राजीव गांधी :भारत के बतौर युवा प्रधानमंत्री एवं उनका व्यक्तित्व जयंती 20 अगस्त पुण्यतिथि 21 मई Jagriti PathJagriti Path

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Thursday, May 21, 2020

राजीव गांधी :भारत के बतौर युवा प्रधानमंत्री एवं उनका व्यक्तित्व जयंती 20 अगस्त पुण्यतिथि 21 मई


Rajeev gandhi
Rajeev gandhi


 भारत के छठे प्रधानमंत्री राजीव गाँधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को मुम्बई में हुआ था। राजीव गाँधी ने लंदन के ट्रिनटी कॉलेज में अध्ययन किया। शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात् दिल्ली फ्लाइंग क्लब के सदस्य बन गये। 1970 में एयर इंडिया में पायलट के पद पर नियुक्त हुए। इस समय तक राजीव गाँधी राजनीति से दूर रहे।राजीव गांधी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली की एक स्कूल शिव निकेतन में हुई थी। सन् 1954 ई. में आगे की पढ़ाई के लिए राजीव गांधी ने देहरादून के वेल्लम विद्यालय में दाखिला लिया था।
वहां से आईएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सीनियर कैंब्रिज में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड चले गए। पढ़ाई खत्म होने के बाद राजीव गांधी ने विमान संचालन का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया था। 2 अक्टूबर, 1980 को राजीव गाँधी ने राजनीति में प्रवेश किया। 31 अक्टूबर, 1984 को श्रीमती इंदिरा गाँधी के निधम के बाद राजीव गाँधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण करने के समय हमारा देश अनेक समस्याओं से पीड़ित चल रहा था। 
सौम्य व्यक्तित्व वाले राजीव गांधी को 31 अक्टूबर 1984 को उनकी मां और देश की तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्‍या के बाद प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। 20 अगस्त 1944 को जन्में राजीव गांधी देश के सबसे कम उम्र के पीएम थे। इसके बाद हुए चुनाव में कांग्रेस को रिकॉर्ड बहुमत भी मिला था। अपने कार्यकाल में उन्‍होंने नौकरशाही में सुधार लाने और देश की अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए जोरदार कदम उठाए। राजीव गांधी को देश में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार क्रांति का जनक भी कहा जाता है। राजीव गांधी कभी कोई निर्णय जल्दबाजी में नहीं लेते थे।
इनमें राजीव गाँधी ने अपनी सूझबूझ से पंजाब व हरियाणा की समस्या को सुलझाया। संत लोंगोवाल के साथ मिलकर समस्या का समाधान किया। इसके बाद असम गण परिषद के साथ समझौता कर असम में विदेशी नागरिकों की समस्या का समाधान किया। इसके बाद 'शाहवानो' प्रकरण, सरकारी कार्यालयों में पाँच दिवस का सप्ताह करने जैसे साहसिक कदम राजीव जी द्वारा उठाये गये। 21 मई, 1991 को राजीव जी लोकसभा चुनाव प्रचार के लिये तमिलनाडु के पेरेम्बुदूर नामक शहर में गये थे। इस समय राजीव गाँधी की बम विस्फोट में हत्या कर दी गई। भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री मात्र 47 वर्ष की आयु में हमसे दूर हो गये।
राजीव जी ने दूरसंचार, कम्प्यूटर टेक्नोलोजी, मिसाइल कार्यक्रम, युवाओं को मताधिकार, श्रीलंका में शांति समझौता करने जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरू किये थे। देश राजीव जी के व्यक्तित्व एवं कार्यशैली के लिए सदैव याद रखेगा। देश को 21 वीं सदी के विज्ञान एवं तकनीकी के लिए तैयार करना जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्यक्रम इन्हीं के शासन की देन थे। राजीव गाँधी के कार्यकाल को देश का प्रत्येक नागरिक स्वर्णिम कार्यकाल के रूप में याद रखेगा। राजीव जी के बलिदान के बाद उनकी पत्नी श्रीमती सोनिया गाँधी ने देश ही नहीं अपितु विश्व की अग्रणी एवं कुशल नेतृत्व देने वाली महिला के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की है।



राजीव गांधी के जन्मदिन को अक्षय ऊर्जा दिवस के रूप में

स्वर्गीय राजीव गाँधी के जन्म दिवस को अक्षय ऊर्जा दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज विश्व में जो देश ऊर्जा की
सर्वाधिक खपत करता है उसे विकसित देश माना जाता है। ऊर्जा पर निर्भरता बहुत बढ़ गयी है, ऊर्जा की खपत बढ़ने से जहाँ वायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो गई है, वहीं ऊर्जा के वर्तमान स्त्रोत अत्यधिक खपत के कारण समाप्त हो सकते हैं। अतः हमें ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्त्रोतों की ओर बढ़ना पड़ेगा। ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्त्रोतों में सौर ऊर्जा प्रमुख हैं। हमारे देश में वर्ष के अधिकांश माहों में सौर ऊर्जा प्राप्त होती है। सूर्य की ऊर्जा संलयन अभिक्रिया द्वारा प्राप्त होती है। हमारा देश प्रतिवर्ष  करोड़ों किलोवाट घंटा सौर ऊर्जा प्राप्त करता है। सौर ऊर्जा का उपयोग सौर कुकर, सौर सेल, ट्रेफिक सिगनल, घरेलू विद्युत व्यवस्था, कृत्रिम उपग्रह आदि में करते हैं। मानव निर्मित कृत्रिम उपग्रहों में प्रयुक्त मार्स आर्विटरों में सोलर सेल का उपयोग करते हैं। इसके अलावा समुद्र से प्राप्त ऊर्जा (ज्वारीय ऊर्जा) तरंग ऊर्जा, महासागरीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा का भी उपयोग वैकल्पिक स्त्रोतों के रूप में किया जा रहा है। परमाणु ईंधन से नाभिकीय विखण्डन की क्रिया द्वारा प्राप्त ऊर्जा का उपयोग परमाणु भट्टी एवं परमाणु बिजलीघर के रूप में किया जाता है।
हमें पशु शक्ति, कूड़ा-करकट से प्राप्त ऊर्जा, गोबर गैस, घरेलू अपशिष्ट, बायो डीजल (रतन जोत से प्राप्त ऊर्जा), चन्द्र शक्ति द्वारा ज्वारभाटा एवं लहरों की शक्ति से भी प्राप्त ऊर्जा का सकारात्मक प्रयोग करना होगा।
स्वर्गीय राजीव गाँधी के जन्म दिवस को अक्षय ऊर्जा दिवस के रूप में मनाने के पीछे यही भावना है कि ऊर्जा के पारम्परिक स्त्रोत धीरे-धीरे समाप्त हो सकते हैं, ऐसी स्थिति में हमें कर्जा के गैर पारम्परिक स्त्रोतों पर निर्भरता बढ़ानी पड़ेगी, साथ ही वैतानिकों को शोध के माध्यम से ऐसे उपकरण विकसित करने होंगे जिससे पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, समुद्री ऊर्जा, भूतापन ऊर्जा एवं बायो डीजल आदि से पूर्ण दक्षता के साथ ऊर्जा का उपयोग हो सके।
Rajeev gandhi and soniya gandhi
Rajeev gandhi and soniya gandhi




एल्बिना माइनो से मुलाकात, प्रेम और विवाह बंधन 


1965 में राजीव गांधी की मुलाकात एल्बिना माइनो से हुई थी। एल्बिना कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई कर रही थीं। उनके घर की आर्थिक हालत बेहद कमजोर होने की वहज से वो एक रेस्तरां में पार्ट टाईम काम करती थीं, वहीं उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई। ये मुलाकात जल्‍द ही प्यार में बदल गई और यह प्‍यार शादी के गठबंधन में बदल गया। शादी के बाद एल्बिना को नया नाम मिला सोनिया। आज इसी नाम से उन्‍हें देश जानता है। वह आज देश की ताकतवर महिला राजनीतिज्ञ और कांग्रेस की अध्यक्षा भी हैं।

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