भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 48 वें मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री नुथलापति वेंकट रमण |
भारतीय न्यायपालिका एवं न्यायाधीश, नियुक्ति महाभियोग तथा कालेजियम प्रणाली
भारत की सुप्रीम कोर्ट या उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के मुख्य न्यायाधीश का पद लोकतांत्रिक संवैधानिक व्यवस्था में राष्ट्र की एकता अखंडता और नागरिक सुरक्षा की दृष्टि से सम्माननीय एवं गरिमामय पद है देश की न्यायपालिका का यह सर्वोच्च पद है। जो सम्प्रभु भारत की न्यायिक प्रक्रिया का अन्तिम एवं सर्वोच्च अधिकार क्षेत्र में आता है।
वर्ष 2021 में भारत को नए चीफ जस्टिस मिले हैं जिनका नाम एन वी रमण पूरा नाम नुथलापति वेंकट रमण है। उन्होंने भारत की सर्वोच्च अदालत के 48वें और वर्तमान मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य ग्रहण किया हैं। इससे पहले माननीय रमना भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।जस्टिस एनवी रमना ने मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सीजेआई एसए बोबडे की जगह ली है जो अब हाल ही में रिटायर हो गए हैं। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में जस्टिस रमना ने भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। भारत के सीजेआई एन वी रमण ने 24 अप्रैल 2021 को शपथ लेकर यह पद संभाला है। जो अपनी 65 साल की उम्र होने तक यानी 26 अगस्त 2022 तक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश के रूप में काम करेंगे।
भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमना का परिचय
जस्टिस रमन्ना का जन्म 27 अगस्त 1957 को अविभाजित आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नावरम के एक किसान परिवार में हुआ था। 1970 से 1980 तक दो साल तक उन्होंने एनाडु अख़बार के लिए राजनीति और क़ानूनों मामलों के पत्रकार के तौर पर काम किया।
17 फ़रवरी 2014 से वो सुप्रीम कोर्ट के उप-न्यायाधीश के रूप में नियुक्त रहे। 2019 से उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी काम किया। वर्ष 2000 में उन्हें आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के स्थायी जज के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में 10 मार्च 2013 से लेकर 20 मई 2013 तक वो इसी कोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बने।
भारत का उच्चतम न्यायालय इतिहास एवं अस्तित्व
भारत का संघीय न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय Supreme Court 1 अक्टूबर 1937 को अस्तित्व में आया था और इसने 1937-50 के बीच भारत के संघीय न्यायालय का कार्य किया था। आजाद भारत में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना 26 जनवरी 1950 को हुई संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी स्थापना के दो दिन बाद 28 जनवरी 1950 को अपना कार्य शुरू करते हुए वर्तमान भारत की सर्वोच्च अदालत के रूप में अस्तित्व में आया। उद्घाटन समारोह का आयोजन संसद भवन के नरेंद्रमण्डल (चेंबर ऑफ़ प्रिंसेज़) भवन में किया गया था। इससे पहले सन् 1937 से 1950 तक चैंबर ऑफ़ प्रिंसेस ही भारत की संघीय अदालत का भवन था। आज़ादी के बाद भी सन् 1958 तक चैंबर ऑफ़ प्रिंसेस ही भारत के उच्चतम न्यायालय का भवन था। 1958 में ही उच्चतम न्यायालय को तिलक मार्ग, नई दिल्ली स्थित परिसर में स्थापित किया गया।
भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश
भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश श्री सर मौरिस ग्वेयर (1 अक्टूबर 1937 से 25 अप्रैल 1943) थे। लेकिन स्वतंत्रता के बाद भारत के प्रथम न्यायाधीश न्यायमूर्ति हरीलाल जेकिंदस कानिया भारत के पहले भारतीय मुख्य न्यायधीश बने थे। उन्होंने इस पद पर 26 जनवरी 1950 से 6 नवम्बर 1951 तक कार्य किया।
क्या है कॉलेजियम प्रणाली और महाभियोग
कॉलेजियम प्रणाली और महाभियोग भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति और पद से हटाने की प्रक्रिया है। हालांकि कॉलेजियम प्रणाली का भारत के संविधान में कोई जिक्र नही है। हालांकि संविधान के अनुच्छेद 126 में कार्यकारी सीजेआई की नियुक्ति के बारे में जिक्र मिलता है वहीं भारत के चीफ जस्टिस की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के अधिनियम संख्या 124 के दूसरे सेक्शन के अंतर्गत होती है।
कॉलेजियम प्रणाली 28 अक्टूबर 1998 को 3 जजों के मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के जरिए प्रभाव में आयी थी। कॉलेजियम सिस्टम में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों का एक पैनल जजों की नियुक्ति और तबादले की सिफारिश करता है। कॉलेजियम की सिफारिश (दूसरी बार भेजने पर) मानना सरकार के लिए जरूरी होता है। वर्तमान भारत में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति तथा अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। इसके साथ ही साथ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों एवं सम्बन्धित राज्य के राज्यपाल की सलाह पर करता है। महाभियोग प्रस्ताव उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पद से हटाने की प्रक्रिया है।
सर्वोच्च न्यायालय में भारत के अब तक के मुख्य न्यायाधीश
1. श्री न्यायमूर्ति हरीलाल जेकिसुनदास कनिया
26/01/1950 से 06/11/1951
2. श्री न्यायमूर्ति एम. पतंजलि शास्त्री
07/11/1951से 03/01/1954
3. श्री जस्टिस मेहर चंद महाजन
04/01/1954 से 22/12/1954
4. श्री न्यायमूर्ति बिजन कुमार मुखर्जी
23/12/1954 से 31/01/1956
5. श्री न्यायमूर्ति सुधी रंजन दास
01/02/1956 से 30/09/1959
6. श्री जस्टिस भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा
01/10/1959 से 31/01/1964
7. श्री न्यायमूर्ति पी.बी. गजेन्द्रगडकर
01/02/1964 से 15/03/1966
8. श्री न्यायमूर्ति ए.के. सरकार
16/03/1966से 29/06/1966
9. श्री जस्टिस के. सुब्बा राव
30/06/1966 से 11/04/1967
10. श्री न्यायमूर्ति के.एन. वांचू
12/04/1967 से 24/02/1968
11. श्री न्यायमूर्ति एम. हिदायतुल्ला
25/02/1968 से 16/12/1970
12. श्री न्यायमूर्ति जे.सी. शाह
17/12/1970 से 21/01/1971
13. श्री न्यायमूर्ति एस.एम. सीकरी
22/01/1971 से 25/04/1973
14. श्री न्यायमूर्ति ए.एन. रे
26/04/1973 से 28/01/1977
15. श्री जस्टिस एम. हमीदुल्ला बेग
29/01/1977 से 21/02/1978
16. श्री न्यायमूर्ति वाई.वी. चंद्रचूड़
22/02/1978 से 11/07/1985
17. श्री न्यायमूर्ति पी.एन. भगवती
12/07/1985 से 20/12/1986
18. श्री न्यायमूर्ति आर.एस. पाठक
21/12/1986 से 18/06/1989
19. श्री न्यायमूर्ति ई.एस. वेंकट रमैया
19/06/1989 से 17/12/1989
20. श्री जस्टिस सब्यसाची मुखर्जी
18/12/1989 से 25/09/1990
21. श्री न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा
25/09/1990 से 24/11/1991
22. श्री जस्टिस के.एन. सिंह
25/11/1991 से 12/12/1991
23. श्री न्यायमूर्ति एम.एच. कानिया
13/12/1991 से 17/11/1992
24. श्री न्यायमूर्ति एल.एम.शर्मा
18/11/199 से 11/02/1993
25. श्री न्यायमूर्ति श्री एम एन वेंकटचलैया
12/02/1993 से 24/10/1994
26. श्री न्यायमूर्ति ए.एम. अहमदी
25/10/1994 से 24/03/1997
27. श्री न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा
25/03/1997 से 17/01/1998
28. श्री न्यायमूर्ति एम.एम. पुंछी
18/01/1998 से 09/10/1998
29. डॉ। न्यायमूर्ति ए.एस. आनंद
10/10/1998 से 31/10/2001
30. श्री न्यायमूर्ति एस.पी.भारुचा
01/11/2001 से 05/05/2002
31. श्री न्यायमूर्ति बी.एन. किरपाल
06/05/2002 से 07/11/2002
32. श्री न्यायमूर्ति जी.बी. पटनायक
08/11/2002 से 18/12/2002
33. श्री न्यायमूर्ति वी. एन. खरे
19/12/2002 से 01/05/2004
34. श्री न्यायमूर्ति एस. राजेंद्र बाबू
02/05/2004 से 31/05/2004
35. श्री न्यायमूर्ति आर.सी. लाहोटी
01/06/2004 से 31/10/2005
36. श्री न्यायमूर्ति वाई.के. सभरवाल
01/11/2005 से 13/01/2007
37. श्री न्यायमूर्ति के.जी. बालाकृष्णन
14/01/2007 से 11/05/2010
38. श्री न्यायमूर्ति एस.एच. कपाड़िया
12/05/2010 से 28/09/2012
39. श्री जस्टिस अल्तमस कबीर
29/09/2012 से 18/07/2013
40. श्री न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम
19/07/2013 से 26/04/2014
41. श्री न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा
27/04/2014 से 27/09/2014
42. श्री न्यायमूर्ति एच एल दत्तू
28/09/2014 से 02/12/2015
43. श्री न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर
03/12/2015 से 03/01/2017
44. श्री जगदीश सिंह खेहर
04/01/2017 से 27/08/2017
45. श्री जस्टिस दीपक मिश्रा
28/08/2017 से 02 /10/2018
46. श्री रंजन गोगोई
03/10/2018 से 17/11/ 2019
47. श्री शरद अरविंद बोबड़े (वर्तमान)
18/11/ 2019 से 23/04/ 2021
48. श्री नुथलापति वेंकट रमण
24 अप्रैल 2021 से वर्तमान
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