श्रुतलेखन-अभ्यास विधि -
अध्यापक बोलता जाता है और बालक सुनकर लिखते जाते हैं।
श्रुतिलेख का उद्देश्य- वर्तनी दोष दूर करना।
शुद्ध लिखने की क्षमता का विकास करना - नवीन शब्द को श्यामपट्ट पर लिखना - सस्वर वाचन करना - मन्द गति से उच्चारण - तीव्र गति से वाचन करना
श्रुतलेख प्रक्रिया- पहले दिन ही संकेत दे दें। गद्यांश तथा 10 कठिन शब्द होने चाहिये। श्रुतलेख लिखाने के बाद एक बार पुनः द्रुत वाचन कर दे। जाँच कार्य करें, अशुद्धियों में गोला लगाएँ,शुद्ध रूप हाशिये में लिखे तथा अशुद्धियों को दस-दस बार लिखने को कहा जाये। - छात्र की प्रशंसा कर प्रोत्साहित करें।
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