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Sunday, May 9, 2021

5G नेटवर्क सर्विस क्या है? टेस्टिंग लांचिंग तथा नवीन संचार क्रांति की सुविधाएं एवं समस्याएं

5G Network service
5G networking testing has started in India.  In India many companies like Jio, Airtel, Vodafone are going to start this service soon.  5G Telecom is the fifth generation technology standard for 5G broadband cellular networks, which cellular phone companies have started deploying.

5G Network service in India Jio , Airtel, Vodafone Idea


दुनिया कंम्युनिकेशन तथा इंटरनेट की सुविधा के बिना आज अधुरी सी लगती है। जब से इंटरनेट टेली कंम्युनिकेशन का जमाना आया है तब से यह हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। दूरसंचार क्रान्ति तथा मोबाइल फोन के आगमन के बाद यह श्रेत्र और भी अधिक विस्तृत और अहम हो गया है। आज स्मार्टफोन आने के बाद शिक्षा, चिकित्सा, बैंकिंग,डाक आदि जीवन के महत्वपूर्ण कार्य स्मार्टफोन पर आधारित हो गये है। इसलिए हर काम त्वरित हो इसलिए इस क्षेत्र में बहुत नवाचार और नवीन तीव्र तकनीकी का आगमन हुआ है। इंटरनेट तथा कंप्यूटर युग में बहुत तेजी से विकास हुआ है। आज पृथ्वी एक गांव की भांति इंटरनेट तथा नेटवर्किंग के जाल से जुड़ी हुई है। कंप्यूटर एवं संचार क्रांति हमारे जीवन से जुड़ी आवश्यकताओं के लिए वरदान हैं। लेकिन इसके साथ साथ इसके कुछ दुष्प्रभाव भी देखें गये है। जो विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं। लेकिन आज बात करेंगे। मोबाइल कंम्युनिकेशन की नवीनतम जनरेशन 5G जिसका भारत में टेस्टिंग चल रहा है। हालांकि जापान जैसे दुनिया के। कई देश पांचवीं जनरेशन का उपयोग तथा 6G की टेस्टिंग कर रहे हैं। लेकिन आज बात करेंगे 1G,2G,3G,4G,5G,7G मोबाइल नेटवर्क से जुड़ी तकनीक या जनरेशन के बारे में हम जानेंगे की यह तकनीक क्या है इसके फायदे और नुकसान क्या है? भारत सहित दुनिया के कुछ देशों में इसका विरोध क्यों हो रहा है? भारत में 5 जी लांच होने के बाद हमारे मोबाइल और इंटरनेट की गति में कितना एडवांस परिवर्तन होने वाला है?

क्या है 1G,2G,3G,4G,5G सर्विस? तथा इसका क्रमिक विकास


विश्व में जबसे इंटरनेट और दूरसंचार क्रांति का विकास हुआ है तबसे इनसे जुड़ी विभिन्न तकनीकों के बारे में हम सुनते आ रहे हैं। जिससे सिमकार्ड, नेटवर्क, इंटरनेट, ब्राउजर्स, स्टोरेज,डाटा ट्रांसफर स्पीड आदि आदि लेकिन हम जानते हैं कि 1G,2G,3G,4G,5G क्या है? यहां जी का मतलब जनरेशन है जो इस सेवा के अपग्रेडेड रूप को दर्शाता है। विश्व में सबसे पहले वर्ष 1980 में 1G सेवा का आगमन हुआ था, मगर इस वायरलेस तकनीक में केवल कॉलिंग की सुविधा ही मिल पाती थी। इस सेवा में हम इमेज,आडियो, या कोई फाइल ट्रांसफर नहीं कर पाते थे। इसके बाद इस तकनीक में नवाचार हुआ और वर्ष 1991 में 2G सर्विसेस को लांच किया गया इसमें कालिंग की सुविधा के साथ साथ टेक्स्ट संदेश (मैसेजिंग) की सुविधा भी भी मिलने लगी। वर्ष 1998 में मोबाइल नेटवर्क का तीसरा रूप आया जिसमें 3G सेवा को लॉन्च किया गया।
मोबाइल कंम्युनिकेशन के युग में यह सेवा महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि 3G सर्विस में उपयोगकर्ताओं को मोबाइल कॉलिंग के साथ अन्य सेवाओं के रूप में इंटरनेट चलाने की सुविधा के साथ ही वीडियो कॉलिंग करने की सुविधा भी मिली थी, जिसमें अधिकतम 2 एमबीपीएस (megabits per second.) की इंटरनेट स्पीड मिली थी।
इसी प्रकार इसके क्रमिक विकास में वर्ष 2008 में 4G नेटवर्क सर्विस लॉन्च हुईं । इस तीव्र तकनीक ने इंटरनेट की दुनिया में एक हैरतअंगेज क्रांति ला दी , इस सेवा में वीडियो कॉलिंग पहले से बेहतर तरीके से हो पाती थी, 3G के मुकाबले कई गुना ज्यादा एमबीपीएस की नेट स्पीड मिलने लगी । 4G नेटवर्क सर्विस आने के बाद सोशल मीडिया की बाढ आ गई। जिसमें Facebook, whatsapp, Teligram, Snapshots, massenger, live chat, Zoom, line,WeChat, Instagram ,, Tumblr , Qzone,Tik Tok,Twitter, सहित सैकड़ों एप्लीकेशन और विडियो एप्स का स्तेमाल शुरू हुआ। इस तकनीक में भारत में जियो सबसे बड़ी टेलीकॉम कंम्युनिकेशन कंपनी के रूप में उभर कर सामने आई । तथा करोड़ों और अरबों की संख्या में 4G स्मार्टफोन्स की ब्रिकी हुई जिससे oppo,vivo,Mi,one plus जैसी कंपनियां मालामाल हो गई। इस तकनीक के बाद पुराने 2G,3G,फोन बदलकर 4G स्मार्टफोन लेने पड़े। वहीं इंडिया जैसे ही 5G सर्विस शुरू होगी तो यह भी किसी डिजिटल संचार क्रांति से कम नहीं होगी क्योंकि पिछली तरह भारतीय बाजारों से लेकर तकनीकों में व्यापक बदलाव देखने को मिलेंगे। जिसमें 5G स्मार्टफोन की ब्रिकी फिर से बढ़ जाएगी। इस प्रकार 5G सर्विस में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को बहुत तीव्र इंटरनेट , विडियो कान्फ्रेसिंग, डाउनलोड, Image,Pdf, Audio, vedio भेजने की सुविधा मिलेगी। इस प्रकार 3.5 गीगाहर्ट्ज से 6 गीगाहर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी के बीच 5G सर्विस 'सब-6 बैंड' में काम करने के लायक मानी जा सकती है। फुल HD वीडियो और फिल्में सेकंडों में डाउनलोड होने की क्षमता 5जी सर्विस में आसानी से मिलेगी। । 

5 जी में लेटेंसी रेट 4G से दस गुना होगी कम


चार जी सर्विस की लेटेंसी रेट के मुकाबले पांच जी की लेटेंसी रेट दस गुना कम होगी जिससे इंटरनेट प्रोसेस बहुत तेज होगा।
इंटरनेट के माध्यम से एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट तक डेटा का एक पैकेट पहुंचने में जितना समय लगता है उसे लेटेंसी कहते हैं। 5G के केस में, लेटेंसी रेट 1 मिलिसेकंड होगी। जबकि 4G नेटवर्क में यह रेट 10 मिलिसेकंड हैं। 5G नेटवर्क के एडवांस्ड ऐप्लीकेशन के रूप में यूजर्स स्व:चलित गाड़ियों को नियंत्रित कर सकेंगे। ये गाड़ियां 5G नेटवर्क के जरिए नियंत्रित की जा सकेंगी।साथ ही बहुत से उपकरण रिमोट प्रणाली की तरह नियंत्रित होंगे।



भारत में 5 G नेटवर्क परिक्षण को मंजूरी


संचार सेवा नेटवर्क सर्विस के लिए नवीन बड़ी तकनीक के लांच करने से पहले भारत दूरसंचार विभाग से अनुमति लेना बहुत जरूरी है। क्योंकि आधुनिक उच्च तकनीक की सेवा के लाभ के साथ साथ रेडिएशन तथा मोबाइल टावरों से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों का जैवमंडल को खतरा रहता है। इसलिए इसके दुष्प्रभावों का भली-भांति अध्ययन करने के बाद मंजूरी दी जाती है। इसलिए इस प्रकार की टेस्टिंग से पहले मंजूरी मिलना पहला कदम है।
गौरतलब है कि दुनियां के लगभग 34 देशों के 378 शहरों में 5जी नेटवर्क उपलब्ध है तो भारत में भी इस सेवा को मंजूरी देना लाजिमी है। इसलिए भारत में नेटवर्क से जुड़ी एडवांस तकनीक 5 जी के परीक्षण की मंजूरी दी गई है। दूरसंचार विभाग DoT ने 5जी नेटवर्क परीक्षण (5G trial in India) के लिए दूरसंचार कंपनियों के एप्लीकेशन को मंजूरी दी है जिससे यह कंपनियां 4 g की जगह 5 G की सेवा उपलब्ध करवाएगी। दूरसंचार विभाग ने रिलाइंस जियो Reliance Jio भारती एयरटेल (Bharti Airtel), वोडाफोन Vodafone और एमटीएनएल MTNL के आवेदन को मंजूरी दी है। बताया जा रहा है कि इनमें से कोई भी कंपनी चीनी कंपनियों की तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर रही है।


भारत में रिलाइंस जियो स्वयं की तकनीक पर करेगी ट्रायल 


बीएसएनएल, वोडाफोन तथा एयरटेल जैसी टेलीकॉम कंपनियों को पछाड़ कर वर्तमान में भारत की सबसे बड़ी कंपनी की बात करें तो रिलायंस जियो तेजी से उभर रही है। जियो ने शुरुआत 4G सेवा मुफ्त देकर करोड़ उपयोगकर्ताओं को अपनी और खींच लिया। इसलिए आज जियो भारत की उभरती हुई टेलीकॉम कंपनी है जो खुद अपनी तकनीक पर भारत में 5G सेवा लांच करेगी। तथा अपनी ही तकनीक के माध्यम से ट्रायल करने का दावा कर रही है। विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों ने एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट जैसे मूल उपकरण विनिर्माताओं और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ अनुबंध किया है। जबकि रिलाइंस जियोइंफोकॉम लिमिटेड अपनी खुद की 5जी तकनीक का उपयोग करके यह परीक्षण करेगी। दूरसंचार विभाग का यह कदम इस ओर इशारा करता है कि केंद्र सरकार देश में शुरू होने वाली 5जी दूरसंचार सेवाओं में चीनी कंपनियों को हिस्सा लेने से रोक सकती है।

सभी टेलीकॉम कंपनियों में मची 5G ट्रायल की होड़



सभी टेलिकॉम कंपनियां इन दिनों 5G टेस्टिंग पर अधिक फाॅक्स कर रही हैं। एयरटेल Airtel , जियो Jio और वोडाफोन Vodafone आइडिया Idea लगातार इसकी टेस्टिंग पर काम कर रही हैं। खबरों के हवाले जानकारी दी जा रही है कि जियो ने हाल ही में 57123 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की खरीदारी की है। इसको लेकर कंपनी ने 22 सर्किल में स्पेक्ट्रम खरीदा है। रिलायंस जियो की ओर से खरीदे गए स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल 5G सर्विस देने के लिए भी किया जाएगा। जियो कंपनी ने हाल ही में घोषणा की थी कि उसने स्वदेशी 5G टेक्नोलॉजी डेवलप कर ली है जिसे अमेरीका में टेस्ट कर लिया गया है। इसके साथ ही कंपनी के मालिक मुकेश अंबानी ने भी इसी वर्ष 5G लॉन्च की घोषणा की है। इस प्रकार भारत में 5G सेवा देने वाली कंपनियों में जियो सबसे बड़ी कंपनी हो सकती है। इंटरनेट और मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर भी है तो साथ साथ कुछ आर्थिक समस्याएं तथा साइड इफेक्ट्स भी है जिसकी चर्चा आगे करेंगे।


5जी के आने से होगें आमूल-चूल क्रांतिकारी बदलाव


हम जानते हैं कि 5जी सर्विस शुरू होने के बाद कंम्युनिकेशन और इंटरनेट में क्रांति होगी ही साथ ही गुणवत्ता और गति में भी हैरत परिवर्तन देखने को मिलेंगे।
इंटरनेट और विडियो कान्फ्रेसिंग काॅल गुणवत्ता, यूट्युब स्पीड सबकुछ तेज हो जाएगा । अब तक इंटरनेट से सोशल नेटवर्किंग, बैंकिंग, शिक्षा व चिकित्सा तकनीक ही शामिल थी अब इस सर्विस के बाद रिमोटिंग इंटरनेट यूज तेजी से बढ़ेगा। जिसमें घरों और आंफिसो के उपकरण इंटरनेट के माध्यम से स्मार्टफोन से कंट्रोल होने की संभावना है। 5जी नेटवर्क का व्यावसायिक इस्तेमाल के बाद मेडिकल फैसिलिटी, स्मार्ट शहरों को तकनीक से जोड़ने, वर्चुअल बैंकिंग, गेम और स्पोर्ट्स को 360 डिग्री से आनंद लेने, ऑगमेंटेड रियलिटी, बडे डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को काफी बढ़ावा मिलेगा। टेली मेडिसिन और टेली एजुकेशन को भी नये पंख लगेंगे। ड्रोन के जरिए भी कृषि, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में पंख लगेंगे। वियावी (VIAVI's) के डेटा के मुताबिक, दुनिया के 34 देशों के 378 शहरों में 5जी नेटवर्क उपलब्ध है। पिछले साल तक दक्षिण कोरिया के 85 शहर, चीन के 57 शहर, अमेरिका के 50 शहर और यूके के 31 शहरों में 5जी मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध था। जी प्रौद्योगिकी में सहयोग के लिए भारत और जापान ने 5 जी प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और कई अन्य अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी साइबर सुरक्षा समझौता हो चुका है। हालांकि जापान जैसे देश 6g की प्लानिंग कर रहे हैं। इसी के साथ ही हम कह सकते हैं कि भारत में 5G टेस्टिंग के बाद जब पांचवी जनरेशन सेवा को पब्लिक के लिए उपलब्ध करवा दिया जाएगा तो भारत में करोड़ों की संख्या में उपयोगकर्ताओं के स्मार्टफोन की गुणवत्ता तथा बैंकिंग , ई-कामर्स, डिजिटल मीडिया सहित अनेक क्षेत्रों में तीव्र क्रांति की उम्मीद है।


5G सेवा से जुड़ी समस्याएं तथा संभावित दुष्परिणाम


शिक्षा चिकित्सा बैंकिंग कोई भी क्षेत्र हो आदि में समय की मांग के अनुसार नवाचार जरूरी है। इसी तरह संचार सेवा और इंटरनेट कंप्युटरिंग के जमाने में इन सब में अपग्रेड भी जरूरी है। भौतिकवाद युग में मनुष्य शारीरिक श्रम की जगह केवल अंगुलियों के प्रयोग पर हर कार्य तीव्र गति से करना चाहता है। इसलिए इस युग में मानव के अधिक कार्य मशीनों पर निर्भर है। अब यह मशीनें कंम्पयूटर पर निर्भर होती जा रही है। इसलिए मानव शारीरिक श्रम से बहुत दूर होता जा रहा है। जिससे मानव का शरीर कमजोर होता जा रहा है। इसी तरह संचार क्रांति भी ऐसा ही आधुनिक बदलाव है जिसके फायदे भी हैं और नुक्सान भी है। हालांकि यह दोनों एक सिक्के के पहलु है। हमने सुना है कि 5जी तकनीक का विरोध भी जोरों पर हो रहा है। भारत में तो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर भी हो गई है। जानते हैं कि आखिर इस एडवांस तकनीक से जीवन गुणवत्ता पर क्या दुष्प्रभाव पड़ते हैं। हम जानते हैं कि एक मोबाइल टावर से दूसरे मोबाइल टावर तक तथा हमारे सेल फोन या उपकरण तक जो कनेक्टिविटी होती है वो इलेक्ट्रॉनिक चुम्बकीय किरणों के माध्यम से होती है। जिससे रेडिएशन का खतरा बढ़ता है। यह तकनीक जितनी उच्च कोटि की होगी उतना वेव फ्रीक्वेंसी तेज होगी जिससे मानव सहित अन्य जीव जन्तूओ के जीवन को खतरा रहता है। विशेषज्ञों की मानें तो कहा जाता है कि रेडिएशन, और 
हाई फ्रीक्वेंसी की तरंगों से मानव में कैंसर जैसी बिमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। हालांकि हम सुख सुविधाओं के कारण इसके दुष्प्रभावों को नजरंदाज कर रहे हैं जो कि स्वाभाविक सा लग रहा है। निष्कर्ष हमें संतुलित रूप से काम करते हुए प्रकृति और तकनीक के बीच संबंध रखने होंगे। अत्याधुनिक तकनीक भी जरूरी है तो पर्यावरण भी उससे भी महत्वपूर्ण है। इसलिए टावरों की उंचाई भी अधिक हो जिससे पक्षियों को नुक्सान ना हो। साथ ही एंटी रेडिएशन उपकरण विकसित किए जाए जिससे यूजर्स को इसके संभावित खतरों से बचाया जा सके।
दूसरी ओर पांच जी सेवा के बाद उपयोगकर्ताओं को अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा। जब 4G सेवा लांच हुई थी तब करोड़ों सेलफोन यूजर्स को तत्काल मंहगे 4G फोन खरीदने पड़े थे। दूसरी बात डाटा और टाकटाइम रेट भी मंहगे हो जाते हैं जिससे गरीब और मध्यम की कमर टूट जाती है। नवीन तकनीक नेटवर्क से जुड़ी अन्य समस्या स्पीड धांधली की है कुछ कंपनियां 4g,5g के नाम पर बहुत धीमी गति प्रदान करती है। तो नेटवर्क ट्राफ़िक के कारण बड़े बड़े शहरों में डेटा ट्रांसफर की स्पीड डगमगा जाती है।




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