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coronavirus new variant Mutant
देश में कोरोना वायरस तेजी के साथ बढ़ रहा है। हालांकि वैक्सिनेशन के बाद लोगों में कोरोना वायरस से लोगों को भय कम हुआ है लेकिन बदलते मौसम के साथ कोरोना वायरस का नया वैरिएंट धीरे धीरे दस्तक दे रहा है जिसमें लोगों को थोडा संभलने की जरूरत है। हालांकि पिछले कुछ दिनों में कोराना के नये मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है जो वाकई चिंताजनक है। न्युज चैनलो की रिपोर्ट की माने तो बीते दिनों में ही कोरोना के नए मामलों में करीब 80 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
देश की राजधानी दिल्ली में कोविड-19 का पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 26.54% हो गया है जो करीब 15 महीनों के अपने उच्चतम स्तर पर है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह वायरस फिर से तेज़ी से फैल रहा है।
दूसरी तरफ अब लोगों को इतना भय नहीं रहा लेकिन लोगों को थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोग कोरोना के बढ़ते खतरों के बीच भी मास्क पहनने तथा अन्य प्रोटेक्शन को लेकर बेहद लापरवाही बरत रहे हैं जिसे लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी भी दी है।
लापरवाही बन सकती है गंभीर समस्या
इसप्रकार अधिकतर लोग सार्वजनिक जगहों, बाजारों, पार्क और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बिना मास्क के चल रहे हैं जो एक समस्या को न्यौता देने का काम कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अगर यही स्थिति बरकरार रही तो जल्द ही वायरस म्यूटेट कर लोगों में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है। इसलिए कोरोना के बढ़ते मामलों पर जल्द काबू पाया जाना जरूरी है।
वायरस के नये स्वरूप की पहचान
इन्साकॉग के मुताबिक, वायरस का एक नया स्वरूप एक्सबीबी.1.16 को भारत के विभिन्न हिस्सों में देखा गया है, जो आज तक संक्रमण के 38.2% के लिए जिम्मेदार है। बीते मार्च माह के तीसरे सप्ताह तक एकत्र नमूनों में एक्सबीबी स्वरूप सबसे अधिक मिला है। हालांकि, देश के कुछ हिस्सों में बीए.2.10 और बीए.2.75 उप स्वरूप का भी पता चला जो एक्सबीबी की तरह ओमिक्रॉन स्वरूप से निकले हैं। रिपोर्ट में इन्साकॉग ने यह स्वीकार किया कि देश के कई जिलों में संक्रमण तेजी से बढ़ा है, लेकिन यहां अस्पतालों में मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी है। अधिकांश मामले हल्के लक्षण वाले दिखाई दे रहे हैं, जिन्हें घरों में ही आइसोलेट रहने की सलाह दी जा रही है। जिन लोगों को पहले से दूसरी बीमारियां हैं उनमें जरूर कोरोना के लक्षण मध्यम से गंभीर स्थिति तक दर्ज किए जा रहे हैं।
Covid Protection सावधानी और सुरक्षा में नहीं बरतें कोताही
हालांकि वैक्सिनेशन के बाद कोरोना के नये स्वरूप ज्यादा घातक साबित नहीं हुए हैं लेकिन भीड़भाड़ वाले इलाकों और अस्पतालों में मास्क अनिवार्य कर देना चाहिए जिससे लोगों को परेशानियां नहीं देखनी पड़े स्वच्छता और सुरक्षा रखना सबसे बेहतर विकल्प है। हालांकि इस बार अस्पतालों में ज्यादा संख्या नहीं है लेकिन लोगों में लक्षणों का अनुभव हो रहा है। बदलते मौसम में सर्दी जुखाम के मिलते जुलते लक्षणों में कोविड के लक्षणों को पहचानें में बहुत बड़ी चूक हो जाती है। जिससे कुछ लोगों में तरह गंभीर समस्या का रूप लेकर मौत का कारण बन रही है। इसलिए देश में बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य विभाग एवं लोगों को सुरक्षा की पूरी कोशिश करनी चाहिए जिससे स्थति नियंत्रण में रहे।
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