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Thursday, April 30, 2020

पृथ्वी के करीब से गुजरा Asteroid OR2 अगली बार 2079 में फिर आएगा करीब

Asteroid OR2
Asteroid OR2 Fantasy picture by jagritipath



पृथ्‍वी के क करीब से उल्‍कापिंड Asteroid OR2  गुजर गया। बुधवार को भारतीय समयानुसार 3 बजकर 26 मिनट पर यह उल्‍कापिंड गुजरा और इससे पृथ्‍वी के किसी हिस्‍से को कोई नुकसान नहीं हुआ। दक्षिण अफ्रीका की ऑब्‍जर्वेटरी की ओर से इस खगोलीय घटना की पुष्‍टि भी की गई है।
पृथ्वी के ऊपर से एक बहुत बड़ा खतरा टल गया है। पिछले काफी समय से खबर थी 29 अप्रैल का दिन धरती के लिए खतरनाक साबित हो सकता है लेकिन अब आखिरकार वो खतरा टल चुका है और धरती बच गई है।दरअसल नासा के मुताबिक एक क्षुद्रग्रह बहुत तेजी से 29 अप्रैल को धरती के पास से गुजरने वाला था। वैज्ञानिक इस क्षुद्रग्रह को पृथ्वी से दूर रखने की पूरा ताकत झोंक चुके थे। उन्हें डर था कि अगर उल्कापिंड थोड़ा सा भी अपना स्थान परिवर्तित कर लेता है तो पृथ्वी पर तबाही मच सकती है।
हालांकि अब ये खतरा टल चुका है। लेकिन अन्तरिक्ष में ऐसे कई शुद्र ग्रह और छोटी बड़ी उल्काएं है जो चक्कर लगाते रहते हैं। 

क्या है यह  Asteroid? फिर कब आयेगा पृथ्वी के करीब-


एक बड़ा निकट-पृथ्वी क्षुद्रग्रह सुरक्षित रूप से बुधवार की सुबह हमारे ग्रह  के करीब से गुजर गया। जिससे खगोलविदों को 1.5-मील-चौड़ा (2-किलोमीटर चौड़ा) वस्तु का महान विस्तार से अध्ययन करने का असाधारण अवसर मिला।
1998 OR2 नामक क्षुद्रग्रह, सुबह 5:55 बजे EDT (2:55 a.m. PDT) पर अपना निकटतम दृष्टिकोण बनाया। हालांकि यह खगोलविदों द्वारा एक "करीबी दृष्टिकोण" के रूप में जाना जाता है।क्षुद्रग्रह को लगभग 3.9 मिलियन मील (6.3 मिलियन किलोमीटर) करीब चंद्रमा से 16 गुना अधिक दूर से गुजरा।

जुलाई 1998 में नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में नियर-अर्थ एस्टेरॉइड ट्रैकिंग प्रोग्राम द्वारा क्षुद्रग्रह 1998 OR2 की खोज की गई थी, और पिछले दो दशकों से खगोलविदों ने इसे ट्रैक किया है। जिसमें इसके कक्षीय प्रक्षेपवक्र को बहुत सटीक रूप से समझा, कि यह क्षुद्रग्रह कम से कम अगले 200 वर्षों तक प्रभाव की संभावना नहीं रखता है।  पृथ्वी पर इसका अगला निकट दृष्टिकोण 2079 में होगा, जब यह करीब चंद्रमा दूरी का लगभग चार गुना दूर गुजर जाएगा ।
 इसके बावजूद, 1998 OR2 को अभी भी एक बड़े "संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह" के रूप में वर्गीकृत किया गया है, क्योंकि सहस्राब्दियों के दौरान, क्षुद्रग्रह की कक्षा में बहुत मामूली बदलावों के कारण यह अब पृथ्वी की तुलना में अधिक खतरा पेश कर सकता है।  यह एक कारण है कि इस क्षुद्रग्रह को अपने निकट दृष्टिकोण के दौरान ट्रैक करना -दूरबीनों और विशेष रूप से जमीन-आधारित रडार का उपयोग करना - महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन जैसे अवलोकन इस क्षुद्रग्रह द्वारा प्रस्तुत खतरों का एक बेहतर दीर्घकालिक मूल्यांकन करने में सक्षम होंगे।
1998 के ओआर 2 जैसे बड़े क्षुद्रग्रहों द्वारा करीबी दृष्टिकोण काफी दुर्लभ हैं।  एक बड़े क्षुद्रग्रह द्वारा पिछला करीबी दृष्टिकोण क्षुद्रग्रह फ्लोरेंस द्वारा सितंबर 2017 में बनाया गया था। उस 3 मील-चौड़ी (5-किलोमीटर-चौड़ी) वस्तु ने पृथ्वी को 18 चंद्र दूरी पर ज़ूम किया था।  औसतन, हम उम्मीद करते हैं कि इस आकार के क्षुद्रग्रह हमारे ग्रह द्वारा हर पांच साल में एक बार उड़ान भरते हैं।


 चूंकि वे बड़े हैं, इस आकार के क्षुद्रग्रह छोटे क्षुद्रग्रहों की तुलना में बहुत अधिक प्रकाश को दर्शाते हैं और इसलिए दूरबीनों से पता लगाना आसान होता है।  1998 OR2 या उससे बड़े आकार के लगभग सभी पृथ्वी के क्षुद्रग्रहों (लगभग 98%) को पहले ही खोजा, ट्रैक और सूचीबद्ध किया जा चुका है।  यह बहुत संभावना नहीं है कि इन बड़े क्षुद्रग्रहों में से किसी एक पर अगली सदी में प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन उन सभी क्षुद्रग्रहों की खोज करने का प्रयास किया जा सकता है जो पृथ्वी पर प्रभाव को जारी रख सकते हैं।
 1344 दिन में पूरी करता है यह शुद्रग्रह सूर्य की परिक्रमा 
यह लघुग्रह 1344 दिनों में सूर्य की एक बार परिक्रमा पूरी करता है। हालांकि यह सच है कि यह बेहद खतरनाक है। यदि यह वास्‍तव में पृथ्‍वी से टकरा जाता है तो बड़ी तबाही ला सकता है। गनीमत है कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है।

 क्या होते हैं शुद्र ग्रह?


क्षुद्रग्रह छोटे आकार के ग्रह हैं जो हमारे सौर मंडल के आतंरिक हिस्सों में पाए जाते हैं। ये सूर्य के चक्कर लगाते रहते हैं। इनका आकार सामान्य ग्रहों के मुकाबले बहुत छोटा होता है और ये ग्रहों के परिभाषा को ठीक तरह से उचित साबित नहीं करते, जिस कारण इन्हें क्षुदग्रह नाम दिया गया। कई मिलियन क्षुदग्रह सौर मंडल में विराजमान हैं। इनका आकार कई मीलों तक या फिर कुछ फिट तक का होता है। 
वैसे तो उल्काएं पृथ्वी से टकराती रहती है लेकिन कई बार इन उल्काओं से धरती पर नुकसान भी। होता है। अधिकतर अन्तरिक्ष से आने वाले शुद्रग्रह और उल्का पिंड वायुमंडल के घर्षण से जलकर नष्ट हो जाते हैं लेकिन बड़े शुद्र ग्रह पृथ्वी के नजदीक से गुजरते हैं तो पृथ्वी से टकराने का डर रहता है क्योंकि इनका आकार बड़ा होता है जिससे वायुमंडल पार करके पृथ्वी पर तबाही मचा सकते हैं।
Asteroid OR2 इसी प्रकार ही शुद्र ग्रह था जो धरती के निकट से हाल ही में गुजर गया।
इन शुद्र ग्रहों का इतिहास इतना ही पुराना है जितना ब्रह्मांड के निर्माण का है। सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह जिसे सिरस नाम दिया गया है, उसका आकार 940 किलोमीटर लम्बा है। दूसरी तरफ अब तक का जो सबसे छोटा क्षुदग्रह है वह सिर्फ 6 फुट लम्बा है, यह अक्टूबर 2015 में धरती के पास से गुजरा था। 



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