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Sunday, February 23, 2020

विश्व स्काउट दिवस 22 फरवरी बेडन पावल और स्काउट इतिहास

Scout day
स्काउट


स्काउटिंग से हम क्या समझते हैं?

स्काउटिंग एक अंतर्राष्ट्रीय समाजसेवी संस्था है। जो देश के युवक-युवतियों को सुनागरिकता का प्रशिक्षण, प्रदान करती है। इससे बालक-बालिकाओं में अनुशासन, समाजसेवा, कर्त्तव्य परायणता, प्रकृति प्रेम व आपसी सामंजस्य की भावना पैदा होती है। स्काउटिंग जावन । जोने की कला सिखाती है। निरंतर प्रगतिशीलता के कारण, इसे आंदोलन (मूवमेंट)कहते हैं।
हमारे जीवन स्काउटिंग क्यों जरूरी है।
 1. देश के बालक-बालिकाओं को सुनागरिक तथा देशभक्त के रूप में तैयार करने के लिए। 2. बालक/बालिकाओं का सर्वांगीण विकास करने के लिए। 3. उन्हें पीड़ितों व जरूरतमंदों के प्रति संवेदना व समाज सेवा का भाव सिखाने के लिए। 4. उनके चरित्र व संस्कारों में सुदृढ़ता लाने के लिए। 5. अपना काम स्वयं करने की आदत डालने के लिए। 6. खुली हवा व प्रकृति केमहत्व कोसमझाने के लिए। 7. आलस्य, उदासी व निष्क्रियता को दूर कर, सदा मुस्कुराते रहने के प्रशिक्षण के लिए।
8. व्यापक दृष्टिकोण पैदा करने के लिए। 9. शिविर व हाइक द्वारा साहसी जीवन बनाने के लिए। 10. मिलकरकाम करनेव आपसी समायोजन सिखानेकेलिए। 11. सब धर्मों के प्रति समभाव को जगाने के लिए। 12. युवाओं में आंतरिक अनुशासन पैदा करने के लिए। 13 सामाजिककुरीतियोंव अन्धविश्वासोंकोदूरकरने केलिए। 14. राष्ट्रीय विकास के कार्यों में सक्रिय सहयोग प्रदान करने के लिए। 15. राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की रैलियों, जम्बूरियों व शिविरों में सहभागिता द्वारा विश्व बन्धुत्व की भावना का विकास करने के लिए। 16. आपदा प्रबन्धन सीखकर आपदा के समय प्रभावित  नागरिकों की सहायता करने के लिए। 17. पी.टी., आसन, व्यायाम व हाइक द्वारा स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिए। 18. बड़ों के प्रति आदर व छोटों के प्रति स्नेह की भावना पैदा करने के लिए। 19. कम खर्च में जीवन के कार्यों को करने की आदत
बनाने के लिए। 20. मानसिक शांति के लिए।

बेडन पावल और स्काउटिग का इतिहास

विश्व के सबसे बड़े वर्दीधारी शैक्षिक आंदोल (स्काउटिंग) के संस्थापक लार्ड बेडन पावल का ना स्काउट-गाइड जगत में सदैव याद रहेगा। उनके संबंध संक्षेप में कुछ जानकारी यहां दी जा रही है। 
पूरा नाम- रॉबर्ट स्टीफेन्सन स्मिथ बेडन पावल।
प्रचलित नाम- लॉर्ड बेडन पावल (बी.पी.)
जन्म  22 फरवरी 1857 को इंग्लैंड में हुआ। 
जन्म स्थान- 6 स्टेन पोल स्ट्रीट लैंकेस्टर गेट, लंदन। वर्तमान नाम- स्टेन पोल टैरेस लंदन।
रेवरेण्ड प्रो. हरबर्ट जॉर्ज बेडन पावल। 
माता हेनरीटा ग्रेस स्मिथ। पत्नी मिसेज आलेवसेंट क्लेयर सोम्स (लेडी बेडन पावल)। 1860- पिता की मृत्यु हो गई थी। बी.पी. सात भाइयों में से चौथे नंबर के पुत्र थे। इन्होंने अपने भाइयों व माता से पढ़ना-लिखना एवं प्रार्थना करना सीखा। .
1870- लंदन के चार्टर हाउस स्कूल में प्रवेश लिया। स्कॉलरशिप प्राप्त की। इग्लैण्ड की प्रथानुसार स्कॉलरशिप प्राप्त विद्यार्थी को अपने से सीनियर विद्यार्थियों का काम निःशुल्क करना होता था।इन्होंने बाथिंग टावेल धोने का काम लिया, जिससेइनका नाम बाथिंगटवेल भी पड़।
1876-19 वर्ष की आयु में बी.पी. चार्टर हाउस से ग्रेजुएशन कर आर्मी की परीक्षा में शामिल हुए। उन्होंने लगभग 718 अभ्यर्थियों में से कैवलरी में दूसरा स्थान एवं इनफेन्ट्री में पांचवा स्थान प्राप्त किया। तुरंत ही उन्हें 13वीं हुसार्स रेजीमेन्ट के सब लेफ्टीनेन्ट पद पर लखनऊ (भारत) में भेज दिया गया।
1882- बी.पी. मस्केट्री इन्सट्रैक्टर नियुक्त किये गये। उन्होंने रेजीमेंट के साथ उत्तरी भारत में 900 कि.मी. की यात्रा की।
1887-जुलू प्रदेश के एक बड़े विद्रोह की शांति स्थापना के लिये बी.पी. दक्षिणी अफ्रीका भेजे गए। जहां इन्होंने अद्भुत साहस का परिचय दिया।
1895- अशन्ति (एक हब्शी जाति) के सरदार से बांया हाथ मिलाकर, बहादुर से बहादुर को बांया हाथ मिलाने की प्रथा को स्काउटिंग में लिया गया।
1899- में बी.पी. को कर्नल बना दिया गया। - दक्षिण अफ्रीका के मेफकिंग में 23 अक्टूबर 1899 से
बोअरों के साथ युद्ध शुरू किया।
1900 प्रसिद्ध बोअर यद में 217 दिन तक चल मुकाबले के बाद 28 मई 1900 को विजय प्राप्त की। इसा समय एड्स टू स्काउटिंग नामक पुस्तक का प्रकाशन किया।
1903- केवेलरी में इन्सपेक्टर जनरल नियुक्त किये गये।
1907- 29 जुलाई से 9 अगस्त तक ब्राउन-सी द्वीप (लंदन) में 20 बालकों के पहले प्रयोगात्मक शिविर का आयोजन किया।
1908- 'स्काउटिंग फॉर बॉयज' का प्रकाशन।
1909- क्रिस्टल पैलेस लंदन में 4 सितम्बर को प्रथम स्काउट्स रैली का आयोजन किया गया। जिसमें 11000 स्काउट्स ने भाग लिया। यहीं पर बी.पी. को संस्था में बालिकाओं को स्थान देने का विचार आया। तभी से गर्ल गाइडिंग का जन्म हुआ।
1910- बी.पी. ने अपनी बहन एग्नेस की सहायता से बालिकाओं के लिये गाइड संस्था प्रारंभ की।
1911-विंडसर पार्क में दूसरी बड़ी रैली हुई जिसमें 33 हजार स्काउट्स सम्मिलित हुए।
1912- समुद्री स्काउटिंग का प्रारंभ हुआ। इसी वर्ष बी.पी. का विवाह मिस ओलेव सेन्ट क्लयर सोम्स से हुआ जिन्हें लेडी बेडन पावल के नाम से जाना जाता है।
1916- प्रसिद्ध लेखक रिच्ड किप्लिंग को सहायता से बो.पो. ने छोटे बच्चों के लिये 'वुल्फ कब' नामक पुस्तक लिखो व 'कबिंग' का प्रारंभ हुआ।
1919- 'एड्स टू स्काउट मास्टरशिप' नामक पुस्तक लिखो। इसी वर्ष सीनियर स्काउट्स के लिये नई स्कोम प्रारंभ को जो बाद में रोवरिंग कहलाई।
1920- पहली विश्व स्काउट जम्बूरी ओलम्पिया, लंदन में हुई जिसमें बी.पी. को विश्व चीफ स्काउट घोषित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय स्काउट ब्यूरो लंदन में स्थापित हुआ।
1921-बी.पी. का भारत आगमन हुआ। __1922- "रोवरिंग टू सक्सेस" नामक पुस्तक का प्रकाशन हुआ।
1924- द्वितीय विश्व जम्बूरी डेनमार्क में हुई। 1930- लेडी बी.पी. विश्व चीफ गाइड बनी।
1937- भारत के वायसराय लार्ड लिवलिथगो के निमंत्रण पर लार्ड बेडन पावल व लेडी बी.पी. पुनः भारत आये।
1941- 8 जनवरी 1941 को 84 वर्ष की आयु में कीनिया (अफ्रीका)में इस महान पुरुष ने इस संसार से विदा ली।

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