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Sunday, November 26, 2023

Uttarkashi tunnel collapse सिलक्यारा सुरंग हादसा अंधेरे में बेबस 41 जिंदगिया ड्रिलिंग व रेस्क्यू कार्य जारी

Uttarkashi tunnel collapse
Uttarkashi tunnel collapse



उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग हादसा Uttarkashi tunnel 


उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग हादसे में 41 मजदूरों की सांसे अभी भी अटकी हुई हैं। सुरंग में फंसे मजूदरों को बाहर निकालने के लिए दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रेस्क्यू अभियान की मौजूदा स्थिति से देश को अवगत कराया। कि पानी के रिसाव के कारण मजदूरों तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाने में मुश्किलें सामने आ रही है कभी ड्रिलिंग मशीन टूट जाती है तो कभी अन्य तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन चिंता का विषय है कि आधुनिक विकसित तकनीक के वावजूद लम्बे समय से मजदूरों को बाहर नहीं निकल सकें हैं। हालांकि मजदूरों से संबंध स्थापित करने के लिए कनेक्टिविटी ज़रूर उपलब्ध करवाई है लेकिन उन्हें अभी भी बाहरी दुनिया में आकर राहत की सांस लेने के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है।
उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशों में हाल-फिलहाल बाधा आ रही है। ड्रिलिंग में लगी अमेरिकी ऑगर मशीन टूट गई । जिसके कारण रेस्क्यू का काम रुका हुआ है। इस बीच टनल के मुहाने पर पानी का रिसाव अधिक होने से दिक्कतें और भी बढ़ गई । राहत कार्य में जुटे एक्सपर्ट के अनुसार, मजदूरों को बाहर निकालने के लिए दूसरे विकल्पों की मदद ली जाएगी। बी प्लान के तहत टनल के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी हो रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर आगे के प्लान पर चर्चा की। इस बीच टनल में फंसे श्रमिकों तक मोबाइल फोन पहुंचाए गए हैं ।

कैसे हुआ था सिलक्यारा सुरंग हादसा?


सिलक्यारा सुरंग हादसे की बात करें तो 12 नवंबर को यह हादसा हुआ था निर्माणाधीन सुरंग में कार्य प्रगति था इसी बीच सुरंग के बीच का हिस्सा ढह गया था। बता दें कि चार धाम महामार्ग परियोजना के तहत 4.5 किलोमीटर लंबी और 13 मीटर चौड़ी इस सुरंग का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग पर यमुनोत्री के पास हो रहा था। ये सुरंग एक पहाड़ के भीतर से हो कर बनाई जा रही थी। जब सुरंग धंसी उस वक्त निर्माण कार्य चल रहा था। सुरंग के द्वार की तरफ से क़रीब 200 मीटर भीतर सुरंग का हिस्सा धंस गया जिससे 41 मज़दूर सुरंग के भीतर ही फंस गए पिछले कई दिनों से मजदूरों को निकालने का कार्य बड़े स्तर पर किया जा रहा है। राहत और बचाव का काम बड़े स्तर पर किया जा रहा है लेकिन कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है अब इस सुरंग के पास में वर्टीकल ड्रिलिंग करने की योजना बनाई जा रही है ताकि जल्दी से जल्दी मजदूरों को बाहर निकाला जा सके।

6 इंच चौड़े पाइप से पहुंचाई जा रही है आक्सीजन बिजली और खाद्य सामग्री


6 इंच चौड़े पाइप के जरिए प्लास्टिक की बोतलों में खाना भेजा जा रहा है इसमें आलू के टुकड़े, दलिया, दाल और खिचड़ी भेजी जा रही है कंप्रेशर की मदद से बनाए गए छेद से आक्सीजन बिजली और खाद्य सामग्री भेजी जा रही है जिससे मजदूरों की जान तो बचाई गई लेकिन बाहर आकर अटकी हुई सांसों से छुटकारा पाने का अब भी इंतजार है देश विदेश की जानी-मानी कंपनियां और बचाव कार्य एजेंसी युद्ध स्तर पर रह आपरेशन चला रहीं हैं जल्द सुरंग के उस हिस्से तक ड्रिलिंग कर मजदूरों तक पहुंचकर उन्हें बाहर निकालने की उम्मीद हैं।

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