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Monday, April 5, 2021

AstraZeneca Vaccine एस्ट्रोजनिका सुरक्षित होने के बावजूद आखिर रक्त का थक्का बनने की संभावना क्यों रहती है

AstraZeneca Vaccine
AstraZeneca vaccine has been temporarily banned in some countries of Europe, after which worries are also increasing worldwide.  There have been some serious cases of blood clotting after the vaccine, after which big countries like Germany-France and Italy have stopped using the vaccine.  But there is nothing to fear.  W.H.O.  Where this vaccine is said to be safe.  At the same time it is more beneficial and harmful in very few and rare cases.



विश्व के सभी देशों में कोरोन corona महामारी ने लहलका मचा रखा है। लेकिन भारत सहित विभिन्न देशों में वैक्सीन लगाने का कार्य प्रगति पर है। टीकाकरण vaccination शुरू होने पर लोगों को राहत की सांस मिली है । वैक्सीन लगने के बाद कोरोना से खतरा कम हुआ है साथ ही लोगों में आत्मविश्वास भी बड़ा है। लेकिन ब्रिटेन (Britain) में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से लेकर जो खबरें सामने आ रही है उनसे लोगों में डर भी रहता है। न्युज एजेंसियों के समाचारों के अनुसार ब्रिटेन (Britain) में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन (AstraZeneca Vaccine) लेने के बाद खून के थक्के जमने 30 मामले सामने आए हैं। इनमें से सात लोगों की मौत भी शामिल हैं। लेकिन इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। हर व्यक्ति को वैक्सीन से समस्या नहीं होती है। दूसरी तरफ अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि खुन का थक्का जमने तथा मौत होने संबंध एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से है। इसलिए यूरोपीय देशों ने ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन पर रोक लगा दी है‌ ।
ब्रिटेन की मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी ने एक बयान में कहा गया था कि ’24 मार्च तक सामने आए 30 मामलों में दुर्भाग्य से 7 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद नीदरलैंड्स ने एस्ट्राजेनेका का वैक्सीनेशन रोक दिया है। यहां महिलाओं समेत पांच लोगों को खून का थक्का जमने के मामले सामने आए थे।
गौरतलब है कि इन देशों में 60 साल से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही थी। जर्मनी ने भी इसी हफ्ते वैक्सीनेशन रोकने का फैसला लिया है। सबसे पहले डेनमार्क ने एस्ट्राजेनेका के टीके पर अस्थायी रोक लगाई। इसके बाद नार्वे, आइसलैंड और बुल्गारिया ने भी इसी तरह के कदम उठाए। एशियाई देश थाईलैंड ने भी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर अस्थायी रोक लगा दी है। 


WHO ने एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को बताया था सुरक्षित


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरह यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (MEA) ने भी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को सुरक्षित बताया था। मगर अब सात अप्रैल को इस बारे में संशोधित एडवाइजरी जारी कर सकती है। EMA के अनुसार वैक्सीन सुरक्षित है और विशेषज्ञों को इसमें उम्र, लिंग और मेडिकल हिस्ट्री के लिहाज से कोई जोखिम नहीं दिखा।
लेकिन यह नये मामले चिंता का विषय है कि थक्का जमने की समस्या और संभावना किन लोगों को अधिक है। 

वैक्सीन से नुकसान की आशंका कम


ब्रिटेन की नियामक संस्था ने बताया कि ब्लड क्लॉट के 30 मामले रिपोर्ट किए गए हैं। जबकि देश में 1.81 करोड़ खुराक दी गई है। बयान के अनुसार मौजूदा जानकारी के आधार पर हम कह सकते हैं कि वैक्सीन के फायदे ज्यादा हैं और नुकसान कम हैं। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भी कह चुकी है कि इससे खून के थक्के जमने का खतरा नहीं बढ़ता है। एस्ट्राजेनेका ने पिछले महीने बयान जारी कर कहा था कि अमेरिकी ट्रायल में यह वैक्सीन 79 फीसदी प्रभावी पाई गई है और इससे ब्लड क्लॉट का खतरा नहीं बढ़ता है।

ब्रिटेन में 3.1 करोड़ वैक्सीन को मंजूरी


ब्रिटेन में पहली वैक्सीन की खुराक के रूप में 3.1 करोड़ डोज को मंजूरी दी गई थी‌। इसके तहत ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और फाइजल की वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाना था। लोगों के पास इनमें से किसी एक विकल्प को चुनने का अधिकार नहीं था। जून 2020 में ब्रिटेन ने एस्ट्राजेनेका (Oxford AstraZeneca) की 10 करोड़ खुराक मंगवाई थी और इसे विकसित करने में मदद की थी। साथ ही सरकार ने फाइजर बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) की 3 करोड़ खुराक का ऑर्डर दिया था।


आखिर कब और किन लोगों को रक्त का थक्का बनता है


अगर इस टीके की बात करें तो ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका टीका स्पाइक प्रोटीन के निर्माण के
तथा वायरस के आनुवंशिक निर्देशों पर आधारित है। लेकिन फाइजर Pfizer और मोडर्ना Moderna टीकों के विपरीत, जो एकल स्ट्रनडेड RNA में निर्देशों को संग्रहीत करते हैं, ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन दोहरे स्ट्रनडेड डीएनए DNA का उपयोग करता है।
यूरोप के वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्होंने एक ऐसे तंत्र की पहचान की है जो एस्ट्राजेनेका पीएलसी वैक्सीन का नेतृत्व कर सकता है जिससे दुर्लभ उदाहरणों में संभावित घातक रक्त के थक्के और साथ ही इसके लिए एक संभावित उपचार हो सकता है।
नॉर्वे और जर्मनी में चिकित्सा शोधकर्ताओं की दो टीमों ने स्वतंत्र रूप से पाया है कि वैक्सीन एक ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर सकता है जिससे मस्तिष्क में रक्त का थक्का बन सकता है, जो हाल के हफ्तों में यूरोप में ऐसे मामले सामने आए हैं। लेकिन यह प्रत्येक मनुष्य की शारीरिक संरचना एवं विशेषताओं के अनुसार अलग-अलग घटनाओं के लिए स्पष्टीकरण प्रदान करेगा। तथा उपचार करने का रास्ता साफ करेगा।


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