रसास्वादन विधिJagriti PathJagriti Path

JUST NOW

Jagritipath जागृतिपथ News,Education,Business,Cricket,Politics,Health,Sports,Science,Tech,WildLife,Art,living,India,World,NewsAnalysis

Thursday, January 30, 2020

रसास्वादन विधि

                
 

Rsaswadan-vidi
रसास्वादन विधि




अध्यापक का लक्ष्य कविता का अर्थ बतलाना न होकर कविता का आनन्द लेने में छात्रों को समर्थ बनाना है।  यह उपसंहार विधि है अर्थात कविता की सामान्य रूप से व्याख्या कर देने के पश्चात् उसकी रसानुभूति कराने के लिए है। काव्यानंद की अनुभूति कराना। कवि के अभिप्रेत भावों तक छात्रों को ले जाना रसानुभूति में सहायक होता है। कविता के भावों को हृदयंगम करके कवि के साथ तादात्म्य स्थापित करना और भाव-विभोर होकर कविता का आनंद लेना इस विधि की सार्थकता है। इसका प्रयोग सभी स्तरों पर हो सकता है। जब छोटे-छोटे बच्चे प्रयाणगीतों का पाठ करते हुए अभिनय करते-करते तन्मय हो जाते है उस समय भी रसानुभूति काव्यास्वादन की चरम सीमा है।

No comments:

Post a Comment


Post Top Ad