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Saturday, October 11, 2025

Nobel prize नोबेल पुरस्कार : इतिहास, शुरुआत, प्रक्रिया और सभी रोचक तथ्य नोबेल विजेता लिस्ट

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Nobel prize 


 

Nobel-Prize कौन देता है कितनी राशि और क्या मिलता है?


दुनिया में ऐसे कुछ ही सम्मान हैं जिनका नाम सुनते ही व्यक्ति के मन में गौरव, बुद्धिमत्ता और मानवता के प्रति योगदान की छवि बन जाती है। “नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize)” उन्हीं में से एक है। यह सम्मान विश्व का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है, जो विज्ञान, साहित्य, शांति, अर्थशास्त्र और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं को दिया जाता है।
परंतु क्या आप जानते हैं कि इस पुरस्कार की शुरुआत एक विस्फोटक से जुड़ी हुई थी? जी हाँ, जिस व्यक्ति ने डायनामाइट जैसी भयंकर चीज़ बनाई, उसी ने मानवता की भलाई के लिए इस पुरस्कार की नींव रखी।
आइए, जानते हैं नोबेल पुरस्कार की पूरी कहानी, इसकी शुरुआत से लेकर आज तक की यात्रा को विस्तार से।

नोबेल पुरस्कार की शुरुआत कैसे हुई


नोबेल पुरस्कार की कहानी जुड़ी है अल्फ्रेड बर्नार्ड नोबेल (Alfred Bernhard Nobel) से — एक स्वीडिश रसायनशास्त्री, इंजीनियर, आविष्कारक, लेखक और उद्योगपति।
अल्फ्रेड नोबेल का जन्म 21 अक्टूबर 1833 को स्टॉकहोम (स्वीडन) में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में 355 से अधिक पेटेंट करवाए। उनका सबसे प्रसिद्ध आविष्कार था “डायनामाइट”, जिसे उन्होंने 1867 में बनाया।

डायनामाइट और नोबेल की पीड़ा


डायनामाइट के आविष्कार ने पूरी दुनिया को हिला दिया। यह एक शक्तिशाली विस्फोटक था जिसने निर्माण, खनन और सुरंग बनाने जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला दी। लेकिन इसके साथ ही, इसका उपयोग युद्धों और विनाश में भी होने लगा।
नोबेल को गहरा दुख तब हुआ जब एक फ्रांसीसी अखबार ने गलती से उनकी मृत्यु की खबर छाप दी और शीर्षक लिखा—
“The merchant of death is dead” (मौत का व्यापारी मर गया)
असल में यह खबर उनके भाई लुडविग नोबेल की मृत्यु की थी, पर अखबार ने नाम की गलती कर दी।
यह देखकर अल्फ्रेड नोबेल को एहसास हुआ कि दुनिया उन्हें “मौत का सौदागर” के रूप में याद करेगी। उन्होंने तय किया कि उन्हें अपनी छवि बदलनी होगी और मानवता के लिए कुछ ऐसा करना होगा जिससे उन्हें सदैव सकारात्मक रूप में याद किया जाए।

 नोबेल की वसीयत – पुरस्कार की नींव Nobel's will – the foundation of the prize


अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत 27 नवंबर 1895 को लिखी। इसमें उन्होंने अपनी अधिकांश संपत्ति (लगभग 31 मिलियन स्वीडिश क्रोनर, जो आज अरबों डॉलर के बराबर है) एक फंड के रूप में रखने का निर्देश दिया।
इस फंड से हर वर्ष उन व्यक्तियों को पुरस्कार दिया जाए जिन्होंने “मानवता के लिए सबसे बड़ा लाभ पहुँचाया हो।”

वसीयत में नोबेल ने पाँच क्षेत्रों का उल्लेख किया था:


1. भौतिकी (Physics)
2. रसायन विज्ञान (Chemistry)
3. चिकित्सा या शरीर विज्ञान (Medicine or Physiology)
4. साहित्य (Literature)
5. शांति (Peace)

उन्होंने यह भी लिखा कि इन पुरस्कारों का वितरण स्वीडन और नॉर्वे की संस्थाएँ करेंगी।

नोबेल की मृत्यु 10 दिसंबर 1896 को इटली के सैन रेमो में हुई। उसी तारीख को बाद में हर साल 10 दिसंबर को नोबेल पुरस्कार दिए जाने की परंपरा शुरू हुई।


नोबेल पुरस्कार का संगठन और संस्थाएँ


नोबेल की वसीयत को पूरा करने के लिए “नोबेल फाउंडेशन (Nobel Foundation)” की स्थापना 1900 में की गई।
यह संस्था इन पुरस्कारों के धन का प्रबंधन, चयन समिति की देखरेख और आयोजन करती है।

प्रत्येक क्षेत्र के लिए अलग-अलग समितियाँ चयन का कार्य करती हैं:

Nobel prize क्षेत्र चयन संस्था


भौतिकी रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज
रसायन विज्ञान रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज
चिकित्सा कैरोलिंस्का इंस्टिट्यूट (Stockholm)
साहित्य स्वीडिश अकादमी
शांति नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी (Oslo)
अर्थशास्त्र (बाद में जोड़ा गया) स्वीडिश नेशनल बैंक (Sveriges Riksbank)

नोबेल पुरस्कार में क्या मिलता है


प्रत्येक विजेता को तीन चीजें दी जाती हैं:

1. स्वर्ण पदक (Gold Medal) – जिस पर अल्फ्रेड नोबेल की आकृति अंकित होती है।

2. प्रमाणपत्र (Diploma) – जो उस क्षेत्र की संस्था द्वारा हस्ताक्षरित होता है।

3. नकद राशि (Cash Prize) – यह राशि हर वर्ष फाउंडेशन की आय पर निर्भर करती है।
वर्ष 2024 में यह राशि लगभग 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (करीब ₹8.2 करोड़ रुपये) प्रति पुरस्कार थी।

अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार – बाद में जोड़ा गया


अल्फ्रेड नोबेल की मूल वसीयत में “Economics” का उल्लेख नहीं था।
1968 में स्वीडन के सेंट्रल बैंक (Sveriges Riksbank) ने नोबेल की स्मृति में “The Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel” नाम से एक नया पुरस्कार जोड़ा।
पहली बार यह पुरस्कार 1969 में राग्नार फ्रिश और जैन टिनबर्गन को दिया गया।


नोबेल पुरस्कार वितरण समारोह


हर साल 10 दिसंबर को (नोबेल की पुण्यतिथि) यह पुरस्कार वितरित किए जाते हैं।

भौतिकी, रसायन, चिकित्सा, साहित्य और अर्थशास्त्र के पुरस्कार स्टॉकहोम (Sweden) में दिए जाते हैं।

जबकि शांति पुरस्कार ओस्लो (Norway) में प्रदान किया जाता है।

समारोह के बाद नोबेल बैंक्वेट (भोज) का आयोजन किया जाता है जिसमें राजपरिवार, वैज्ञानिक और विश्वप्रसिद्ध लोग शामिल होते हैं।


नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize)


यह पुरस्कार विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन लोगों या संस्थाओं को दिया जाता है जिन्होंने विश्व शांति, मानवाधिकार और संघर्ष समाधान में योगदान दिया हो।
कुछ प्रमुख शांति पुरस्कार विजेता हैं:


वर्ष

विजेता नाम

1901

हेनरी डुनैंट

फ़्रेडरिक पैसी

1902

एली डुकॉमुन

अल्बर्ट गोबट

1903

रैंडल क्रेमर

1904

अंतर्राष्ट्रीय विधि संस्थान

1905

बर्था वॉन सुटनर

1906

थियोडोर रूजवेल्ट

1907

अर्नेस्टो टेओडोरो मोनेटा

लुई रेनॉल्ट

1908

क्लास पोंटस अर्नोल्डसन और फ्रेड्रिक बेजर

1909

ऑगस्टे बर्नर्ट और पॉल हेनरी डी’एस्टोरनेल्स
डी कॉन्स्टेंट

1910

स्थायी अंतर्राष्ट्रीय शांति ब्यूरो

1911

टोबियास अस्सर

अल्फ्रेड फ्राइड

1912

एलिहू रूट

1913

हेनरी लाफॉन्टेन

1917

अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति

1919

वुडरो विल्सन

1920

लियोन बुर्जुआ

1921

हजलमार ब्रांटिंग और क्रिश्चियन लैंग

1922

फ्रिड्टजॉफ नानसेन

1925

सर ऑस्टेन चेम्बरलेन

चार्ल्स जी. डावेस

1926

एरिस्टाइड ब्रायंड और गुस्ताव स्ट्रेसेमैन

1927

फर्डिनेंड बुइसन और लुडविग क्विड

1929

फ्रैंक बी. केलॉग

1930

नाथन सोडरब्लोम

1931

जेन एडम्स और निकोलस मरे बटलर

1933

सर नॉर्मन एंजेल्ल

1934

आर्थर हेंडरसन

1935

कार्ल वॉन ओस्सिएत्ज़की

1936

कार्लोस सावेद्रा लामास

1937

रॉबर्ट सेसिल, चेलवुड के विस्काउंट सेसिल

1938

नानसेन अंतर्राष्ट्रीय शरणार्थी कार्यालय

1944

अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति

1945

कॉर्डेल हल

1946

एमिली ग्रीन बाल्च

जॉन आर. मॉट

1947

फ्रेंड्स सर्विस काउंसिल और अमेरिकन फ्रेंड्स
 सर्विस कमेटी

1949

लॉर्ड बॉयड ऑर

1950

राल्फ बंच

1951

लिओन जौहॉक्स

1952

अल्बर्ट श्वित्ज़र

1953

जॉर्ज सी. मार्शल

1954

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त का
 कार्यालय

1957

लेस्टर बाउल्स पियर्सन

1958

जॉर्जेस पिरे

1959

फिलिप नोएल-बेकर

1960

अल्बर्ट लुटुली

1961

डेग हैमरशॉल्ड

1962

लिनुस पॉलिंग

1963

रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति और रेड क्रॉस
सोसायटी लीग

1964

मार्टिन लूथर किंग जूनियर.

1965

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष

1968

रेने कैसिन

1969

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन

1970

नॉर्मन बोरलॉग

1971

विली ब्रांट

1973

हेनरी किसिंजर और ले ड्यूक थो

1974

सीन मैकब्राइड

ईसाकु सातो

1975

आंद्रेई सखारोव

1976

बेट्टी विलियम्स और मैरेड कोरिगन

1977

अंतराष्ट्रिय क्षमा

1978

अनवर अल-सादात और मेनाचेम बेगिन

1979

मदर टेरेसा

1980

एडोल्फ़ो पेरेज़ एस्क्विवेल

1981

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त का
 कार्यालय

1982

अल्वा मायर्डल और अल्फोंसो गार्सिया रोबल्स

1983

लेक वाल्सा

1984

डेसमंड टूटू

1985

परमाणु युद्ध की रोकथाम के लिए अंतर्राष्ट्रीय
 चिकित्सक

1986

एली विज़ेल

1987

ऑस्कर एरियास सांचेज़

1988

संयुक्त राष्ट्र शांति सेना

1989

14वें दलाई लामा

1990

मिखाइल गोर्बाचेव

1991

आंग सान सू की

1992

रिगोबेर्ता मेन्चु तुम

1993

नेल्सन मंडेला और एफडब्ल्यू डी क्लर्क

1994

यासर अराफात, शिमोन पेरेज और यित्ज़ाक
राबिन

1995

जोसेफ रोटब्लाट और पगवाश विज्ञान और
विश्व मामलों पर सम्मेलन

1996

कार्लोस फ़िलिप ज़िमेनेस बेलो और जोस
रामोस-होर्टा

1997

बारूदी सुरंगों पर प्रतिबंध लगाने के लिए
 अंतर्राष्ट्रीय अभियान और जोडी विलियम्स

1998

जॉन ह्यूम और डेविड ट्रिम्बल

1999

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स

2000

किम डे-जंग

2001

संयुक्त राष्ट्र और कोफी अन्नान

2002

जिमी कार्टर

2003

शिरीन एबादी

2004

वंगारी मथाई

2005

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी और मोहम्मद
 अलबरदेई

2006

मुहम्मद युनुस और ग्रामीण बैंक

2007

जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल और
अल गोर

2008

मार्टी अह्तिसारी

2009

बराक एच. ओबामा

2010

लियू ज़ियाओबो

2011

एलेन जॉनसन सरलीफ़, लेमाह गॉबी और
 तवाक्कोल कर्मन

2012

यूरोपीय संघ

2013

रासायनिक हथियार निषेध संगठन

2014

कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई

2015

राष्ट्रीय संवाद चौकड़ी

2016

जुआन मैनुअल सैंटोस

2017

परमाणु हथियारों को ख़त्म करने के लिए
अंतर्राष्ट्रीय अभियान

2018

डेनिस मुकवेगे और नादिया मुराद

2019

अबी अहमद अली

2020

विश्व खाद्य कार्यक्रम

2021

मारिया रेसा और दिमित्री मुराटोव

2022

एलेस बियालियात्स्की, मेमोरियल और सेंटर
फॉर सिविल लिबर्टीज

2023

नरगिस मोहम्मदी

2024

निहोन हिडांक्यो संगठन

 2025

 मारिया कोरिना मचाडो

 

 

नोबेल साहित्य पुरस्कार (Literature Nobel Prize)


यह पुरस्कार उन लेखकों को दिया जाता है जिनका साहित्यिक कार्य मानवता के मूल्यों को समृद्ध करता है।
भारत की ओर से अब तक केवल रवीन्द्रनाथ टैगोर (1913) को “गीतांजलि” के लिए यह पुरस्कार मिला है।

विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार


नोबेल के विज्ञान संबंधी पुरस्कार – भौतिकी, रसायन और चिकित्सा – विश्व वैज्ञानिक प्रगति के प्रतीक हैं।
इनसे प्रेरित होकर अनगिनत वैज्ञानिकों ने मानव कल्याण के लिए कार्य किया।

कुछ प्रमुख वैज्ञानिक नोबेल विजेता:

भौतिकी अल्बर्ट आइंस्टीन 1921 फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव
रसायन मेरी क्यूरी 1911 रेडियम की खोज
चिकित्सा अलेक्ज़ेंडर फ्लेमिंग 1945 पेनिसिलिन की खोज
भौतिकी सी.वी. रमन 1930 रमन प्रभाव
रसायन वेंकटरामन रामकृष्णन 2009 राइबोसोम संरचना
चिकित्सा करेन मुलिस 1993 PCR तकनीक

भारत और नोबेल पुरस्कार


भारत का नोबेल पुरस्कारों से गहरा संबंध रहा है।
यहाँ के कई व्यक्तियों ने मानवता, विज्ञान और साहित्य के क्षेत्र में विश्व को दिशा दी है।


रवीन्द्रनाथ टैगोर साहित्य 1913 “गीतांजलि”
सी.वी. रमन भौतिकी 1930 रमन प्रभाव
मदर टेरेसा शांति 1979 मानव सेवा
अमर्त्य सेन अर्थशास्त्र 1998 कल्याण अर्थशास्त्र
कैलाश सत्यार्थी शांति 2014 बाल अधिकार आंदोलन
अभिजीत बनर्जी अर्थशास्त्र 2019 गरीबी पर शोध


नोबेल पुरस्कार चयन प्रक्रिया


नोबेल पुरस्कार की चयन प्रक्रिया अत्यंत गुप्त और कठोर होती है।

1. नामांकन (Nomination):
हर वर्ष सितंबर में नामांकन की प्रक्रिया शुरू होती है। केवल कुछ चुनिंदा विशेषज्ञ, विश्वविद्यालय प्रोफेसर, पूर्व विजेता, और संस्थाएँ ही नाम सुझा सकती हैं।

2. जांच और समीक्षा:
संबंधित समिति सभी उम्मीदवारों का कार्य, शोध और प्रभाव का विश्लेषण करती है।

3. निर्णय:
विजेताओं की घोषणा हर वर्ष अक्टूबर में की जाती है।

4. गोपनीयता:
नामांकन और समीक्षा की पूरी प्रक्रिया 50 वर्षों तक गोपनीय रखी जाती है।

नोबेल पुरस्कार से जुड़े विवाद

इतिहास में कई बार नोबेल पुरस्कार विवादों में घिरा है।
कुछ प्रमुख विवाद इस प्रकार हैं:

महात्मा गांधी को कभी शांति पुरस्कार न मिलना — जबकि उन्हें पाँच बार नामांकित किया गया था।

बॉब डिलन (2016) द्वारा साहित्य पुरस्कार स्वीकार करने में देर करना।

हेनरी किसिंजर को 1973 में वियतनाम युद्ध के बावजूद शांति पुरस्कार मिलना।

नोबेल अर्थशास्त्र पुरस्कार पर आलोचना कि यह “सामाजिक” के बजाय “वित्तीय अभिजात” को बढ़ावा देता है।

नोबेल पुरस्कार की खास बातें और रोचक तथ्य


1. नोबेल पुरस्कार का पहला वितरण 1901 में हुआ।
2. सबसे कम उम्र की विजेता — मलाला यूसुफजई (17 वर्ष)।
3. सबसे अधिक बार नामांकित व्यक्ति — महात्मा गांधी।
4. एकमात्र व्यक्ति जिन्होंने दो अलग-अलग क्षेत्रों में नोबेल जीता — मैरी क्यूरी (भौतिकी और रसायन)।
5. जॉन बार्डीन एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्होंने दो बार भौतिकी का नोबेल पाया।
6. नोबेल पुरस्कार मरणोपरांत (मृत्यु के बाद) केवल तभी दिया जाता है जब नामांकन के बाद विजेता की मृत्यु हो जाए।
7. 1939-1945 के बीच द्वितीय विश्व युद्ध के कारण पुरस्कार वितरण नहीं हुआ।
8. नोबेल पदक का वजन लगभग 175 ग्राम सोना होता है।
9. कई बार संस्थाओं को भी यह पुरस्कार मिला है, जैसे – रेड क्रॉस, संयुक्त राष्ट्र (UN), UNICEF आदि।
10. नोबेल की कुल संपत्ति आज के समय में लगभग ₹3500 करोड़ के बराबर मानी जाती है।

नोबेल पुरस्कार का वैश्विक प्रभाव


नोबेल पुरस्कार सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि मानवता, बुद्धि और करुणा का प्रतीक है।
यह वैज्ञानिकों, लेखकों और समाजसेवियों को प्रेरित करता है कि वे सीमाओं से ऊपर उठकर विश्व की भलाई के लिए काम करें।
यह पुरस्कार हमें याद दिलाता है कि —

“वास्तविक महानता उस आविष्कार में नहीं, बल्कि उसके उपयोग में है जो मानवता की सेवा करे।”


अल्फ्रेड नोबेल ने एक बार कहा था —

 “I intend to leave after my death a large fund for the promotion of science and peace.”


उन्होंने सच में अपने वचन को साकार किया।
उनकी संपत्ति से शुरू हुआ यह पुरस्कार आज विश्व का सर्वोच्च नागरिक सम्मान बन चुका है।
यह हर उस व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है जिसने अपने ज्ञान, कर्म और विचारों से मानव सभ्यता को आगे बढ़ाया है।

नोबेल पुरस्कार हमें सिखाता है कि—
“ज्ञान, करुणा और शांति — यही सच्ची मानवता के प्रतीक हैं।”

अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी गलती से सीखा, अपने आविष्कार से आत्ममंथन किया और अपने धन से मानवता को अमर बना दिया।
आज जब भी किसी को नोबेल पुरस्कार मिलता है, वह सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरी मानव सभ्यता की जीत होती है।

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