भाषा-संसर्ग विधि अर्थ एव परिभाषा
भाषा संसर्ग प्रणाली सर्वथा दोष-युक्त नहीं है। प्राथमिक कक्षाओं में व्याकरण पढने की यही प्रणाली लाभदायक है।
इस प्रणाली में व्याकरण के नियमों का ज्ञान कराए बिना, भाषा के शुद्ध रूप का अनुकरण करने का अवसर प्रदान कर छात्रों शुद्ध भाषा का प्रयोग करना सिखाया जाता है।
इसके द्वारा प्रारम्भिक कक्षाओं में रचना तथा अभ्यास द्वारा भाषा का शुद्ध प्रयोग कराया जाता है।
प्राथमिक स्तर पर बच्चों को व्यावहारिक व्याकरण का ज्ञान देने के लिए तो यह विधि उपयोगी है ।
दोष
व्याकरण के नियमों का ज्ञान नहीं हो पाएगा । समय अधिक व्यय होगा। व्याकरण का सैद्धांतिक ज्ञान न दिया जाकर उसके व्यावहारिक पक्ष पर जोर दिया जाता है। यह मनोवैज्ञानिक अवश्य है क्योंकि विद्यार्थियों को बुद्धि और तर्क से काम लेना पड़ता है। भाषा की शिक्षा दी जा सकती है, व्याकरण की नहीं। भाषाशिक्षण की विधि कही जा सकती है, व्याकरण-शिक्षण की नहीं। व्याकरण के नियमों का व्यवस्थित ज्ञान भी नहीं हो पाएगा।
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