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Thursday, April 16, 2020

कोरोना मुक्त भारत के लिए अब सुनियोजित लाॅक डाउन जरूरी

Lock down
कोरोना मुक्त भारत के लिए अब सुनियोजित  लाॅक डाउन जरूरी



देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है।कोरोना के एक्टिव पॉजिटिव मामलों की संख्या दस हजार के ऊपर पहुंच गई है तथा अब तक भारत में कोरोना की वजह से चार सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
हालांकि कोरोना से संक्रमित एक हजार से अधिक लोगों को इलाज के बाद घर भेज दिया गया है। लेकिन लगातार बढ़ते मामले चिंता का विषय है। 24 मार्च से संपूर्ण भारत लाॅक डाउन के बावजूद भी संक्रमण के मामलों में गिरावट नहीं आई है। अब कोरोना के ऐसे मामले सामने आ रहें हैं जिनके स्रोत का भी पता नहीं चल रहा है। इसलिए जरूरी है कि अब पहले से अधिक सतर्क होने की आवश्यकता है क्योंकि 24 मार्च को जारी किया गया लाॅक डाउन आकस्मिक था जिससे काफी  लोग जिसमें अधिकतर मजदूर थे जो दूसरे राज्यों में फंस गए थे जो घरों की ओर पलायन के कारण लाॅक डाउन को कमजोर किया। भारत के बाहर विदेशों में रह रहे भारतीयों की वतन वापसी भी एक प्रकार से चुनौती थी। अब तक इस लाॅक डाउन में सबसे बड़ी समस्या लोगों का अपने-अपने घरों तक पहुंचना तथा गरीब, मजदूर लोगों को अपने ठहराव स्थान पर भोजन और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना था। जो केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों मिलकर बहुत अच्छी तरह समन्वय स्थापित किया। लेकिन अब लगातार बढते मामलों की भयावह स्थिति से निपटने के लिए एक ओर लाॅक डाउन की जरूरत थी जिसमें सरकार ने इसी लाॅक डाउन को 3 मई तक बढा दिया है जो कि असरदार हो सकता है लेकिन इस बार शिथिलता और अव्यवस्था से बचना बहुत जरूरी है इसलिए सुनियोजित तरीके से पूर्व तैयारी  करनी होगी जिससे किसी भी तरीके से लोगों में अव्यवस्था के कारण सोसल डिस्टेन्स भंग हो।
सभी भारतीयों के लिए यह कठिन समय हो सकता है लेकिन हौसला रखना जरूरी है। कोरोना को हराना है तो छोटी-मोटी परेशानियों का सामना करके समस्त भारतीय लोगों को एकजुटता दिखाने होगी। इस स्थति में अगर कोरोना को रोकना है तो केवल लाॅक डाउन ही पर्याप्त नहीं बल्कि संक्रमित लोगों की पहचान कर उनको जल्द अलग करना होगा इसके लिए प्रतिदिन की कोरानां संक्रमण जांच प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है। अगर माननीय प्रधानमंत्री एक ओर लाॅक डाउन की घोषणा करते हैं तो पहले से कहीं ज्यादा तैयारी के साथ आगे बढना होगा। हमारे अस्पतालों में दिन रात संघर्ष कर रहे चिकित्सा कर्मियों को सुरक्षा प्रसाधनों की बेहतरीन व्यवस्था भी करनी होगी। लोगों में कोरोना बचाव के लिए जागरुक करना भी बेहद जरूरी है क्योंकि लोगों अनुशासन और एकान्त में रहना बहुत जरूरी है। साथ ही बड़े स्तर पर सेनेटाइजर और मास्क उपलब्ध करवाने होंगे। लांक डाउन कमजोर होने के दो महत्वपूर्ण कारण है लोगों की मूलभूत आवश्यकताएं और लापरवाही। जहां तक हो लोगों द्वारा की जा रही लापरवाही पर पुलिस और प्रशासन की अच्छी खासी पकड़ है। लेकिन दूसरी सबसे बड़ी समस्या अन्य बिमारियों से ग्रसित उन लोगों की हैं जिन्हें उपचार हेतु सरकारी अस्पताल में भर्ती होना है या गंभीर बिमारियों से जूझ रहे उन लोगों की जिन्हें नियमित रूप से विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श लेना होता है। अधिकांश अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो ऐसे जहां तो सेना के चिकित्सकों की मदद लेकर अस्पतालों में प्रर्याप्त रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को उपलब्ध करवाया जा सकता है। स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होगी तो कोरोना के गुप्त मामलों को भी आसानी से निपटा जा सकता है। स्थानीय प्रशासन भी लोगों की मूलभूत जरूरतों जैसे अस्पताल तक आवागमन ,निदान-उपचार आदि नियंत्रित रूप से जारी रख कर ऐसे लोगों भी बचाया जा सकता है जो गंभीर बिमारियों जैसे डायलिसिस, साधारण सर्जरी मलेरिया आदि से जूझ रहे हैं। जहां तक लोगों को उनकी मूलभूत सुविधाएं कुछ सीमा तक मिलती रहेगी तो  प्रभावी लाॅक डाउन के रूप में सफलता मिलने की उम्मीद की जा सकती है। दूसरी महत्वपूर्ण आवश्यकता गरीब, मजदूर और किसानों को भोजन उपलब्ध करवाने की  है तो ऐसे में स्थानीय प्रशासन , जनप्रतिनिधि , समाज के सक्षम वर्ग की कोशिश काबिले तारीफ है और आगे भी सरकार को इन लोगों का सहयोग लेकर खाने पीने की आवश्यक सामग्री का वितरण किया जाना चाहिए जिससे भूख से व्याकुल कोई व्यक्ति लांक डाउन में बाहर न निकले। सरकार और प्रशासन का नियोजित सिस्टम जितना बेहतर होगा उतना ही एक नया लांक डाउन सफल होगा। जिससे सम्भवतः  मई माह के अंतिम सप्ताह तक भारत में कोरोना के मामलों को काभी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी है लोगों अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता का बेहद ख्याल रखें । उतरी कोरिया के लोगों ने व्यक्तित्व स्वच्छता का बेहतरीन तरीका अपनाया जिससे वहां कोरोना संक्रमण बिल्कुल नियन्त्रण में है। योजनाबद्ध तरीका अपनाकर भारत को कोरोना मुक्त करना बहुत जरूरी है क्योंकि बड़ी आबादी में अनियंत्रित स्थिति दर्दनाक मंजर पैदा कर सकती है। अभी तक स्थिति नियंत्रण योग्य है। समय रहते शिकंजा कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाए तो बहुत सुखदाई होगा।

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