प्रारम्भिक अवस्था में बालकों के सामने समान ध्वनि वाले शब्द रखे जाते है। इस विधि में बच्चों की शब्दावली में शब्द पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलते। किसी एक ही वाक्य में शब्दों का मेल होता है। इस विधि में शब्दों, वाक्य खण्डों और वाक्यों की ध्वनियों पर अधिक ध्यान दिया जाता है। इस विधि में ध्वनियों का, उनके उच्चारण तथा अक्षर विन्यास का भी अभ्यास हो जाता है। ये विधि संश्लेषणात्मक कहलाई जाती हैं क्योंकि इनमें अक्षर से आरंभ करते हैं और अक्षरों के जोड़ या संश्लेषण से शब्द बनाते हैं।
Thursday, January 30, 2020
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