पीएम मोदी का राष्ट्र को संबोधन कोरोना बचाव को लेकर की बात
कोरोना काल में मची उथल-पुथल तथा लाकडाउन के बाद प्रधानमंत्री मोदी के सम्बोधन का भारतीय जनता को बेसब्री से इंतजार था। संबोधन की घोषणा होते ही सभी लोग मोदी को सुनने के लिए उत्सुक नजर आ रहे थे। लोगों को उम्मीद तथा उत्सुकता थी कि मोदीजी आज बड़े मुद्दे पर बात करने वाले है तथा बड़ी घोषणाएं करने वाले है लेकिन मोदी जी का मुख्य मुद्दा कोरोनावायरस में भारत की नीति तथा चाक चौबंद और न लाकडाउन-अनलोक की प्रक्रिया के बारे में ही बताया । कोरोना काल में भारतीय लोगों के संघर्ष तथा अनुशासन की सराहना करते हुए भारत की उपलब्धियों को गिनाया। तथा जनता को जागरूक करते हुए कहा कि करोना अभी खत्म नहीं हुआ है हमें और भी मजबूती से लड़ना है। लाॅकडाउन तथा जनता कर्फ्यू में दिए रोचक सम्बोधन की भांति इस बार कुछ अलग सन्देश की उम्मीद में भारतीय लोगों को फिलहाल कोरोनावायरस की सावधानियां ही बताई। मोदी जी ने सम्पूर्ण अनलाॅक के बाद भारतियों लोगों की चहल-पहल तथा काम पर लोटने पर प्रशंसा की। मोदी जी ने कोरोना काल में कोराना फाइटर्स को धन्यवाद दिया । माननीय पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सेवा परमो धर्म: के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉक्टर्स, नर्स, हेल्थ वर्कर्स इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। इन सभी प्रयासों के बीच, ये समय लापरवाह होने का नहीं है। ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया, या फिर अब कोरोना से कोई डर नहीं है। हाल के दिनों में हम सबने बहुत सी तस्वीरें, वीडियो देखे हैं जिनमें साफ दिखता है कि कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है। ये उचित नहीं है।
संबोधन भारतीय लोगों को किया सचेत
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन देते हुए भारतीय जनता को जागरूक किया तथा कोरोना वायरस के प्रति विशेष ध्यानाकर्षण किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन पर सिर्फ कोरोना संक्रमण पर बात रखी। मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर मौजूदा समय तक सभी भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है। अब आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी नजर आ रही है। लोग फिर से घरों से बाहर निकल रहे हैं। बाजारों में रौनक धीरे-धीरे लौट रही है। मोदी ने कहा कि लोगों को याद रखना है कि लॉकडाउन चला गया मगर वायरस अभी गया नहीं है। भारतीयों के प्रयास से देश आज संभली हुई स्थिति में है। इसे अब बिगड़ने नहीं देना है और इसे और भी सुधारना है।
कोविड आंकड़ों के मुताबिक भारत को अन्य देशों से बताया श्रेष्ठ
मोदी ने कोरोना covid 19 बिमारी पर कहा कि देश में रिकवरी रेट अच्छा है। भारत में प्रति दस लाख की आबादी में करीब 5500 लोगों को कोरोना हुआ है वहीं अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों में यह आकंड़ा 25 हजार के करीब है। भारत में प्रति 10 लाख लोगों में मृत्यु दर 83 है जबकि अमेरिका ब्राजील स्पेन और ब्रिटेन जैसे अनेक देशों में यह आंकड़ा 600 के पार है। मोदी ने कहा कि दुनिया के साधन संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। आज हमारे देशो में कोरोना मरीजों के लिए 90 लाख से ज्यादा बेड की सुविधा है। 12,000 से ज्यादा क्वारंटाइन सेंटर हैं, 2,000 से अधिक लैब काम कर रही हैं। जिसमें टेस्ट की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी।
दवा बनते ही हर भारतीय तक पहुंचेगी
मोदी जी ने कोरोनावायरस की जल्द दवा बनने की उम्मीद जताई है और कहा है कि दुनिया के कई सुविधा संपन्न देशों की तुलना में भारत ज्यादा-से ज्यादा लोगों को बचाने में सफल रहा है। अभी भी देश में 90 लाख से अधिक बेड की सुविधा उपलब्ध है। वैक्सीन पर देश विदेश में बहुत काम हो रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि वैक्सीन जब भी आएगी, प्रत्येक भारतीय तक पुहंचगी। इसकी तैयारी जारी है। लेकिन उससे पहले सावधानी जरूरी है।
चीन मुद्दा,रोजगार और अर्थव्यवस्था पर नहीं बोले पीएम
हालांकि इस संबोधन में लोगों को आर्थिक घोषणाओं की उम्मीद थी सभी लोग टकटकी लगाए मोदी का इंतजार कर रहे थे कि मोदी जी रोजगार तथा भर्तियों के बारे में बड़ी घोषणाएं करेंगे तथा देश में बिगड़ते आर्थिक हालातों पर कोई नई योजना का शुभारंभ करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ कोरोना काल में लाॅक डाउन के बाद रोजगार और नौकरियों के लिए युवा दर दर भटकते नजर आ रहे हैं ऐसे में यह संबोधन लोगों को उम्मीद भरा लग रहा था लेकिन मोदी जी ने इस पर बात न करते हुए केवल कोरोनावायरस में भारत के संघर्ष की ही बात की। पीएम मोदी ने भारत के पड़ोसी देश चीन के साथ तनाव के संबंध में भी कुछ नहीं बोला हालांकि मोदी जी आज के संबोधन में शिक्षा, रोजगार , अर्थव्यवस्था आदि के खस्ता हालत को मध्यनजर रखतें हुए सौगात लेकर आना था। मंहगाई तथा किसानों के लिए भी कोई लाभकारी योजना लेकर आना था। क्योंकि कोरोना काल के बाद सबकुछ ठप होने से लोगों में अफरातफरी मची हुई है जिससे किसी को उद्योग , नौकरी, मजदूरी आदि की महती आवश्यकता है ऐसे में लोगों को आने वाले समय में सरकारी लाभ हेतु योजना की उम्मीद थी जो कि मोदी जी ने अपने 12 मिनट के संबोधन में कहीं नजर नहीं आई सिर्फ कोरोना महामारी पर बात की। लेकिन सबसे बड़ी बात यह कि मोदी जी केवल कोरोनावायरस से सावधानी की बात कहीं जो इस दौर में सबसे महत्वपूर्ण है।
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