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Thursday, April 29, 2021

ऑक्सीजन की कमी क्यों और कैसे होती है? प्रोन पोजीशन कैसे है मददगार

Oxygen deficiency prone position
Why is there a lack of oxygen?  How oxygen is given artificially in the body.  How does the prone position provide relief in oxygen supply?


ऑक्सीजन की कमी क्यों और कैसे होती है? प्रोन पोजीशन कैसे है मददगार
Due to the process of giving oxygen artificially and decreasing oxygen levels

ऑक्सीजन गैस मानव सहित बहुत से जीवों के लिए प्राण वायु होती है। ऑक्सीजन ही हमारे शरीर को जीवित रखने के लिए बहुत जरूरी है। हालांकि स्वस्थ शरीर स्वत ही ऑक्सीजन की पूर्ति करता रहता है लेकिन स्वश्न क्रिया में भाग लेने वाले की अंग में गड़बड़ी होती है तो ऑक्सीजन लेने में परेशानी होती है जिससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर घटने लगता है। इस स्थति में शुद्ध ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ती है जो कंप्रेस्ड संयंत्र से क्रायोजेनिक टैंक के माध्यम से अस्पताल में पहुंचाया जाता है जिसे सिलेंडर में भरकर मरीजों तक पहुंचाई जाती है। अक्सर फेफड़ों में इंफेक्शन होने से आक्सीजन की कमी आती है। हमारे फेफड़ों के पांच लोब्स में पांच-पांच कोच होते हैं इन कोच में इन्फेक्शन के अनुसार सीटी सेविरीटी स्कोर दिया जाता है।जो प्रतिशत को व्यक्त करता है। 0-8 स्कोर खतरनाक नहीं होता लेकिन इससे ऊपर इंफेक्शन होने पर यह स्कोर 25 में से 15 से लगाकर 23 या 24 तक पहुंच जाता है। जिससे मालुम होता है कि 50 से 90 प्रतिशत फेफड़े खराब होने पर सांस लेने में दिक्कत आती है जिससे हमारे शरीर में आक्सीजन की कमी आती है।

शरीर में ऑक्सीजन सामान्य लेवल O2 सेचुरेशन


शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा की बात की जाए तो ऑक्सीजन सेचुरेशन शब्द हमारे जहन में आता है असल में ऑक्सीजन सेचुरेशन ब्लड में ऑक्सी हीमोब्लोबिन के प्रतिशत को मापता है। जो आक्सीजन को फेफड़ों से विभिन्न अंगों में पहुंचाया जाता है। स्वस्थ शरीर में आक्सीजन स्तर की बात करें तो 94 से ऊपर की रीडिंग को स्वस्थ माना जाता है। हालांकि, कोविड के साथ शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति तेजी से प्रभावित हो सकती है।
वायरस के कारण फेफड़ों और चेस्ट केविटी में सूजन की शिकायत आने लगी हैं। यदि ऑक्सीजन का स्तर 94-100 के बीच है तो चिंता की बात नहीं है। लेकिन 94 के नीचे की रीडिंग से हाइपोक्सिमिया की श्रेणी में आता है। ऑक्सीजन लेवल 90 से नीचे चला जाता है तो ये किसी गंभीरता का संकेत है। इसके लिए तुरंत मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है।


आखिर वायरस कैसे करता है ऑक्सीज़न की कमी 


एक सवाल जो हमारे मन मे आता है वो यह की ऑक्सीज़न की कमी कैसे होती है। हम जानते है की वायु मण्डल मे लगभग 21% ऑक्सीज़न है तथा यह हमारे श्वास के लिए पर्याप्त होती है लेकिन जब हमारे शरीर मे वाइरस संक्रमण अधिक हो जाता है तो फेफड़ों मे श्लेस्मा की मात्रा बढ़ जाती है जिससे हमे सास लेने मे तकलीफ होती है और हमारा ऑक्सीज़न लेवल कम हो जाता है। एसे मे हमे शुद्ध ऑक्सीज़न की जरूरत अधिक होती है लेकिन वायुमंडलीय ऑक्सीज़न पर्याप्त नहीं होती ,इसलिए ऑक्सीज़न को कृत्रिम रूप से दी जाती है ।


प्रोन पोजीशन ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में मददगार


कोरोना काल मे बहुत से लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे है। वाइरस के प्रभाव से फेफड़ों को पर्याप्त(ऑक्सीजन)
O2 नहीं मिलने के कारण शरीर को भी पर्याप्त मात्रा मे 
(ऑक्सीजन) O2 नही मिलती और अस्पताल मे ऑक्सीज़न की कमी होने के कारण सब मरीजो को समय पर ऑक्सीज़न देना संभव नही हो पता एसे मे डॉक्टरों ने प्रोन पोजीशन का सुझाव दिया है इससे शरीर मे ऑक्सीज़न लेवल बढ़ जाता है व सास लेने मे भी आसानी होती है। विशेषज्ञों नें प्रॉनिंग को लेकर कुछ चेतावनी भी जारी की है जिसके अनुसार खाना खाने के बाद एक घंटे तक इस क्रिया को नहीं करना चाहिए , इस क्रिया को तभी करना है जब यह करना आसान लगे। इसके अलावा गर्भावस्था होने की स्थिति या हृदयघात की स्थिति में इस क्रिया को नहीं करना है।

अस्वीकरण-
यह लेख केवल जानकारी मात्र है। यह कोई विशेषज्ञ की सलाह नहीं है। जटिल स्थति में डाक्टर की सलाह ही अन्तिम मानें। इस लेख पर कोई पाठक कोई निर्णय लेता है तो किसी समस्या की जिम्मेदारी स्वयं की होगी तथा यह वेबसाइट जिम्मेदार नहीं होगी।

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