैं तो आपके शरीर पर चर्बी बढ़ सकती है।
कई रिसर्च से साफ हुआ है कि केले का सेवन डिप्रेशन के रोगियों को आराम देता है। केले में ऐसा प्रोटीन पाया जाता है जो आपको आरामदायक और शान्त महसूस कराता है। यही कारण है कि डिप्रेशन का मरीज जब भी केले का सेवन करता है तो उसे राहत मिलती है। इसके अलावा केले में पाया जाने वाला विटामिन बी 6 शरीर में ब्लड ग्लूकोज के लेवल को ठीक रखता है।
केला पेट में होने वाली कब्ज की परेशानी से राहत देता है। इस्बगोल की भुस्सी या दूध के साथ केले का सेवन प्रतिदिन रात में सोते समय करें तो पेट में होने वाली कब्ज और गैस की समस्या से राहत मिलेगी।
केले में आयरन पाया जाता है जिससे एनीमिया यानी शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करता हैं
केला खाने के नुकसान
हालांकि फल फ्रूट कभी नुकसानदायक नहीं होते लेकिन अति हर चीज की बुरी होती है। इसलिए केले का सेवन भी नियमित और संतुलित रुप से करना चाहिए।
वजन ज्यादा होने पर केला कम खाना चाहिए क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है और ये वजन बढ़ाता है। अधिक केला खाने से मसल्स कमजोर होती हैं क्योंकि इसमें प्रोटीन कम होता है। केले में फ्रक्टोज होता है इसलिए ज्यादा केला खाने से पेट में गैस बन सकती है।
यह जानकारी केवल यह केवल खान पान और फलों की विशेषताओं के बारे में है । बाकी रोग और किसी बिमारियों में खान पान तथा अन्य बातों के लिए डाक्टर की सलाह ही सर्वोत्तम और सर्वोपरि होती है।
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