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Thursday, January 30, 2020

व्यतिरेकी विधि


Vyetireki-vidhi pedagogy
व्यतिरेकी विधि



       'व्यतिरेकी विधि' में मातृभाषा और सीखी जाने वाली द्वितीय भाषा दोनों का भाषा वैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत किया जाता है। ध्वन्यात्मक संरचना, रूप रचना, वाक्य गठन, मुहावरे, शब्दसमूह आदि के क्षेत्र में मातृभाषा और द्वितीय भाषा का अन्तरसमानता, असमानता-स्पष्ट रूप से जान लेने से बालक नई भाषा के यथार्थ स्वरूप को ठीक प्रकार से पहचानता और ग्रहण करता है। द्वितीय भाषा शिक्षण की सफलता इस बात पर निर्भर है कि मातृभाषा तथा द्वितीय भाषा का ऐसा वर्णनात्मक व्याकरण बनना
चाहिए जो उन दोनों के सही रूप को प्रकट कर सके। - व्याकरणिक नियमों को कंठस्थ करने की जगह भाषाई कौशलों at का अर्जन और अभ्यास अधिक उपयोगी माना जाता है।

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