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Thursday, September 10, 2020

सदी के मशहूर क्रिकेटर M.S. धोनी का क्रिकेट करियर और संन्यास घोषणा तक का सफर


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MS dhoni महेंद्र सिंह धोनी माही द लीजेंड 


माही वे......
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार (15 अगस्त 2020) की शाम को अचानक इंटरनैशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। पिछले साल भर से धोनी के भविष्य को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन धोनी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर अपने संन्यास की जानकारी दी और इन अटकलों पर विराम लगा दिया। धोनी के रिटायमेंट की इस वीडियो पर उनकी पत्नी साक्षी ने बेहद प्यारा रिऐक्शन दिया है।
दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में शुमार रहे महेंद्र सिंह धोनी ने पिछले साल हुए वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली हार के बाद से उन्होंने टीम इंडिया के लिए कोई मैच नहीं खेला है।
आज बात करते हैं भारतीय क्रिकेटर पूर्व कप्तान , विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी की जिन्होंने 15 अगस्त 2020 को अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। आइए माही की पाठशाला में जानते हैं कुछ अनछुए पहलू।
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माही की असाधारण प्रतिभा और व्यक्तित्व

वैसे तो  कई खिलाड़ी आते जाते हैं लेकिन कुछ खिलाड़ी अपने खेल के साथ-साथ अपने व्यवहार और स्वभाव की अमिट छाप छोड़ जाते हैं जिसके लिए वे प्रशंसकों के दिलों में राज करते हैं। हर मैच और किस्से में उनकी  याद करके प्रशंसकों के दिल तलबगार हो जाते हैं। जी हां उनमें से महेंद्र सिंह धोनी भी एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने बेहतरीन खेल के साथ-साथ मैदान में कुछ असाधारण व्यवहार का अध्याय जोड़ दिया उनका यह विचित्र आचरण जिसमें शांतचित्त , कुशल नेतृत्व, रणनीति, हंसमुख, सहजता आदि आदि आकृषित बातें थीं वो ही उनके खेल से ज्यादा उनको व्यक्तिगत रूप से महान बनाती थी। महेंद्र सिंह धोनी ने जितनी मेहनत की संघर्ष कि उनके इस संघर्ष के साथ उनका जीवन बहुत भाग्यशाली बनता गया। क्रिकेट की दुनिया में धोनी को जितना मिला वो कई कप्तानों के नसीब में नहीं होता वो कैसे भाग्यशाली और नसीब वाले थे? इसकी बात उनकी उपलब्धियों में करेंगे।



फिलहाल बात करते हैं उनके अलविदा की ....एक ऐसा खिलाड़ी मैदान में विकेट के पीछे अब देखने को नहीं मिलेगा (अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में) जिसके मैदान में होने पर हारे हुए मैच में भी दशकों को जीत की उम्मीद दिखाई देती थी। वो अपने कंधों पर मैच का पासा पलट देंगे ! यह उम्मीद सिर्फ भारतीय प्रशंसकों को ही नहीं विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को भी रहती थी। भले ही कैसा भी मैच हो कितना भी खास मैच हो, कितना भी दबाव हो उन्होंने कभी आपा नहीं खोया ना ही कभी उनके चेहरे पर पराजय भाव आए। वे संतुलित और असाधारण व्यक्तित्व के धनी हैं उनका परिवारिक जीवन हो या ड्रेसिंग रूम या मैदान वो हर क्षेत्र में संयमित और संतुलित है। धोनी संवेदनशील शख्स है। वे केप्टन कूल नाम का दर्जा दिया गया।
विकेट के पीछे खिलाड़ियों को निर्देश देने हो या योजना बनानी हो वो अपने ही अंदाज में करते रहे। कभी कभी तो वो डीआरएस की तरह सटीकता को भांप लेते थे। विकेट के पीछे जितनी स्फुर्ती उनमें है वो शायद किसी विकेटकीपर में रही होगी। कभी हमें रिव्यू का इन्तजार करना पड़ता था कि बल्लेबाज बोल्ड हुआ है या धोनी ने स्टंप किया है! फिर धीरे धीरे रिव्यु में धोनी बाज की तरह बेल्स हटा रहे होते हैं। उनकी शारीरिक फिटनेस हो या उनकी हेयर स्टाइल शुरुआत में धोनी के लम्बे बालों ने प्रशंसकों का दिल जीत लिया था। फिर वे समय के साथ-साथ अपनी हेयर स्टाइल में बदलाव किया। उनका शुरूआती क्रिकेट बहुत आक्रामक हुआ करता था लेकिन जब उन पर टीम को संम्भालने का दारोमदार आया तब उन्होंने अपनी बल्लेबाजी को जिम्मेदारी में ढाल दिया वे हमेशा मैच जीताऊ पारी खेलने लग गए। उनको न शतकों की चिंता थी न ही रिकार्ड की । बस वो हमेशा पांचवें स्थान पर बल्लेबाजी करते रहे। जब भारतीय टीम रनों संकट में दिखने लगी तब तब वे संकटमोचन बन कर टीम को जीताया। और उनके रिकॉर्ड अपने आप बनते रहे। वाकई वे क्रिकेटर ही नहीं वे एक प्रेरणा के स्रोत है जो आज के युवा के लिए आइकन है।

महेंद्र सिंह धोनी का जीवन परिचय

महेंद्र सिंह धोनी का जन्म रांची, झारखण्ड (पहले बिहार) में 7 जुलाई 1981 को हुआ था। महेंद्र सिंह धोनी के पिता का नाम पान सिंह  एवं इनकी माता का नाम देवकी धोनी है। महेंद्र सिंह धोनी का एक बड़ा भाई और एक बहन भी है। धोनी के भाई का नाम नरेन्द्र सिंह धोनी तथा बहन का नाम जयंती है। धोनी एक मध्यमवर्गी परिवार से थे। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा रांची के जवाहर विद्या मंदिर स्कूल से पूर्ण की। धोनी के पिता एक स्टील बनाने वाली कंपनी में काम करते थे।
महेंद्र सिंह धोनी को बचपन से ही क्रिकेट की जगह फुटबॉल पसंद था लेकिन इनके कोच ठाकुर दिग्विजय सिंह ने इन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया। धोनी को फुटबॉल टीम में एक गोलकीपर के तौर पर खेलते थे।यही देखकर कोच ने उन्हें क्रिकेट में एक विकेट कीपर के तौर पर खेलने को कहा। धोनी ने अपने माता पिता की सलाह लेकर क्रिकेट खेलना शुरू किया।2001-2003 में धोनी पहली बार कमांडो क्रिकेट क्लब की ओर से खेले वहां पर उनकी विकेट कीपिंग को देखकर सभी ने उनकी सराहना की। रोचक बात यह है कि धोनी ने अपनी जिंदगी में बहुत संघर्ष किया उनके जहन में हमेशा कुछ बेहतर करने की जिद  थी इसलिए उन्होंने 2003 में धोनी ने खड़कपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन टिकट चेकर के तौर पर भी काम किया।


धोनी ने अपने प्रोफेशनल क्रिकेट करियर की शुरुआत सन 1998 में बिहार अंडर-19 टीम से की । 1999-2000 में धोनी ने बिहार रणजी टीम में खेलकर अपना पदार्पण किया। देवधर ट्रॉफी, दिलीप ट्रॉफी और इंडिया “ए” में केन्या टूर में किये गए प्रदर्शन की बदौलत उन पर राष्ट्रीय टीम चयन समीति ने ध्यान दिया।
वर्ष 2004 में एक टीम चयन समीति के बैठक में सौरव गांगुली से पुछा गया था कि टीम में विकेट कीपर किसे बनायेंगे? तब सौरव गांगुली ने कहा था कि “मैं एम.एस.धोनी को विकेट कीपर बनाना चहुँगा”। 2004 में धोनी ने बांग्लादेश के खिलाफ चिट्टगाँव में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया तब से लेकर महेंद्र सिंह धोनी ने संन्यास तक बहुत लम्बा सफर तय किया जिसमें उन्होंने अपने लिए और भारत के लिए कई कीर्तिमान स्थापित किए। इसलिए उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का सफलतम कप्तान माना जाता है। एक मात्र कप्तान जिन्होंने प्रत्येक प्रकार के वर्ल्ड कप में भारत को सरताज दिलवाया इसलिए वे बहुत भाग्यशाली कप्तान माना जाता है किसी भी कप्तान का सपना होता है कि उनकी कप्तानी में टीम वर्ल्ड चैंपियन बनें लेकिन यह सपना पूरा करना अपने आप में बड़ी बात होती है क्योंकि 50-50 ओवर के विश्व कप में 4 वर्ष इंतजार करना पड़ता है। एसे में थोड़ी सी भी गलती आपको वर्ल्ड कप से बाहर कर सकती हैं फिर लम्बे समय तक किसी खिलाड़ी के पास कप्तानी रहे या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसलिए विराट कोहली के पास एक मौका था तथा टीम से अपेक्षा भी थी लेकिन भारत सेमीफाइनल में न्युजीलैंड से परास्त हो गया। लेकिन धोनी का नसीब ही कुछ और था 2011 विश्व कप में कई उतार चढ़ाव आने के बाद भी टीम इंडिया विश्व कप चैंपियन बन गई इसलिए जब जब इस विश्व चैंपियन की बात होगी धोनी का नाम इस सफलता के साथ लिया जाएगा । जब 2007 में टी20 विश्व कप शुरू हुआ था तब दुनिया इस छोटे फोरमेट से आश्चर्यचकित थी तब धोनी चुपके से चैम्पियन का ताज भारत के नाम कर गए हांलांकि इसी वर्ल्ड कप में भारत न्युजीलैंड से हारा था और पाकिस्तान से मैच टाई हुआ फिर बाल आउट से जीते सबकुछ हुआ लेकिन धोनी ने टी-ट्वेंटी विश्व कप के पहले ही वर्ल्ड कप में भारत को गोरवान्वित किया यह उनके करियर के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात थी।

टेस्ट क्रिकेट में धोनी

MS dhoni test career
Test cricket



अपने क्रिकेटिंग करीयर में धोनी ने 90 टेस्ट में 4876 रन बनाये। टेस्ट में उनकी सबसे बड़ी पारी चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आई, इस पारी में धोनी ने 224 रन बनाये। टेस्ट में धोनी ने स्टंप के पीछे 256 कैच और 38 स्टम्पिंग की है।

वन-डे इंटरनेशनल में धोनी

MS dhoni one day career
One day international



वन-डे इंटरनेशनल में धोनी ने 350 मैचों में 10773 रन बनाये।धोनी ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ वन-डे पारी श्रीलंका के खिलाफ 2005 में जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेली, इस पारी में धोनी ने 183 रन की पारी खेली। वन डे में धोनी ने विकेट कीपिंग करते हुए 321 कैच पकड़े और 123 स्टम्पिंग की।

विकेट के पीछे मुस्तेद माही

MS dhoni behind wickets career
Wicket keeper




विकेट के पीछे उनका कहना ही क्या वो बाज की तरहां मुस्तेद रहा करते थे पलक झपकते ही बेल्स उड़ा देना दर्शकों के लिए आश्चर्य का विषय हुआ करता था। इसलिए उनके नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे तेज़ स्टम्पिंग का रिकॉर्ड भी है उन्होंने मिशेल मार्श की 0.76 सेकंड में स्टंपिंग की थी।उनके नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे तेज़ स्टम्पिंग का रिकॉर्ड भी है उन्होंने मिशेल मार्श की 0.76 सेकंड में स्टंपिंग की थी।

उपलब्धियों और सुर्खियों में माही

दिसंबर 2004: बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव (बांग्ल) में वनडे के जरिए धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया।
अप्रैल 2005: अपने 5वें वनडे मैच में पाकिस्तान के खिलाफ पहली बार नंबर 3 पर मिला मौका। विशाखापत्तनम के मैदान पर धोनी ने 123 गेंदों में ठोके 148 रन। इस पारी से पहले इंटरनैशनल क्रिकेट में धोनी के खाते में 4 पारियों में सिर्फ 22 रन ही थे।
अक्टूबर 2005: तेजी से रन बनाने के लिए बल्लेबाजी क्रम में फिर से ऊपर मिला मौका। श्रीलंका के खिलाफ खेली इस पारी में उन्होंने 145 गेंद में 183 रन बनाए। पांच मैचों की सीरीज भारत ने 3-0 से जीती और धोनी मैन ऑफ द सीरिज रहे।
31 अक्टूबर 2005 को जयपुर के सवाई मानसिहं स्टेडियम में श्रीलंका के विरुद्ध धोनी ने अविजित 183 रन बनाए जो विश्व के किसी विकेट कीपर द्वारा बनाया गया सर्वाधिक स्कोर था ।
दिसंबर 2005:  धोनी ने चेन्नै में श्रीलंका के खिलाफ   टेस्ट  क्रिकेट में पदार्पण किया।
एक दिवसीय मैचों की आई.सी.सी. रैकिंग में प्रथम स्थान पर पहुंचने वाले धोनी प्रथम भारतीय क्रिकेटर हैं ।
उन्हें 2006 में एम टी.वी. तथा पेप्सी का ‘यूथ आइकॉन’ चुना गया ।
19 अप्रैल 2006 को आई.सी.सी. रैंकिंग में (एक दिवसीय मैच में) धोनी को एक नम्बर रैकिंग मिली ।
सितंबर 2007: धोनी ने राहुल द्रविड़ से वनडे क्रिकेट की कप्तानी ली।
सितंबर 2007: धोनी ने वनडे क्रिकेट में एक पारी में सबसे ज्यादा शिकार के एडम गिलक्रिस्ट के अंतरराष्ट्रीय रेकॉर्ड की बराबरी की।
महेंद्र सिंह धोनी को वर्ष 2007 के सर्वोच्च खेल सम्मान ‘राजीव गांधी खेल-रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है  अत: उन्होंने विश्व कीर्तिमान स्थापित किया और वह ‘मैन ऑफ द मैच’ चुने गए |
सितंबर 2007: वह दक्षिण अफ्रीका में पहले टी20 विश्व कप में भारत के कप्तान बने। भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराया। धोनी ने फाइनल का आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा जैसे कम अनुभवी गेंदबाज से डलवाया और यह मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ।
2007 में बीस ओवर्स की मैच श्रंखला में भारत की टीम महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेली और फाइनल मैच में पाकिस्तान को हराकर विश्व-चैंपियन घोषित हुई
अगस्त 2008: धोनी ने श्रीलंका में भारत को पहली द्विपक्षीय सीरीज में जीत दिलाई।
नवंबर 2008: धोनी भारत के टेस्ट कप्तान बने। उन्होंने नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट में अनिल कुंबले से कप्तानी ली।
दिसंबर 2008: धोनी आईसीसी वर्ष के सर्वश्रेष्ठ वनडे क्रिकेटरबने।
मार्च 2009: धोनी की कप्तानी में भारत ने न्यूजीलैंड में पहली द्विपक्षीय वनडे सीरीज जीती।
मई 2010: धोनी की कप्तानी में चेन्नै सुपर किंग्स ने आईपीएल जीता।
अप्रैल 2011: धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल में 79 गेंद में 91 रन की नाबाद पारी खेली। भारत 28 साल बाद विश्व कप जीता। छक्के से जीत दिलाने वाले धोनी मैन ऑफ द मैच।
मई 2011: धोनी की कप्तानी ने सीएसके ने आईपीएल जीता।
2013 में जब भारत ने चैम्पियनशिप ट्राफी जीती, तब धोनी ही कप्तान थे। इसी के साथधोनी दुनिया के अकेले ऐसे कप्तान बन गए, जिन्होंने आईसीसी के तीन टूर्नामेंट जीते।
एशिया कप 2016 के फाइनल मुकाबले में भारत ने बांग्लादेश को 8 विकेट से हराया। टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र धोनी ने एशिया कप जीतने के साथ एक रिकॉर्ड और अपने नाम कर लिया। बांग्लादेश के खिलाफ मैच में उतरते हीधोनी विदेशी धरती पर 200 मैचों में कप्तानी करने वाले विश्व के पहले कप्तान बन गए।
धोनी ने 14 जुलाई 2018 को इंग्लैंड के खिलाफ अपने 10,000 रन पूरे किये थे. वह एकदिवसीय मैचों के इतिहास में 10,000 रन के क्लब में पहुंचने वाले 12वें खिलाड़ी बन गए है.।
2018-19 में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा टेस्ट (60), वनडे (200) और टी20 अंतरराष्ट्रीय (72) में कप्तानी का रिकॉर्ड, साथ ही भारत की तरफ से सबसे ज्यादा टेस्ट (27), वनडे (110) और टी20 अंतरराष्ट्रीय (41) जीतने वाले कप्तान बनने का कीर्तिमान स्थापित किया।
15 अगस्त 2020 को अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट से अलविदा कहा।
Mahendra Singh Dhoni
महेंद्र सिंह धोनी


एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी

साल 2016 में आई फिल्म 'एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी' रिलीज हुई  जिसमें सुशांत सिंह को जमकर तारीफें मिली थी। इस फिल्म के लिए सुशांत सिंह राजपूत ने करीब 2 साल की तैयारी और क्रिकेट प्रैक्टिस की थी। इस फिल्म में उनकी परफॉर्मेंस को उनके करियर की बेहतरीन फिल्मों में माना जाता हैं। इस फिल्म में महेंद्र सिंह धोनी के जीवन संघर्षों को पर्दे पर जीवंत किया गया। किसी खिलाड़ी की कम उम्र में उन पर मूवी बनना उनकी चरम लोकप्रियता को इंगित करता है।

विवादों के घेरे में आएं माही

1.विश्व कप 2019 में धोनी ने सेना के बलिदान बैज को अपने विकेटकीपिंग ग्लव्स पर लगाकर एक अनोखे विवाद को जन्म दे दिया। धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में अपने कीपिंग ग्लव्स पर पैरामिलिट्री फोर्स का लोगो लगाया था, जिसे लेकर विवाद इतना बढ़ा कि आईसीसी और बीसीसीआई आमने सामने आ गईं। बाद में आईसीसी के नियमों के तहत धोनी को इस बैज का मैदान पर इस्तेमाल करने से मना कर दिया गया। धोनी भी अगले मैच में अपने ग्लव्स से बैज का निशान हटाकर मैदान पर उतरे।
2.चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के रोमांचक मुकाबले में 'नो बॉल' को लेकर विवाद भी देखने को मिला। इस दौरान धोनी भी मैदान में उतर आए और अंपायर से बात करने पहुंच गए। दरअसल चेन्नई सुपरकिंग्स को जीत के लिए तीन बॉल पर केवल सात रनों की जरूरत थी। बेन स्टोक्स राजस्थान रॉयल्स के सैंटनर के लिए बोलिंग कर रहे थे। मैदान में भ्रम की स्थिति बन गई कि अंपायर  ने नो बॉल का फैसला दिया है। लेकिन बाद में अंपायर ने कहा कि उन्होंने नो बॉल का फैसला नहीं दिया था। इसके बाद धोनी भी अंपायर के पास आए और उनसे कुछ कहते दिखे। हालांकि बाद में इस बॉल को सही बताया गया।
3. भारत की टीम 2006 में टेस्ट मैच खेलने के लिए वेस्टइंडीज के दौरे पर गयी हुई थी. उस समय भारतीय टीम के कप्तान राहुल द्रविड़ थे और ये धोनी के कैरियर की चौथी टेस्ट मैच सीरिज थी, जिसका पहला टेस्ट एंटीगुआ में खेला जा रहा था , जिसमे धोनी के आउट होने पर कुछ विवाद हो गया था और बाद में ब्रायन लारा ने उन्हें मैदान से बाहर जाने के लिए कह दिया था। हालांकि डेरेन गंगा के कैच को स्पष्ट नहीं माना गया । धोनी को अम्पायर ने रोक दिया था। लारा ने अम्पायर को समझाने की कोशिश की कि कैच सही पकड़ लिया गया । आखिर धोनी को नांट आउट करार दिया । बाद में द्रविड़ ने पारी समाप्त की घोषणा भी कर दी थी।
सबकुछ मिला कर देखा जाए तो धोनी विवादों से दूर ही रहे। उनका मैदानी अनुशासन अच्छा रहा।


साक्षी और  धोनी का सफर जीवन साथी के रूप मे

साक्षी और महेंद्र सिंह धोनी रांची के DAV श्यामली स्कूल में पढते थे।
साक्षी की आगे की शिक्षा देहरादून के वेलहेम में हुई और बाद में उन्होंने औरंगाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट से डिग्री हासिल की। साक्षी ने अपनी ट्रेनिंग कोलकाता के ताज बेंगाल होटल में पूरी की।
ताज बेंगाल होटल में 2008 में साक्षी और धोनी की  मुलाकात हुई जब भारतीय टीम पाकिस्तान के साथ इडन गार्डन में होने वाले मैच के लिए ताज में रुकी थी। इस प्रकार में साक्षी और धोनी के बीच साधारण मुलाकातें और साधारण तरीके से परिणय सूत्र में बंध जाना उनकी सरल स्वभाव और साधारण जीवन का एक पवित्र उदाहरण है। धोनी और साक्षी का सभ्य तरीके से परिणय सूत्र में बंध जाना भारतीय संस्कृति की मर्यादा को इंगित करता है। साक्षी और धोनी की प्रेम कहानी तड़क भड़क से परे थी ना उन्होंने कभी मीडिया के सामने आकर सूर्खिया  बटोरी। उनके प्यार और विवाह बंधन की कहानी हर किसी के लिए अनसुनी रही । वो एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले संघर्षशील सख्स है इसलिए उन्होंने अपनी इस निजी जीवन की बातें को अधिक सार्वजनिक नहीं किया।
साक्षी और धोनी के प्रेम की शुरुआत हुई जो 2010 में शादी के रूप में सबके सामने आई।
धोनी ने जब साक्षी को शादी के लिए प्रपोज किया था तो इस दौरान वह होटल मैनेजमेंट की स्टूडेंट थीं। धोनी तब टीम इंडिया के कप्तान बन चुके थे. दोनों की शादी देहरादून में हुई थी।इसमें दोनों परिवार के करीबी तथा दोनों के खास दोस्त ही शामिल हुए थ।
धोनी की निजी जिंदजी से जुड़ी कई जानकारियों को साल 2016 में रिलीज हुई फिल्म 'एम एस धोनी: अनटोल्ड स्टोरी' में भी दिखाया गया है।

लोकप्रिय जीवा और धोनी

 6 फरवरी 2015 को साक्षी धोनी ने जीवा को जन्म दिया था ।महेंद्र सिंह धोनी की पूत्री जीबा/जीवा दुनिया के किड्स में लोकप्रियता की अग्रिम पंक्ति में है। उनकी बेटी और पत्नी साक्षी को अक्सर मैचों में धोनी का हौसला अफजाई करते हुए देखा गया।
जीवा सोशल मीडिया पर भारत की सबसे फेमस सिलेब्रिटी किड्स में से एक हैं। उनके ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर 17 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं जिससे पता चलता है कि वो कितनी फेमस हैं। 

मैं पल दो पल का शायर हूं

उन्होंने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें  मुकेश दा का गाया हुआ गाना, 'मैं पल दो पल का शायर हूं...'... बज रहा है। धोनी ने इस गाने के साथ ही इंटरनैशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। उन्होंने अपना आखिरी इंटरनैशनल मैच पिछले साल जुलाई में खेला था। 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मैच में भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी, और वो ही धोनी का आखिरी इंटरनैशनल मैच था।

महेंद्र सिंह धोनी को थाला क्यों कहते हैं।
उत्तर -थाला का अर्थ है अच्छा नेतृत्वकर्ता

Ms dhoni in IPL आईपीएल में धोनी का केरियर।


टीम - चेन्नई सुपर किंग्स Chennai Super Kings ((CSK)
Role - Captain and wicket keeper batter (कप्तान एवं विकेटकीपर बल्लेबाज) बेहतरीन फिनिशर 
उपलब्धियां - 5बार आईपीएल टाइटल विजेता 






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