भारत देश अपनी आजादी के 75 बसंत देख चुका है। 75 इस दौरान देश ने बहुत कुछ खोया, बहुत कुछ पाया। देश आज जिस मुकाम पर खड़ा है, उसमें कई अहम उपलब्धियों का योगदान है। हम उन लोगों के नाम नहीं जानते जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर आजादी की लड़ाई में योगदान दिया भले ही उनका नाम शिलालेखों पर नहीं लिखा गया हो । प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से इस स्वतंत्रता की मंजिल पर पहुंचाने वाले सभी वीरों को नमन,यह देश उनका युगों युगों तक ऋणी रहेगा। अजादी के बाद सबसे बड़ी चुनौती अब वर्तमान में क़ौमी एकता, धार्मिक सौहार्द, सांस्कृतिक एकता,आंतरिक शांति और नागरिक अधिकार सुरक्षा है। वर्तमान में स्वतंत्रता के मूल्यों को बरकरार रखना तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देश को आगे बढ़ाना ही देश की स्वतन्त्रता का मूल उद्देश्य और उपयोगिता होगी।
याद रहे इस बार हम स्वतंत्रता की प्लैटिनम जयंती या पैलेडियम-जुबली मना रहे हैं। बोलचाल में इसे हीरक जयंती या डायमंड जुबली भी कह सकते हैं । भारत में 75 वा स्वतंत्रता दिवस 2021 अमृत महोत्सव के रूप में मनाया गया है।
इस साल भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह की थीम 'नेशन फर्स्ट, ऑलवेज फर्स्ट' रखी गई थी। परंपरा के अनुसार स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। ये लगातार आठवीं बार प्रधानमंत्री लाल किले से अपना भाषण दिया । टोक्यो ओलंपिक के पदक विजेता सभी एथलीटों को इस आयोजन के लिए स्पेशल इंविटेशन भेजा गया था। कोरोना महामारी के चलते पिछले साल की तरह इस साल भी आयोजन में भी लोगों की एंट्री प्रतिबंधित रही और किसी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हूए।
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