क्विंटन डि काक घुटने टेकने से इनकार: एकादश से बाहर क्यों हुए
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Quinton de Kock made himself unavailable for South Africa's ICC T20 World Cup 2021 match against the West Indies in Dubai
T-20 World Cup का आयोजन ओमान और सऊदी अरब में आयोजित हो रहा है टी ट्वेंटी वर्ल्ड कप का रोमांच अभी शुरू ही हुआ था कि दक्षिणी अफ्रीका की टीम के लिए निराशजनक खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि अफ्रीका टीम की एकादश में क्लिंटन डीकाक को बाहर किया गया है आइए जानते हैं कि क्या मामला है आखिर इस बतौर विकेट कीपर बल्लेबाज को बाहर क्यों किया गया है। दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने यह फैसला क्यों लिया है।
मामला यह कि ब्लैक लाइव्स मैटर्स सपोर्ट में घुटनों पर नहीं झुकना डिकॉक के लिए मंहगा पड़ा, हमने देखा था कि भारत-पाकिस्तान के मैच के पहले दोनों टीमों ने ब्लैक लाइव्स मैटर्स को सपोर्ट किया था। भारतीय खिलाड़ी घुटनों पर झुके थे और पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने दिल पर हाथ रखा था। यही चीज अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया का मैच शुरू होने से पहले भी हुई। बड़ी बात तब देखने को मिली, जब टीम तो घुटनों पर झुकी, पर विकेट कीपर बल्लेबाज डिकॉक नहीं झुके वे कमर पर हाथ रखे खड़े रहे। उन्होंने कोई आम प्रतिक्रिया भी जाहिर नहीं की। हालांकि आज के समता और समानता के युग में समर्थन नहीं करना इंसानियत के लिए ठीक नहीं है लेकिन डिकाक का यह फैसला समझ से परे है। वर्तमान के दौर में काले गोरे के भेद को मिटाना दुनिया की जिम्मेदारी और कर्तव्य है नस्लवाद आधारित हो रहे अपराधों को रोकना मानवता के लिए जरूरी है। इस आंदोलन की शुरुआत तो पहले से हो गई थी लेकिन अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड के एक श्वेत पुलिस कर्मी के हाथों मारे जाने के बाद दुनियाभर में ब्लैक लाइव्स मैटर मूवमेंट चला। इस मुद्दे पर साउथ अफ्रीका बंटा हुआ नजर आया। यह ट्रेंड वहां की टीम में भी देखा जा रहा है। कुछ खिलाड़ी मैच से पहले घुटने के बल बैठकर इस मूवमेंट को सपोर्ट दे रहे हैं। वहीं, कुछ खिलाड़ी (ज्यादातर श्वेत) घुटने के बल नहीं बैठ रहे हैं।
दरअसल, दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को टी-20 विश्व कप मैचों से पहले नस्लवाद के खिलाफ मुहिम में शामिल होने को कहा है। मगर टीम के पूर्व कप्तान डिकॉक ने व्यक्तिगत निर्णय लेते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया।
क्या है ब्लैक लाइव्स मैटर what is black Lives matter?
ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन केवल अमेरिका में ही नहीं बल्कि अमेरिका के बाहर यूरोप लैटिन अमेरिका के साथ साथ ब्रिटेन में भी लगभग साल 2013 से चल रहा है। क्योंकि इन सब देशों में गोरे और काले लोगों के बीच रंगभेद चलता रहता है जिसमें गोरे लोगों को दबाया जाता है और छोटी सी गलती होने पर ही उन्हें बेवजह मार दिया जाता है। इस निर्मम अपराध को रोकने और विरोध करने के लिए ही काले लोगों द्वारा ब्लैक लाइंस मैटर आंदोलन का प्रारंभ किया गया जो अब वर्तमान में भी चल रहा है।यह आंदोलन 25 मई 2020 की एक घटना की वजह से लोगों के बीच मशहूर हो गया है। बहुत से लोग अब तक इस आंदोलन में शामिल हो चुके हैं परंतु काफी ज्यादा लोगों को इस आंदोलन के बारे में जानकारी ही नहीं है। जॉर्ज फ्लाइड की हत्या से अमेरिका मे निग्रो लोगों ने बड़े स्तर का आंदोलन छेड़ दिया जिससे दुनिया भर में फ्लाइड के लिए मुहिम तेज हो गई । जॉर्ज फ्लाइड एक अफ्रीकी अमेरिकन थे जिनकी हत्या से पूरा अमेरिका हिल गया था। पुलिस ने जार्ज फ्लाइड की गर्दन दबा दी थी उस समय उन्होंने कहा था कि "आई कान्ट ब्रिथ" I can't breathe मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं। शब्द बोले थे इन्हीं शब्दों को लेकर अमेरिका में आंदोलन छिड़ गया था। अमेरिका की गलियों में हर व्यक्ति के हाथ में पोस्टर था और उस पोस्टर पर लिखा था "I can't breathe"
25 मई 2020 को हुई एक निर्मम हत्या जो अमेरिकन पुलिस अधिकारियों ने की, उसकी वजह से अमेरिका में नस्ल वाद संस्थागत और परंपरागत संस्थान ने आवाज उठाई थी जो आज दुनिया भर में इसकी मुहिम चलाई जा रही है। हालांकि ब्लैक लाइव मैटर Black lives matter की शुरुआत तो 13 जुलाई 2013 में हो चुकी थी लेकिन अमेरिका में पुलिस द्वारा जार्ज की हत्या के बाद यह दुनिया के कोने कोने में पहुंच गया।
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